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जरुरत से ज्यादा होने के बावजूद हरियाणा में ऑक्सीजन का नया संकट, इस लापरवाही की वजह से नहीं हो पा रही सप्लाई - gurugram latest news

हरियाणा में कोरोना मरीजों के बढ़ने के साथ ही ऑक्सीजन की कमी भी सामने आने लगी है. लेकिन प्रदेश में ऑक्सीजन जरूरत से ज्यादा होने के बावजूद आखिर क्यों अस्पतालों में इसकी कमी महसूस होने लगी है. पूर्व डीजी हेल्थ डॉ. पंकज वत्स ने इसके पीछे की वजह बताई.

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जरुरत से ज्यादा होने के बावजूद हरियाणा में ऑक्सीजन का नया संकट

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Published : Apr 24, 2021, 8:05 AM IST

Updated : Apr 24, 2021, 8:25 AM IST

गुरुग्राम:देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के साथ ही अचानक मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत महसूस होने लगी है. कई राज्यों में ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण कोरोना मरीज़ अपनी जान भी गंवा चुके हैं. अब ऐसा संकट दिल्ली और हरियाणा में भी देखने को मिल रहा है.

हरियाणा में ऑक्सीजन का कितना उत्पादन

आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें कि हरियाणा में आखिर ऑक्सीजन का कितना उत्पादन होता है. प्रदेश के पानीपत प्लांट में प्रतिदिन 260 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता है. इसमें से 140 मीट्रिक टन दिल्ली, 80 मीट्रिक टन हरियाणा और 20 मीट्रिक टन पंजाब के लिए निर्धारित है. हरियाणा में रोजाना औसतन ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता 270 एमटी (मीट्रिक टन) है.

जरुरत से ज्यादा होने के बावजूद हरियाणा में ऑक्सीजन का नया संकट

हरियाणा में ऑक्सीजन जरूरत से ज्यादा उपलब्ध है, लेकिन इसके बावजूद प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी देखने को मिल रही है. इस पर ईटीवी भारत ने हरियाणा हेल्थ सर्विस के एक्स डायरेक्टर डॉक्टर पंकज वत्स से बात की.

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हरियाणा सरकार के पास खुद का कोई ऑक्सीजन प्लांट नहीं

डॉ. पकंज वत्स का कहना है कि जिस तेजी से हरियाणा में कोरोना के मामले बढ़े हैं, उतनी ही तेजी से ऑक्सीजन की डिमांड भी बढ़ी है. लेकिन सरकार का खुद का कोई ऑक्सीजन का प्लांट नहीं है. हर हॉस्पिटल को ऑक्सीजन को प्राइवेट सेक्टर से लेना पड़ता है, लेकिन मामले बढ़ने के साथ ही ऑक्सीजन की शॉर्टेज देखने को मिली है.

ऑक्सीजन के लिए संसाधनों का अभाव

डॉ पंकज वत्स की मानें तो पहले ऑक्सीजन प्लांट की तरफ सरकार का कभी ध्यान नहीं गया लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते इसकी खपत बढ़ी तो सरकारों को यह महसूस हुआ कि ऑक्सीजन की आपूर्ति करना बेहद आवश्यक है. ऐसे में सरकारों को अभी से ही ऑक्सीजन के प्लांट बढ़ाने चाहिए और इसकी व्यवस्था बेहतर करनी चाहिए.

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जिला स्तर पर बने ऑक्सीजन प्लांट- पूर्व डीजी हेल्थ

डॉ वत्स की मानें तो हर डिस्ट्रिक्ट लेवल में ऑक्सीजन की व्यवस्था होनी चाहिए क्योंकि आने वाले वक्त में ऑक्सीजन का संकट और भी गहरा सकता है. जिस तरह से अलग-अलग राज्यों को रेल के जरिए ऑक्सीजन के टैंकर भेजे जा रहे हैं. ऐसे में ही व्यवस्था होनी चाहिए हर जिला स्तर पर इसको तैयार किया जा सके.

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गुरुग्राम के अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी

गुरुग्राम के पार्क हॉस्पिटल में केवल कुछ ही घंटे की ऑक्सीजन बची है. शुक्रवार को अस्पताल की ओर से ट्वीट करके डीसी गुरुग्राम से मदद मांगी गई. ट्वीट में लिखा गया कि अस्पताल में ऑक्‍सीजन की कमी हो गई है. यहां 150 मरीजों की जिंदगी दाव पर लगी है. जिनमें से 40 मरीज गंभीर हैं और वेंटिलेटर पर हैं.

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इससे पहले कोरोना मरीजों के बढ़ते मामलों के साथ ही गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल ने भी ट्वीट कर कहा गया है कि उनके पास सिर्फ 45 मिनट की ही ऑक्सीजन बाकी है. फोर्टिस अस्पताल ने ट्वीट कर लिखा है कि उनके गुरुग्राम के अस्पताल में सिर्फ 45 मिनट की ऑक्सीजन बची है. उनका ऑक्सीजन से भरा ट्रक राजस्थान के भिवाड़ी में ट्रैफिक में फंसा है. अगर जल्द अस्पताल तक ऑक्सीजन नहीं पहुंची तो कोरोना मरीजों की जान को खतरा हो सकता है.

Last Updated : Apr 24, 2021, 8:25 AM IST

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