फरीदाबाद: बल्लभगढ़ मंडी में लाखों क्विंटल धान पड़ा हुआ है लेकिन सरकार का इस तरफ ध्यान नहीं है. किसानों का साफ तौर से कहना है कि सरकार ने धान के रेट फिक्स करने के साथ-साथ ही एक-एक दाना खरीदने का दावा किया है, लेकिन उनके बासमती धान को नहीं खरीदा जा रहा है, जिसकी वजह से उन्हें औने पौने दामों में आढ़तियों को बेचना पड़ रहा है.
धान बेचने के लिए किसानों की जद्दोजहद जारी
किसानों का कहना है कि पहले तो उन्हें मौसम की मार झेलनी पड़ी, जिसकी वजह से उनकी पैदावार कम हुई उसके बाद पिछले साल जो धान 35 सो रुपये क्विंटल बिका था. वहीं इस बार ढाई हजार रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रहा है. वो भी आढ़तियों के माध्यम से, जिसकी वजह से उन्हें धान की पैदावार में लगी लागत भी नहीं मिल पा रही है. किसानों का कहना है कि सरकार उनके धान के रेट फिक्स कर उसे भी खरीदे.
पिछले साल की तुलना में मिल रहा कम रेट
वहीं आढ़तियों का कहना है कि हमारे क्षेत्र में ज्यादातर 80% क्षेत्र में बासमती धान ही बोया जाता है, लेकिन सरकार इस तरफ ध्यान नहीं देती जिसकी वजह से किसानों को इसका नुकसान उठाना पड़ता है. इस धान को यहां से एक्सपोर्ट किया जाता है, इस बार एक्सपोर्टर बासमती धान में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं. जिसकी वजह से किसानों को धान के रेट कम मिल रहे हैं.