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हरियाणा के ताऊ छोरों से कम हैं क्या! 77 की उम्र में पति नेशनल चैंपियन और पत्नी गोल्ड मेडलिस्ट

कौन कहता है आसमां में सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों. कवि दुष्यंत की ये पक्तियां इस बात की बानगी हैं कि अगर मन में चाह हो तो सफलता की राह बन ही जाती है. इस कहावत की ताजा मिसाल हैं हरियाणा के एक बुजुर्ग दंपती, जिन्होंने रिटायरमेंट की उम्र में खेलना शुरू किया और मेडल की लाइन लगा दी. अपने इस जज्बे से उन्होंने पूरे देश में हरियाणा का झंडा गाड़ दिया.

Khelo Master Games Championship 2022
हरियाणा की बुजर्ग खिलाड़ी तेजपाल देशवाल

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Published : May 14, 2022, 9:46 PM IST

Updated : May 14, 2022, 10:59 PM IST

हिसार:यूपी की शूटर दादी की कहानी बहुत लोगों ने सुनी होगी. चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर ने 65 की उम्र में खेलना शुरू किया और दुनिया के लिए मिसाल बन गईं. लेकिन कई ऐसे बुजुर्ग भी हैं जिनको शोहरत तो नहीं मिली लेकिन उम्र की बाधा को पारकर नई नजीर पेश की. जिस उम्र में बुजुर्ग खाट पकड़ लेते हैं उस उम्र में हिसार का एक बुजुर्ग दंपती खेल के मैदान में झंडे गाड़ रहा है. जिस उम्र में लोग रिटायर होकर परिवार के साथ घूमना पसंद करते हैं उस उम्र में इन्हें सफलता की भूख है.

हरियाणा को देश की मेडल फैक्ट्रीकहा जाता है. शायद इसलिए कि यहां के जवान हर खेल में आगे रहते हैं. लेकिन युवा ही नहीं हरियाणा के बुजर्ग भी खेल में पीछे नहीं हैं. हरियाणा के इन पति पत्नी बुजुर्गों ने चाह और इच्छा शक्ति के बल पर 70 पार की उम्र में मेडल की झड़ी लगाकर नौजवानों तक को अचंभित कर दिया है. ये किस्सा है हिसार के ग्लोबल स्पेस सेक्टर में रहने वाले तेजपाल देशवाल और उनकी पत्नी बिमला देवी की.

हरियाणा के ताऊ छोरों से कम हैं क्या! 77 की उम्र में पति नेशनल चैंपियन और पत्नी गोल्ड मेडलिस्ट

तेजपाल देशवाल और बिमला देवी ने 30 अप्रैल से 3 मई तक दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय खेलो मास्टर गेम्स चैंपियनशिप 2022 में 8 मेडल जीते हैं. इनमें से तेजपाल देशवाल ने 5 मेडल जीते. डिसकस थ्रो में गोल्ड, जेवलिन थ्रो में सिल्वर, 80 मीटर हर्डल रेस में सिल्वर, 200 मीटर रेस में सिल्वर और 800 मीटर रेस में सिल्वर मेडल शामिल हैं. वहीं उनकी पत्नी बिमला देवी ने शॉट पुट में गोल्ड, जेवलिन थ्रो में कांस्य, डिसकस थ्रो में सिल्वर मेडल जीता है.

पति को देखकर बिमला देवी ने भी खेलना शुरू किया

तेजपाल देशवाल की उम्र 77 साल है और उनकी पत्नी बिमला देवी की उम्र 73 साल. उम्र की संख्या को दरकिनार कर आज दोनो बुजुर्ग खेल के मैदान में हरियाणा का डंका बजा रहे हैं. इस उम्र में भी जोश और जज्बा युवाओं के लिए मिसाल है. राष्ट्रीय खेलों में तेजपाल देशवाल अब तक 150 से ज्यादा मेडल जीत चुके हैं. जबकि बिमला देवी 55 से ज्यादा मेडल अब तक अपने नाम कर चुकी हैं. तेजपाल देशवाल 70 साल की उम्र में 15 सौ और 800 मीटर रेस में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं.

पार्क में दौड़ लगाते तेजपाल देशवाल और उनकी पत्नी बिमला देवी.

2004 में थाईलैंड में हुई वर्ल्ड मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी तेजपाल देशवाल भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. तेजपाल आर्मी से रिटायर होने के बाद वन विभाग में अपनी सेवाएं देने लगे और यहीं पर विभागीय खेलों से उन्होंने शुरुआत की. वो लगातार 5 सालों तक 5 किलोमीटर दौड़ में नेशनल चैंपियन रहे. इस दौरान रिटायरमेंट के बाद भी उन्होंने अपना खेल जारी रखा और राष्ट्रीय स्तर पर अब तक 150 से ज्यादा मेडल अपने नाम कर चुके हैं.

पार्क में प्रैक्टिस करते तेजपाल देशवाल

पति तेजपाल देशवाल को देखकर उनकी पत्नी विमला देवी को भी खेल का जुनून सवार हो गया. इसके बाद 60 से ज्यादा की उम्र में वो भी मैदान में कूद पड़ीं. बिमला देवी राष्ट्रीय स्तर पर अब तक 55 से ज्यादा मेडल जीत चुकी हैं. उन्होंने अपनी शुरुआत साल 2009 में मास्टर एथलीट खेलों से की. शुरुआत में वह अपने पति के साथ सिर्फ खेल देखने गई थी. वहां महिलाओं को खेलते देख उन्होंने खेलने की जिद की. उस समय तेजपाल देशवाल ने भी उन्हें रोका था कि तुम नहीं खेल सकोगी और मेरी बेइज्जती हो जाएगी. पति के रोकने के बावजूद भी बिमला देवी ने हार नहीं मानी और मास्टर एथलेटिक्स गेम में मेडल जीतकर सबका मुंह बंद कर दिया. उसके बाद से लगातार वह अपने पति के साथ हर साल नेशनल मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लेती हैं और मेडल जीतकर प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं.

तेजपाल देशवाल और बिमला देवी ने अब तक 200 से ज्यादा मेडल जीत चुके हैं.
तेजपाल देशवाल और उनकी पत्नी बिमला देवी दौड़, डिस्कस थ्रो, शॉट पुट, जैवलिन थ्रो, आदि खेल खेलते हैं. हर रोज सुबह 5 बजे उठकर एक से दो घंटे प्रेक्टिस करते हैं. इन्हें देखकर आसपास के अन्य बुजुर्ग भी इनके साथ जुड़कर खेलने लगे हैं. हालांकि तेजपाल देशवाल और उनकी पत्नी के मन में एक मलाल है कि सरकार उनकी कोई सहायता नहीं कर रही है. तेजपाल का कहना है है कि नेशनल लेवल पर तो मेडल जीत लिया लेकिन इच्छा है कि वह अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर भी भारत के लिए खेलें और हरियाणा का नाम रोशन करें. अंतर्राष्ट्रीय खेलों के लिए उनका सेलेक्शन तो हो जाता है लेकिन कोई सरकारी मदद न मिलने के चलते उनके पास इतने पैसे नहीं होते कि वह अपने खर्च से खेलने के लिए जा सकें. तेजपाल की सरकार से मांग है कि वह देश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलना चाहते हैं और सरकार उनकी मदद करें.
Last Updated : May 14, 2022, 10:59 PM IST

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