गुरुग्राम: कोरोना संकट के बीच आर्थिक संकट से जूझ रहे लोगों को गुरुग्राम नगर निगम ने बड़ी राहत दी है. प्रदेश के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा नागरिकों को राहत प्रदान करते हुए पानी और सीवर शुल्क पर 31 अगस्त 2020 तक, पानी और सीवरेज संबंधित संपूर्ण शुल्क का भुगतान करने वालों को 31 मार्च 2020 तक की अवधि पर लगे एरियर में 25 प्रतिशत की छूट दी गई है.
निगम ने ये भी साफ किया है कि 31 अगस्त तक पानी और सीवरेज के नॉन बल्क नए कनेक्शनों सहित अनाधिकृत कनेक्शनों के नियमितीकरण पर नगर निगम द्वारा ना कोई रोड कट शुल्क और ना ही कोई कनेक्शन शुल्क लिया जाएगा. बकाया राशि पर 25 प्रतिशत की छूट के अलावा निगम ने सारा ब्याज भी माफ कर दिया है.
गुरुग्राम में कोरोना संकट को देखते हुए निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स पर भारी छूट दी और ब्याज भी माफ किया. आर्थिक स्थिति को देखते हुए लिया फैसला
गौरतलब है कि कोरोना संकट में जहां छोटे-बड़े व्यापारी को आर्थिक संकट का नुकसान हुआ है तो वहीं गुरुग्राम नगर निगम को भी आर्थिक नुकसान हुआ है. हालांकि लॉकडाउन के चलते गुरुग्राम नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स में 25 प्रतिशत की छूट दी है. कोरोना संकट में लॉकडाउन के चलते प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने को लेकर करदाताओं में उदासीनता को देखते हुए ये फैसला लिया गया है.
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गुरुग्राम नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स और पिछले बकाया टैक्स पर विशेष छूट के साथ नई प्रॉपर्टी टैक्स माफी की अधिसूचना जारी की थी. नई अधिसूचना के तहत जो प्रॉपर्टी मालिक अपना संपूर्ण बकाया प्रॉपर्टी टैक्स 31 अगस्त 2020 तक जमा कराएंगे उन्हें साल 2010-11 से लेकर साल 2016-17 तक के प्रॉपर्टी टैक्स के मूल पर 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. इसमें प्रॉपर्टी टैक्स पर लगने वाले ब्याज को भी माफ किया गया है.
लॉकडाउन में निगम को मिला कुल 13 लाख का टैक्स
बता दें कि, लॉकडाउन के बीच नगर निगम को ये छूट देनी पड़ी क्योंकि लॉकडाउन में काफी लोगों के काम ठप पड़े हुए थे. जिसके बाद लोग मांग कर रहे थे कि प्रॉपर्टी टैक्स में छूट दी जाए. गुरुग्राम नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स पर लगने वाले ब्याज को भी माफ किया है. वहीं जिन संपत्ति मालिकों ने बीते तीन वर्षों में अपना प्रॉपर्टी टैक्स 31 जुलाई तक जमा कराया है उन्हें नियमित 10 प्रतिशत छूट के साथ अतिरिक्त 10 प्रतिशत छूट भी दी जाएगी. वहीं ऑटो डेबिट तरीके से भुगतान करने वालों को 5 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट का लाभ मिलेगा.
दरअसल कोरोना संकट के इस दौर में इस साल 1 अप्रैल से 1 जून तक प्रॉपर्टी टैक्स के एवज में निगम को महज 13 लाख रुपए ही प्राप्त हुए हैं. वहीं गुरुग्राम के जोनल टैक्सेशन ऑफिसर दिनेश कुमार की मानें तो लॉकडाउन के दौरान निगम को यह छूट देनी पड़ी ताकि छूट के चलते लोग अपना बकाया प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराएंगे. वहीं अधिकारियों का मानना है कि छूट का लाभ लेने के लिए लोग अपना प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराएंगे. अगर लोग बकाया टैक्स जमा नहीं कराते हैं तो गुरुग्राम नगर निगम प्रॉपर्टी की सीलिंग शुरू कर देगा.
प्रॉपर्टी टैक्स डिफॉल्टर सरकारी महकमों को मिलेगा नोटिस
बता दें कि, गुरुग्राम के सरकारी महकमों पर गुरुग्राम नगर निगम का 17 करोड़ से ज्यादा बकाया है. हालांकि ये बकाया राशि 35.56 करोड रुपए थी, लेकिन हाल ही में सरकार ने पुराना ब्याज माफ करने और नए बिल पर 25 फीसदी टैक्स माफी की छूट देने के बाद अब नए तरीके से बिल तैयार किए जा रहे हैं जिनसे बकाया राशि लगभग आधी हो गई है. वहीं नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स डिफॉल्टरों को नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं. कई विभागों पर तो सालों से प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है. पहले सरकारी विभाग आपस में नगर निगम के साथ समायोजित कर लेते थे, लेकिन अब प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान करना होगा. इसके लिए मुख्यालय से भी नगर निगम को आदेश मिल चुके हैं.
गुरुग्राम में डीएचएसवीबीएनएल, एचएसपीपी, एचएसआईआईडीसी, एचएसवीपी सहित राज्य सरकार की विभिन्न यूनिटों यानि इमारतों के बकाया टैक्स का भुगतान नहीं किया जा रहा है. ऐसे में नगर निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है. अगर निगम इस पुराने टैक्स की रिकवरी करता है तो निगम के खजाने में करोड़ों रुपये आ जाएंगे. नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक कुल 719 यूनिट पर टैक्स बकाया है. निगम ने अब सरकारी विभागों से प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने के लिए नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं.
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