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इंटरनेशनल हैंडबॉल प्लेयर से सिंगर और एक्टर बने नवीन, जानें संघर्ष की कहानी

नवीन पूनिया का जन्म हिसार के लाडवा गांव में हुआ. साल 2004 में उन्होंने हैंडबॉल खेलना शरू किया. गरीबी से संघर्ष करते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया. नवीन 12 बार राष्ट्रीय स्तर जबकि 2 बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं.

International handball player naveen
International handball player naveen

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Published : Sep 18, 2020, 9:31 PM IST

Updated : Sep 18, 2020, 10:51 PM IST

हिसार: कोरोना महामारी का असर खेल जगत पर भी पड़ा है. लॉकडाउन की वजह से कोई भी खिलाड़ी ग्राउंड में जाकर प्रैक्टिस नहीं कर पाया, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने इस आपदा को अवर में बदलकर मिसाल पेश की. हम बात कर रहे हैं इंटरनेशनल हैंडबॉल खिलाड़ी नवीन पूनिया की.

नवीन पूनिया ने लॉकडाउन के दौरान गायकी के शौक को टैलेंट में बदला और सुर को निखारते हुए कई गानों की रिकॉर्डिंग की. जो देखते ही देखते हिट हो गए. इसके बाद उन्होंने कुछ कंपनियों के लिए ब्रैंड एंबेसडर बनकर एड भी शूट किए. नवीन भारतीय सेना में हवलदार के पद पर भी कार्यरत हैं.

नवीन पूनिया का जन्म हिसार के लाडवा गांव में हुआ. साल 2004 में उन्होंने हैंडबॉल खेलना शरू किया. गरीबी से संघर्ष करते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया. नवीन 12 बार राष्ट्रीय स्तर जबकि 2 बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं.

इंटरनेशनल हैंडबॉल प्लेयर से सिंगर और एक्टर बने नवीन, जानें संघर्ष की कहानी
  • 2006 में पहली बार नवीन अंडर 17 में नेशनल लेवल पर खेले
  • 2007 में जूनियर नेशनल में कांस्य पदक जीता
  • 2008 में ऑल इंडिया चैंपियनशिप में सिल्वर पदक जीता
  • 2009 में ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडल जीता
  • 2010 में खेल कोटे से नवीन को भारतीय सेना में नौकरी मिली
  • 2012 में भारतीय आर्मी की रेड टीम को गोल्ड मेडल दिलाया
  • 2013 में फेडरेशन कप में सिल्वर मेडल
  • 2014 में सीनियर नेशनल प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल
  • 2015 में सीनियर नेशनल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल
  • 2016 में सिल्वर और 2018 में फिर बॉन्ज मेडल जीता
  • 2018 में नवीन पुनिया पहली बार इंडियन टीम का हिस्सा बनें

18वीं एशियन गेम इंडोनेशिया में खेलते हुए नवीन पूनिया ने पाकिस्तान के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. इस गेम के दौरान नवीन ने आखिरी के 10 सेकेंड में पाकिस्तान के खिलाफ गोल किया और भारत को यादगार जीत दिलाई. नवीन के माता-पिता उनकी इस उपलब्धि से खुश नजर आए. भारतीय आर्मी की रेड टीम में नवीन कोच विनोद और अरुण सैनी के दिशा निर्देश में अभ्यास कर रहे हैं. नवीन ने कहा कि उनकी कामयाबी में पिता, माता और कोच ने हमेशा उनकी मदद की.

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लॉकडाउन से पहले घर पर छुट्टी आए नवीन ने 2022 में होने वाले एशियन गेम्स में भारत को गोल्ड मेडल जिताने के लिए मेहनत करने की ठानी, लेकिन लॉकडाउन के कारण वो प्रैक्टिस नहीं कर पाए. नवीन इस समय को बर्बाद नहीं करना चाहते थे. इसलिए उन्होंने अपने पैशन को समय देकर उसे निखारने की कोशिश जारी रखी. एक नौकरी सरकारी गीत उनका काफी पसंद किया गया.

Last Updated : Sep 18, 2020, 10:51 PM IST

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