गुरुग्राम: आईपीएस ऑफिसर की तरह दमकती वर्दी और किसी के कंधे पर अशोक स्तंभ जैसे सितारे देखकर कोई भी आसानी से धोखा खा सकता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है गुरुग्राम से. अपने आपको आईपीएस बताकर प्लॉट दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने का आरोपी ग्रेटर नोएडा निवासी फर्जी आईपीएस गौरव मिश्रा पुलिस के हथे चढ़ा है.
गुरुग्राम पुलिस ने फर्जी आईपीएस को गिरफ्तार किया, सुनिए एसीपी का बयान. खुद का आईपीएस बता करता था धोखाधड़ी
आरोपी को खेड़कीदौला थाना पुलिस ने बृहस्पतिवार को अदालत में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भोंडसी जेल भेज दिया गया है. उसे 4 सितंबर को नोएडा से गिरफ्तार किया गया था. आरोपी आजकल घरेलू सामान की होम डिलीवरी का काम करता है. उसके खिलाफ गुरुग्राम के साथ ही नोएडा एवं हापुड़ में प्लॉट दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने के कुल पांच मामले दर्ज हैं.
आरोपी गौरव मिश्रा बीटेक करने के बाद निजी कंपनी में नौकरी करता था. कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के लालच में वह अपने साथियों के साथ फर्जी आईपीएस बनकर ठगी करने लगा. आरोपी ने इंटरनेट की मदद से आईपीएस के हावभाव की ट्रेनिंग ली. इसके बाद आईपीएस की वर्दी की व्यवस्था कर पांच वारदातों को अंजाम दिया.
क्या है पूरा मामला?
8 सितंबर 2018 को सेक्टर-82 निवासी लोकेश शर्मा ने खेड़कीदौला थाने में शिकायत दी थी कि गौरव मिश्रा उनके साथ वर्ष 2009 में रुद्रपुर स्थित एक कंपनी में काम करता था. 2014 में दीपावली के दौरान उनके मोबाइल पर एक व्यक्ति ने फोन किया. उसने अपना नाम आरके सिंह और खुद को इंस्पेक्टर बताते हुए कहा कि उनसे आईपीएस साहब गौरव मिश्रा बात करना चाहते हैं.
बातचीत में गौरव ने कहा कि उसने कंपनी छोड़ने के बाद सिविल सर्विस की तैयारी शुरू की और सफल हो गया. वर्ष 2012 बैच का आईपीएस है. अभी दिल्ली हेडक्वार्टर में कार्यरत है. इसके बाद वह उनके घर आया. उसके पास रिवाल्वर भी थी, जिसकी कीमत लगभग दस लाख रुपये बताई.
इसके बाद गौरव ने उन्हें मिलने के लिए एमजी रोड स्थित एक बार में बुलाया. वहां पर वह अपने पीआरओ आरके सिंह को साथ लेकर आया. आरके सिंह पुलिस यूनिफार्म में था. गौरव ने बताया कि उसकी शादी उसके ही बैच की आईपीएस अनिकेता से हुई है. अनिकेता हरियाणा कैडर की अधिकारी है. बातचीत के दौरान ही उसने कहा कि ग्रेटर नोएडा में वह 100 वर्ग गज का एक प्लॉट 15 लाख रुपये में दिलवा सकता है.
बात फाइनल होने पर लोकेश ने गौरव मिश्रा को एडवांस के रूप में 9 लाख रुपये दे दिए. बाकी रजिस्ट्री के समय देना तय हुआ. इसके बाद गौरव को कई बार फोन करके प्लॉट दिलवाने या फिर उनके पैसे वापस करने की प्रार्थना की लेकिन वह कभी विदेश जाने की बात तो कभी अपने स्थानांतरण की बात करके लोकेश को अनसुना करता रहा.
जब गौरव व उसकी पत्नी ने फोन उठाना बंद कर दिया तब लोकेश गौरव से मिलने के लिए उनके स्थाई निवास पर अनेकों बार गया लेकिन गौरव मिलने नहीं आया. फिर न ही रजिस्ट्री कराई और न ही उधार के पैसे लौटाए. शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर खेड़कीदौला थाना पुलिस आरोपी की तलाश कर रही थी. एसीपी शमशेर सिंह ने बताया कि आरोपी नकली आईपीएस ने कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की है और पहले भी धोखाधड़ी के मामले में जेल जा चुका है. इसका साथी अभी भी जेल में है. ऐसे में पुलिस आरोपी से गहन पूछताछ कर रही है और पुलिस को उम्मीद है कि इससे और भी खुलासे हो सकते हैं.