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कल देशभर में सांसदों का घेराव करेंगे किसान, हिसार में बृजेंद्र सिंह के आवास का होगा घेराव

तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है. अब किसान उन सभी सांसदों का घेराव करेंगे जिन्होंने तीन नए कृषि कानूनों का समर्थन किया है.

farmers will hold protest in hisar against new agriculture law
farmers will hold protest in hisar against new agriculture law

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Published : Oct 13, 2020, 8:24 AM IST

हिसारः14 अक्टूबर को पूरे देश में किसान उन सांसदों का घेराव करेंगे जिन्होंने संसद में तीन नए कृषि कानूनों का समर्थन किया था. इसी कड़ी में हिसार के किसान भी बीजेपी सांसद बृजेंद्र सिंह के आवासा का घेराव करेंगे. ये फैसला अखिल भारतीय किसान सभा की जिला स्तरीय बैठक में लिया गया. किसान सभा के जिला सचिव धर्मबीर कंवारी ने कार्यकारिणी की ओर से जिले के सभी किसान संगठनों, जन संगठनों, मंडी आढ़तियों से आग्रह किया है कि 14 अक्टूबर को सुबह 10 बजे क्रांतिमान पार्क में इकट्ठा होकर आंदोलन में अपनी हिस्सेदारी करें.

किसान संगठन कर रहे विरोध

पूरे देश में किसान अखिला भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के तत्वावधान में प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें किसानों के 250 संगठन शामिल हैं. अब इन्हीं प्रदर्शनों के तहत सांसदों के घेराव का प्लान बनाया गया है.

कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन सुविधा) कानून

इसके अनुसार किसान अपनी फसलें अपने मुताबिक मनचाही जगह पर बेच सकते हैं. यहां पर कोई भी दखल अंदाजी नहीं कर सकता है. यानी की एग्रीकल्चर मार्केंटिंग प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी (एपीएमसी) के बाहर भी फसलों को बेच- खरीद सकते हैं. फसल की ब्रिकी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, ऑनलाईन भी बेच सकते हैं.

मूल्य आश्वासन एंव कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण एंव संरक्षण) अनुबंध कानून

देशभर में कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग को लेकर व्यवस्था बनाने का प्रस्ताव है. फसल खराब होने पर कॉन्ट्रेक्टर को पूरी भरपाई करनी होगी. किसान अपने दाम पर कंपनियों को फसल बेच सकेंगे. इससे उम्मीद जताई जा रही है कि किसानों की आय बढ़ेगी.

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आवश्यक वस्तु संशोधन कानून 2020

आवश्यक वस्तु अधिनियम को 1955 में बनाया गया था। खाद्य तेल, दाल, तिल आलू, प्याज जैसे कृषि उत्पादों पर से स्टॉक लिमिट हटा ली गई है. अति आवश्यक होने पर ही स्टॉक लिमिट को लगाया जाएगा. इसमें राष्ट्रीय आपदा, सूखा पड़ जाना शामिल है. प्रोसेसर या वैल्यू चेन पार्टिसिपेंट्स के लिए ऐसी कोई स्टॉक लिमिट लागू नहीं होगी. उत्पादन स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन पर सरकारी नियंत्रण खत्म होगा.

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