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हरियाणा में पढ़ाई से ज्यादा चुनाव जरूरी, फरीदाबाद में स्कूल खाली छोड़ बीएलओ ड्यूटी पर लगाये गये सभी टीचर

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Published : Sep 8, 2022, 8:15 PM IST

Updated : Sep 8, 2022, 8:55 PM IST

हरियाणा में लगता है सरकार और चुनाव आयोग के लिए चुनाव ज्यादा जरूरी है और बच्चों की पढ़ाई कम. सत्ता के लिए बच्चों का भविष्य बिगाड़ा जा रहा है. इसका सबूत बकायदा सरकार खुद दे रही है. फरीदाबाद में सरकारी स्कूल के ज्यादातर टीचर चुनाव कार्यों से बीएलओ यानि बूथ लेवल ऑफिसर की (Teacher on BLO duty in Faridabad) ड्यूटी पर भेज दिये गये हैं. सबसे हैरानी की बात ये है कि कुछ स्कूल में सभी टीचर की ड्यूटी लगा दी गई है. जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई ठप है.

फरीदाबाद में शिक्षकों की ड्यूटी चुनाव में
फरीदाबाद में शिक्षकों की ड्यूटी चुनाव में

फरीदाबाद: चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में मतदाताओं के आधार कार्ड से मोबाइल नंबर लिंक करने के लिए बीएलओ यानि बूथ लेवल ऑफिसर (Teacher on BLO duty in Faridabad) तथा परिवार पहचान पत्र के आर्थिक सर्वे के लिए सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों को की ड्यूटी लगाई हुई है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि टीचर की ड्यूटी लगाकर बच्चों की पढ़ाई दांव पर लगा दी गई. कई सरकारी स्कूल में तो सभी टीचर की ड्यूटी लगा दी गई और बच्चों को पढ़ाने के लिए कोई टीचर ही नहीं बचा है, जिससे बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है.

एक तरफ सरकार टीचर की कमी होने के चलते कई सरकारी स्कूलों को या तो बंद कर चुकी या फिर उन्हें दूसरे स्कूलों में मर्ज कर रही है. सरकारी स्कूल में करीब 35 हजार पद पहले से खाली चल रहे हैं. शिक्षकों की भारी कमी है. ऑनलाइन तबादले चल रहे हैं. इसलिए कई स्कूलों में शिक्षक ना होने के कारण छात्र आए दिन स्कूल के गेट पर तला जड़ दे रहे हैं. इसके बावजूद सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को पढ़ाई के काम से हटाकर दूसरी कार्य में लगाने का मामला बच्चों के भविष्य को चौपट करने वाला है.

हरियाणा में पढ़ाई से ज्यादा चुनाव जरूरी, स्कूल खाली छोड़ बीएलओ ड्यूटी पर लगाये गये सभी टीचर

फरीदाबाद में स्कूल के इन टीचर को चुनावी ड्यूटी पर बीएलओ (teachers on election duty in Faridabad) बनाकर ड्यूटी पर 15 दिनों के लिए भेजा चुका है. अब एक बार फिर से परिवार पहचान पत्र के आर्थिक सर्वे के लिए 16 दिन तक घर-घर जाकर संपर्क करने के लिए ड्यूटी पर भेज दिया गया है. इसी साल फरीदाबाद में नगर निगम के चुनाव होने हैं. इसके अलावा हरियाणा में पंचायात चुनाव भी सितंबर में किया जाना है. माना जा रहा है कि सितंबर के आखिर तक पंचायत चुनाव पूरा कर लिया जायेगा. यही वजह है कि शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी पर लगाया गया है और स्कूल में बच्चों की पढ़ाई ठप है. टीचरों की ड्यूटी चुनाव में लगाने के लिए चुनाव आयोग पहले एसडीएम को लिखता है. उसके बाद एसडीएम संबंधित शिक्षा विभाग के अधिकारियों वही आदेश भेजता है. शिक्षा अधिकारी उसके बाद शिक्षकों की ड्यूटी लगाते हैं. सवाल ये है कि शिक्षा अधिकारियों को बच्चों का भविष्य क्यों नहीं नजर आता.

किस स्कूल के कितने टीचर बीएलओ ड्यूटी पर हैं.

सरकारी मॉडल संस्कृति स्कूल की हेड टीचर सुनीता देवी कहती है- इसकी वजह से 8 क्लास खाली हैं. स्कूल में कुल 10 टीचर हैं, जिनमें से 7 को बीएलओ लगाया गया है. जो तीन बचे हैं उनमें से एक पीपीपी का भी कार्य कर रही है और बाकी 2 साठ फीसदी विकलांग हैं. मैं अकेली फील्ड में बैठकर सभी क्लास को हैंडल करती हूं. पहले कोरोना के चलते बच्चों की पढ़ाई खराब हुई. अब स्कूल खुले हैं तो टीचर नहीं हैं.

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हरियाणा में टीचर ना होने के चलते छात्र और ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे हैं. हाल में चलाई गई टीचर ट्रांसफर ड्राइव के बाद कई स्कूलों में कोई टीचर नहीं बचा है. ये हालत प्रदेश के कई जिलों में देखने को मिली है. इंडस्ट्रियल सिटी फरीदाबाद के हीरापुर गांव के सरकारी स्कूल के गेट पर छात्रों ने ताला जड़ (Students Lock School In Faridabad ) दिया. छात्रों ने शिक्षा विभाग मुर्दाबाद, टीचर दो- टीचर दो के नारे भी लगाए. इस बीच प्रदर्शन शांत कराने आए पुलिसकर्मीयों से गांव वालों की झड़प भी हुई. जिसके बाद शिक्षा अधिकारी के लिखित आश्वासन के बाद ही छात्रों ने अपना प्रदर्शन बंद किया.

रेवाड़ी में टीचर की कमी को लेकर धरने पर बच्चे.

नूंह जिले के खंड पिनगवां राजकीय मिडिल स्कूल मोहम्मदपुर गांव (Pinagawan Government Middle School Mohammadpur) से सभी 4 अध्यापकों का तबादला कर दिया गया. स्कूल से सभी पद खत्म करने से नाराज ग्रामीणों और बच्चों ने सोमवार को स्कूल पर ताला जड़कर गेट पर धरना दिया. इस मौके पर सरकार और शिक्षा विभाग के खिलाफ बच्चों और ग्रामीणों में काफी रोष नजर आया. उसके बाद स्कूल अध्यापक और उच्च अधिकारियों के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने ताला तो खोल दिया लेकिन विरोध अभी तक जारी है.

जेबीटी टीचर सविता देवी कहती हैं- जब मां-बाप बच्चों को स्कूल भेजती हैं तो उम्मीद करती हैं कि उनका बच्चा कुछ सीखे. लेकिन बच्चा कुछ तब सीखेगा जब पढ़ाने वाला स्कूल में होगा. पढ़ाने वाले को पढ़ाई के साथ-साथ दूसरे कामों का इतना लोड दे दिया जाता है कि वो दूसरे कामों में ध्यान ही नहीं दे पाता. 16 अगस्त से 31 अगस्त तक हमको रिलीव कर दिया गया था. हमें कहा गया कि डोर टू डोर जाकर आधार कार्ड को वोटर कार्ड से लिंक करो.

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अध्यापकों की कमी को लेकर ही फरीदाबाद में 5 सितंबर को छात्रों ने प्रदर्शन किया. पन्हेरा खुर्द में स्कूली बच्चों ने टीचर्स के ट्रांसफर के खिलाफ स्कूल के बाहर ही धरने पर बैठ गये. छात्रों का कहना है कि उनके स्कूल में छात्रों की वैसे में भी कमी है और अब जो अध्यापक उन्हें पढ़ा रहे हैं उनका स्थानांतरण निजी स्कूलों में किया जा रहा है. बच्चों ने कहा कि वह नहीं चाहते कि उनके स्कूल से कोई भी टीचर का ट्रांसफर किया जाए.

नारनौल में ग्रामीणों ने स्कूल में ताला लगा दिया.

यही हाल रेवाड़ी का भी है. दिल्ली-जयपुर हाईवे से सटे गांव आनंदपुर के सरकारी स्कूल में भी कई सब्जेक्ट के टीचर्स के तबादल हो गए हैं, जिसके विरोध में छात्रों और ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन (Students protest in Rewari) किया और स्कूल पर ताला जड़ दिया. विद्यार्थियों ने अध्यापकों की मांग को लेकर नारेबाजी की और सड़क पर जाम लगा दिया. एक तरफ टीचर की कमी से छात्र परेशान हैं. दूसरी तरफ जो टीचर बचे हैं उन्हें भी चुनावी ड्यूटी पर लगा दिया गया. ऐसे में हरियाणा के बच्चों का भविष्य राम भरोसे है.

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Last Updated : Sep 8, 2022, 8:55 PM IST

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