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गुरुग्राम: पार्षद और RWA आए आमने-सामने, विधायक दरबार तक पहुंचा विवाद - गुरुग्राम हिंदी समाचार

मेयर की अध्यक्षता में निगम पार्षदों ने आरडब्ल्यूए से पार्कों का रखरखाव और सामुदायिक केंद्र को वापस लेने को लेकर सियासत तेज हो गई है.

RWA and councilors dispute in gurugram
पार्षद और आरडब्ल्यूए आए आमने-सामने

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Published : Jan 17, 2020, 6:07 PM IST

गुरुग्राम:मेयर की अध्यक्षता में निगम पार्षदों के आरडब्ल्यूए से पार्कों का रखरखाव और सामुदायिक केंद्र को वापस लेने को लेकर सियासत तेज हो गई है. आरडब्ल्यूए की तरफ से इस पूरे विवाद को अब विधायक दरबार तक पहुंचा दिया हैं. गुरुग्राम के तमाम आरडब्ल्यूए ने विधायक से मिलकर जल्द इस पूरे विवाद को सुलझाने की मांग की हैं. वहीं सभी आरडब्ल्यूए ने मिलकर इसके खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया है.

पार्षद और आरडब्ल्यूए आए आमने-सामने

दरअसल, गुरूग्राम नगर निगम पार्षदों के उस फैसले के खिलाफ आरडब्ल्यूए ने इस विरोध का बिगुल बजा दिया है. जिसमें मेयर टीम की तरफ से सोसाइटी और सेक्टरों के पार्क और सामुदायिक केंद्र के रखरखाव की जिम्मेदारी RWA से छीनकर पार्षदों को देने के लिए कहा था. इसको लेकर शहर के तमाम RWA ने इस पूरे मामले को गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला के दरबार में उठाया है.

पार्षद और आरडब्ल्यूए आए आमने-सामने, विवाद पहुंचा विधायक दरबार में

फैसला वापस लेने की मांग उठाई

विधायक के दफ्तर पर गुरुग्राम के तमाम सेक्टरों और सोसाइटी की RWA इकठ्ठा होकर पहुंची और पार्षदों के खिलाफ पूरी तरह से बिगुल बजा दिया. RWA के तमाम प्रधान ने कहा कि निगम पार्षदों को आरडब्ल्यूए से पार्क और सामुदायिक केंद्र के रखरखाव का फैसला वापस लेना होगा, नहीं तो नगर निगम के चुनाव में पार्षदों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

गुरूग्राम नगर निगम सेक्टर-34 कार्यालय में मेयर मधु आजाद ने निगम पार्षदों के साथ बैठक की थी, बैठक में निगम पार्षदों ने सबसे पहले आरडब्ल्यूए से पार्कों का रखरखाव और सामुदायिक केंद्र वापस लेने का फैसला लिया था.

वहीं आरडब्ल्यूए सदस्यों की माने तो उनका कहना है कि जबसे उनके पास सामुदायिक केंद्र और पार्क के रखरखाव का जिम्मा आया है उसके बाद से काफी सुधार हुआ है और लोगों को भी इससे आसानी हुई है लेकिन पार्षद अपने फायदें के लिए अब ऐसा कर रहे हैं.

सीएम के सामने बात रहने की बात कही

सभी लोगों ने मिलकर अब ये निर्णय लिया है कि इस फैसले के खिलाफ वो मुख्यमंत्री के सामने अपनी बात रखेंगे और इसके अलावा राव इंद्रजीत सिंह से मिलकर इस बारे में चर्चा करेंगे.

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