गुरुग्राम: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि भारत के हर नागरिक के पास अपना आशियाना होना चाहिए. जिसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना में लोगो को अफोर्डेबल होउसिंग के तहत आशियाना मिलता है. गुरुग्राम में भी हजारों लोगों ने प्रधानमंत्री की इस योजना पर भरोसा कर अपनी जीवन की पूंजी माहिरा होम्स के प्रोजेक्ट में लगा दी. लेकिन तकरीबन 25 लाख रुपए देने के बावजूद भी लोगों को उनका आशियाना तो मिला ही नही बल्कि टाउन एंड कंट्री विभाग द्वारा माहिरा होम्स का लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है. परेशान खरीददारों ने एक बार फिर सोमवार को HRERA ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया.
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि गुरुग्राम डिस्ट्रिक्ट टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (डीटीपी) विभाग की तरफ से बिल्डर का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है साथ ही HRERA चेयरमैन के आदेशों के बाद बिल्डर के तमाम अकाउंट को भी सीज कर दिया है. लेकिन इस बीच जिन लोगो ने इस प्रोजेक्ट में अपनी पूरी जीवन पूंजी लगा दी अब उनका क्या होगा. इन तमाम सवालों के बीच खरीदारों ने हरेरा के सामने प्रदर्शन किया और यह मांग की है कि या तो खरीदारों के पैसे वापस लौटाये जाएं या फिर प्रोजेक्ट को पूरा कर उनके फ्लैट दिए जाएं.
गुरुग्राम में माहिरा बिल्डर के खिलाफ खरीदारों का प्रदर्शन, सरकार से मदद की लगाई गुहार
माहिरा होम्स गुरुग्राम में चार प्रोजेक्ट चल रहे हैं. जिसमें से सबसे पहले गुरूग्राम के सेक्टर 68 वाले प्रोजेक्ट का लाइसेंस रद्द किया गया था. साल 2017 में गुरुग्राम के सेक्टर 68 में अफॉर्डेबल हाउसिंग स्कीम में माहिरा होम्स (mahira homes affordable flats) ने एक प्रोजेक्ट लांच किया था. इस प्रोजेक्ट के तहत 1480 फ्लैट बनाए जाने थे. लेकिन फर्जी कागजात, बैंक गारंटी के साथ छेड़छाड़ सहित अन्य कई आरोप पर डिस्ट्रिक्ट टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने माहिरा होम्स का लाइसेंस रद्द कर दिया. यही नहीं डीटीपी ने गुरुग्राम के बादशाहपुर थाने में बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए शिकायत भी दी है. लाइसेंस रद्द होने के बाद से ग्राहक परेशान हैं.
गुरुग्राम माहिरा होम्स सोसाइटी का लाइसेंस टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा रद्द कर दिया गया था. खरीदारों ने फ्लैट की पूरी राशि दे दी है. हलांकि डीटीपी ने लोगों को आश्वासन दिया कि फ्लैटों के निर्माण के लिए सरकार जल्द ही निर्णय लेगी, ताकि प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सके. लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. इसी को लेकर लोगों ने प्रदर्शन किया और कहा कि ये निर्णय जल्द लिया जाए.
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