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फरीदाबाद: भाव नहीं मिलने से सब्जी किसान परेशान, थोक विक्रेता कूट रहे मुनाफा

हरियाणा में सब्जियां उगाने वाले किसानों को उनकी फसल की लागत नहीं मिल पा रही. जबकि थोक विक्रेता मुनाफा कमा रहे हैं. ऐसे में सरकार की भावांतर भरपाई योजना पर सवाल उठ रहे हैं.

vegetable farmers are not getting price in faridabad
vegetable farmers are not getting price in faridabad

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Published : May 31, 2020, 6:48 AM IST

फरीदाबाद: टमाटर की खेती करने वाले किसानों को भले ही टमाटर का भाव नहीं मिल रहा हो. लेकिन फरीदाबाद की सब्जी मंडी से निकलते ही टमाटर का रेट ₹20 से लेकर ₹25 किलो तक लिया जा रहा है. जबकि मंडी में ₹6 से लेकर ₹10 किलो तक थोक के भाव टमाटर को बेचा जा रहा है.

सही भाव नहीं मिलने से किसान परेशान

एक तरफ जहां टमाटर की खेती करने वाले किसान भाव नहीं मिलने को लेकर परेशान हैं. किसानों को बड़ी मुश्किल से ₹4 किलो तक का भाव मिल रहा है. ऐसे में वही टमाटर मंडी से निकलते ही ₹20 किलो बाजार में बेचा जा रहा है. कहीं पर तो इस टमाटर को ₹25 किलो तक बेचा जा रहा है.

भाव नहीं मिलने से सब्जी किसान परेशान, रिटेल दुकानदार कूट रहे मुनाफा

फरीदाबाद की सबसे बड़ी सब्जी मंडी के थोक विक्रेता राजेंद्र ने बताया कि उनके पास कई तरह का टमाटर है. जिसकी अलग-अलग कीमतें हैं और ₹6 से लेकर ₹10 तक प्रति किलो के हिसाब से हो थोक में टमाटर बेच रहे हैं. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन होने के कारण शहर से अधिकतर लेबर जा चुकी है. इसीलिए टमाटर की खरीद बेहद कम है और इतना माल बिक नहीं रहा. जितना खराब हो रहा है.

मंडी से निकलते ही टमाटर की कीमतें हो जाती हैं दोगुनी

जब ईटीवी भारत की टीम ने फरीदाबाद की सड़कों पर बेचे जा रहे टमाटर के भाव को लेकर पूछा तो पता चला कि मंडी से निकलते ही इस टमाटर की कीमतें दोगुनी होती हैं. जब हमने बाहर सड़क पर बेच रहे रिटेल दुकानदार से टमाटर के रेट का पता किया तो वहां पर लोगों को वो टमाटर ₹20 किलो में बेचा जा रहा था.

हमने लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि भले ही टमाटर पर मंदी की बात कही जा रही हो. लेकिन मंडियों में टमाटर खराब हो रहा है. इसकी उनको भी जानकारी है, लेकिन दुकान पर आते ही टमाटर की कीमत दोगुनी हो रही है और वह ₹20 किलो के हिसाब से यह टमाटर खरीद रहे हैं.

मोटा मुनाफा कमा रहे थोक विक्रेता

मंडी में किसान को भले ही टमाटर का उचित रेट नहीं मिल रहा हो लेकिन मंडी से बाहर निकलते ही यही टमाटर दोगुने भाव में बेचा जा रहा है. जाहिर है किसानों की मेहनत पर थोक विक्रेता मोटा मुनाफा कमा रहे हैं.

ये भी पढ़ें-टमाटर का मुनाफाखोर कौन? किसानों को नहीं मिल रही लागत, शहर में 30 रुपये किलो भाव

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