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ई-मौसम कृषि सेवा को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने अपनी वेबसाइट पर जोड़ा, किसानों को होगा फायदा

मौसम की जानकारी देने वाली ई-मौसम एसएमएस सेवा (e-mausam sms service) को हरियाणा सरकार के साथ-साथ अब भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की वेबसाइट पर भी जगह मिली है. ये सेवा किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही है.

Indian Council of Agricultural Research has added e-Mausam Agriculture Service on its website
ई-मौसम कृषि सेवा को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने अपनी वेबसाइट पर जोड़ा, किसानों को होगा फायदा

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Published : Sep 30, 2021, 1:56 PM IST

हिसार: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार (Hisar Agriculture University) की ई-मौसम एसएमएस सेवा (e-mausam sms service) को हरियाणा सरकार के साथ-साथ अब भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की वेबसाइट पर भी जगह मिली है. यह जानकारी देते हुए कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने बताया कि राज्य के किसानों को मौसम की पूर्व जानकारी व कृषि सलाह प्रदान करने वाली यह सेवा किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो रही है. इससे किसानों को फसलों संबंधी बिजाई, कटाई व कढ़ाई के लिए समय निर्धारण करने में आने वाली समस्याओं से निजात मिल रही है और वे आर्थिक नुकसान से बच रहे हैं.

वर्ष 2011 में शुरू हुई थी यह सेवा:कुलपति बी आर कम्बोज ने बताया कि किसानों के लिए वरदान साबित हो रही यह ई-मौसम सेवा को वर्ष 2011 में शुरू किया गया था, जो निशुल्क है. अब तक इस सेवा का प्रदेश के करीब चार लाख किसान लाभ उठा रहे हैं. इस सेवा के माध्यम से पंजीकृत मोबाइल नंबर पर किसानों के पास एक सप्ताह मौसम पूर्वानुमान व कृषि सलाह के संदेश भेजे जाते हैं.

यह ई-मौसम एचएयू मोबाइल एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है. जिसे किसान निशुल्क डाउनलोड कर सकते हैं. अब तक इस मोबाइल एप को 60 हजार से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है. इस सेवा में किसान अपना मोबाइल नम्बर ऑनलाइन पंजीकरण ईमौसमएचएयूडॉटगोडॉटइन (emausamhau.gov.in) पर पंजीकरण करवा सकते हैं.

कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खिचड़ ने बताया कि इस मोबाइल एप में मौसम पूर्वानुमान के साथ-साथ आज का मौसम, फसलों, सब्जियों व फलदार पौधों के बारे में किस्मों, किट व रोगों के बारे में तथा इनकी रोकथाम व वैज्ञानिक सलाह को सचित्र पूर्ण विवरण दिया गया है. इस सेवा का प्रयोग रोजाना के होने वाले कृषि कार्यों जैसे फसलों की बिजाई, सिंचाई, स्प्रे, कटाई-कढाई व अनाज को मंडी ले जाते समय तक इस सेवा का प्रयोग कर फसल उत्पादन बढाने के साथ प्राकृतिक संसाधनों का भी समुचित उपयोग कर सकते हैं.

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