चंडीगढ़:पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ में बंदरों की संख्या बढ़ने के मामले में एक याचिका का निपटारा किया. चंडीगढ़ निवासी दिव्यम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कहा था कि बंदरों के आतंक के चलते लोगों का जीना मुहाल हो गया है. बंदरों के आतंक के कारण लोगों को अपने घरों में बंद रहते हैं और बच्चे पार्क में खेलने नहीं जाते क्योंकि बंदर लोगों से उनका सामान छीन लेते हैं.
इस पर हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ नगर निगम को जवाब तलब किया तो उन्होंने कोर्ट को बताया कि निगम ने वन विभाग के साथ मिलकर एक टास्क फोर्स बनाई है. निगम की ओर से बताया गया कि लोगों द्वारा कचरे को खुले में फेंकने और बंदरों को भोजन देने से बंदरों का आतंक बढ़ रहा है. बंदरों के आतंक से निपटने के लिए 24 घंटे 7 दिन की हेल्पलाइन के लिए 2 अतिरिक्त अटेंडेंट नियुक्त किए गए हैं. जो 30 मिनट के भीतर शिकायत निवारण करेंगे.
बंदरों को पकड़ने के लिए विशेष पिंजरे लाए गए हैं और कई बंदरों को पकड़ कर सुखना वाइल्डलाइफ सेंचुरी में छोड़ा गया है. याचिकाकर्ता ने कहा कि बंदर को हिमाचल प्रदेश की तरह हिंसक जानवर घोषित किया जाए. हाईकोर्ट ने सुझाव को क्रूर और कायरता पूर्ण बताते हुए इंकार कर दिया.