चंडीगढ़: मानेसर जमीन अधिग्रहण विवाद (Manesar land acquisition dispute) मामले को लेकर मानेसर के किसानों की कमेटी के प्रतिनिधिमंडल की HSIIDC के अधिकारियों के साथ बैठक की गई. बैठक के बाद गुरुग्राम के डीसी निशांत यादव ने जानकारी दी. बैठक में किसानों के प्रतिनिधि शामिल हुए. जिलाधिकारी निशांत यादव ने बताया कि किसानों के साथ गुरुवार को मानेसर जमीन अधिग्रहण मामले को लेकर चर्चा की गई है.
उन्होंने बताया कि 1810 और 1128 एकड़ जमीन अधिग्रहण को लेकर जमीन मालिकों और एचएसआईडीसी के अधिकरियों की बातचीत की गई है. जिलाधिकारी ने कहा कि उन्हें इस बात की उम्मीद है कि एक से दो दौर की वार्ता में सहमति बन जाएगी. उन्होंने बताया कि किसानों को उचित मुआवजा मिले इसपर भी चर्चा की गई है. मुआवजा कैसे बढ़ाया जा सकता है इस बात को भी रखा गया है. पॉलिसी भी लाने पर विचार है एक बार विचार बन जाये तो पॉलिसी लाई जाएगी.
मानेसर जमीन अधिग्रहण विवाद वहीं किसान सूबे सिंह बोरा ने बताया कि 2012 का मुआवजा 2022 में दिया जा रहा है. सरकार ने प्रपोजल दिया है, मुद्दों पर सहमति नही बन पाई है. 11 करोड़ प्रति एकड़ मांग हमारी है, जबकि 2011 के आधार पर 55 लाख प्रति एकड़ और सरकार एनहासमेन्ट करके 91 लाख व एक 1200 गज का प्लाट दे रही (land acquisition in manesar) है. किसानों ने कहा कि हमारी सीधा 11 करोड़ प्रति एकड़ मुआवजे की मांग हैं.
रिहायसी एरिया और ढानिया छोड़ दी जाए ये भी हमारी मांग है. ढानिया 100 से 50 साल पुरानी भी है. किसानों का मानना है कि अवार्ड रेट से अधिक कीमत जमीन की है. किसानों का धरना चल रहा है. किसान अपनी बात रखेंगे. किसानों से फिर एक दौर की वार्ता की जाएगी. बता दें कि मानेसर जमीन अधिग्रहण विवाद (Haryana Farmers Protest) को लेकर किसान लगातार प्रदर्शन करते रहे हैं.
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