गुरुग्राम:हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद और नूंह जिले में कुदरत के खजाने अरावली में चल रही लूट सरकार के खजाने पर भारी पड़ रही है. खनन माफिया ना केवल पर्यावरण बल्कि सरकार के खजाने पर भी कुंडली मारकर बैठे हैं. अरावली पर्वत श्रंखला में दिन रात अवैध पत्थरों की खुदाई चल रही है. साल 2002 में एनजीटी के आदेशों के बाद से गुरुग्राम, फरीदाबाद और नूह के आसपास के जिलों में माइनिंग पर रोक तो लगा दी थी, लेकिन खनन माफियाओं फिर भी अवैध खनन को अंजाम दे रहे हैं.
इन अवैध खनन माफियाओं पर शिंकजा कसने के लिए प्रशासन भी पूरी मुस्तैदी के साथ लगा हुआ है. एसीपी क्राइम प्रीतपाल सिंह सांगवान की टीम ने दक्षिण हरियाणा के 12 जिलों में होने वाली चोरी को रोकने कदम उठाते हुए 909 ट्रकों के चालान किए. जिनमें नारनौल में 241, फरीदाबाद में 175 गुरुग्राम में 145, चरखी दादरी में 67, महेंद्रगढ़ में 50, रेवाड़ी में 49 , पलवल में 48, भिवानी में 48, हिसार में 10, झज्जर में 9, सोनीपत में 3 और रोहतक से-1 पत्थर और रेती से भरे ट्रक, ट्राला और ट्रेक्टरों को पकड़ा.
जिस पत्थर का अवैध खनन होता है, उसे फरीदाबाद और नूंह के आसपास के क्षेत्र में बने क्रेशर जोन में लाकर पीसा जाता है. और रोड़ी बनाकर गुरुग्राम, फरीदाबाद, दिल्ली सहित अन्य जगहों पर सप्लाई की जाती है. इसी अवैध सप्लाई को रोकने के लिए एनजीटी की गाइडलाइन के अनुसार इन ट्रकों पर 3 लाख रूपये से लेकर ट्रक की आधी कीमत तक का जुर्माना लगाया जाता है. हरियाणा पुलिस अवैध खनन में इस्तेमाल होने वाले वाहनों से अभी तक 23 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूल चुकी है. जिनमें से दक्षिणी हरियाणा में ही 15 करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना वसूला जा चुका है और अभी भी करीब 40 फीसदी ट्रक खड़े हुए हैं.