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Murder In Gurugram: 15 लाख रुपये के लिए की दोस्त की हत्या, सात महीने बाद दो आरोपी गिरफ्तार - Man Kidnap In Gurugram

गुरुग्राम पुलिस ने हत्या के सात महीने पुराने मामले का खुलासा कर दिया. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी मृतक के पहचान वाले बताए जा रहे हैं.

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Published : Sep 30, 2022, 11:17 AM IST

गुरुग्राम: क्राइम ब्रांच की टीम ने सात महीने पुराने पटौदी ब्लाइंड मर्डर केस (Pataudi Blind Murder Case) की गुत्थी को सुलझाने में कामयाबी हासिल कर ली है. पुलिस ने इस मामले में मृतक व्यक्ति के एक खास दोस्त को गिरफ्तार किया है. बता दें कि 9 फरवरी 2022 को दलीप नाम के एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी.

पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि सात महीने पर पटौदी में राजपुरा के पास एक अज्ञात व्यक्ति की लाश बरामद हुई (Dead Body Found In Gurugram) थी. मृतक का शव पूरी तरह खून से लथपथ था. उसके शरीर पर चोट के गंभीर निशान थे. पुलिस ने शिनाख्त की कोशिश की लेकिन मृतक की पहचान नहीं हो पाई. अगले दिन मृतक के परिवार वालों ने उसकी पहचान दलीप के रूप में की. दलीप दिल्ली का रहने वाला था और रेवाड़ी में काम करता था. इसके बाद पुलिस ने इस मामले धारा 302 के तहत केस दर्ज किया था.

पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि गुरूग्राम में दलीप का किडनैप किया गया (Man Kidnap In Gurugram) था. किडनैपर्स ने दलीप के दोस्तों से 15 लाख रुपये की डिमांड की थी. दलीप के दोस्त किडनैपर्स के पास नौ लाख रुपये लेकर पहुंचे थे. लेकिन अपहरणकर्ताओं ने मृतक के दोस्तों नौ लाख रुपये लूट लिए. इसके अलावा आरोपियों मृतक के गले में पड़ी हुई सोने की चेन, अंगूठी और दलीप की गाड़ी को लूट ले गए.

पटौदी ब्लाइंड मर्डर केस पुलिस के लिए काफी चुनौती बना हुआ था. दरअसल इस मामले में कोई भी सुराग पुलिस के हाथ नहीं था. जिसकी वजह से पुलिस अपराधियों तक नहीं पहुंच पा रही थी. काफी दिन बाद सीआईए फर्रुखनगर की टीम ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए वारदात में शामिल दो आरोपियों तक पहुंची. इसके बाद पुलिस ने दोनों को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कृष्ण कुमार और आसीन बनर्जी के रूप में हुई. पुलिस ने आरोपियों के पास लूटे गए 9 लाख रुपये भी बरामद किए हैं.

आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ के दौरान खुलासा किया इन्होंने अपहरण के लिए दूसरे व्यक्ति को चुना था. इसके लिए इन लोगों ने उस व्यक्ति की रेकी भी की थी. घटना वाले दिन वो जिस व्यक्ति को टारगेट किया था वो किसी धार्मिक यात्रा पर चला गया. इसकी वजह से इनका प्लान फेल हो गया था. इसके बाद आरोपियों ने दलीप को टारगेट किया. दोनों दलीप को पहले से जानते थे.

आरोपियों ने बताया कि दोनों ने बहाने से दलीप को बुलाया. दलीप अपनी ही क्रेटा गाड़ी में कृष्ण कुमार और आसीन बनर्जी के साथ निकल गया. रास्ते में दोनों उसे बांध दिया और उसका अपहरण कर लिया. इसके बाद आरोपियों ने दलीप के जानकारों से 15 लाख रुपये की फिरौती की डिमांड की थी. हालांकि पैसे कम होने की वजह से दलीप के जानकार महज 9 लाख रुपये लेकर पहुंचे. आरोपियों ने दलीप के जानकारों से पैसे लूट लिए इसके बाद दोनों ने चाकू और सुआ से दलीप की हत्या कर दी. हत्या की वारदात को अजाम देने के बाद आरोपी पश्चिम बंगाल फरार हो गए थे.

पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपियों ने दशहरे के वक्त एक और आदमी को लूटना का प्लान कर रहे थे. आरोपी इससे पचास लाख की फिरौती की डिमांड करने वाले थे. हालांकि पुलिस ने इससे पहले दोनों को गिरफ्तार कर लिया. दोनों आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लिया गया है. आगे की जांच की जा रही है.

एसीपी क्राइम की माने तो वारदात का मास्टरमाइंड कृष्ण कुमार रेवाड़ी का रहने वाला है. आरोपी कृष्ण कुमार ने दो शादिया की हैं. आरोपी ने पहली पत्नी की दहेज ना मिलने की वजह से हत्या कर दी थी. इस मामले में 3 साल की जेल भी काट चुका है. जेल से बाहर आते कृष्ण कुमार ने असम की एक युवती से शादी कर ली और रेवाड़ी में रहने लगा. कमाई का कोई जरिया नही था बस इसने आसानी से अमीर बनने की चाह में दलीप के अपहरण और हत्या की साज़िश रच डाली.

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