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बल्लभगढ़ के किसान परेशान, अनाज मंडी में किसानों को नहीं मिल रहा उचित दाम

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Published : Nov 19, 2019, 7:55 PM IST

Updated : Nov 19, 2019, 8:03 PM IST

हरियाणा में मुसीबत से जूझ रही मंडियों की पड़ताल करने के लिए ईटीवी भारत की टीम बल्लभगढ़ की अनाज मंडी का दौरा किया. ईटीवी भारत से बातचीत में किसानों ने मंडी को लेकर कई बड़े खुलासे किए. किसानों ने एमएसपी को लेकर सवाल उठाए और मौजूदा सरकार पर कई आरोप भी लगाए.

reality check of ballabhgarh grain market

फरीदाबाद: बल्लभगढ़ मंडी में लाखों क्विंटल धान पड़ा हुआ है लेकिन सरकार का इस तरफ ध्यान नहीं है. किसानों का साफ तौर से कहना है कि सरकार ने धान के रेट फिक्स करने के साथ-साथ ही एक-एक दाना खरीदने का दावा किया है, लेकिन उनके बासमती धान को नहीं खरीदा जा रहा है, जिसकी वजह से उन्हें औने पौने दामों में आढ़तियों को बेचना पड़ रहा है.

धान बेचने के लिए किसानों की जद्दोजहद जारी
किसानों का कहना है कि पहले तो उन्हें मौसम की मार झेलनी पड़ी, जिसकी वजह से उनकी पैदावार कम हुई उसके बाद पिछले साल जो धान 35 सो रुपये क्विंटल बिका था. वहीं इस बार ढाई हजार रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रहा है. वो भी आढ़तियों के माध्यम से, जिसकी वजह से उन्हें धान की पैदावार में लगी लागत भी नहीं मिल पा रही है. किसानों का कहना है कि सरकार उनके धान के रेट फिक्स कर उसे भी खरीदे.

बल्लभगढ़ अनाज मंडी में किसानों को नहीं मिल रहा उचित दाम, देखें रिपोर्ट

पिछले साल की तुलना में मिल रहा कम रेट
वहीं आढ़तियों का कहना है कि हमारे क्षेत्र में ज्यादातर 80% क्षेत्र में बासमती धान ही बोया जाता है, लेकिन सरकार इस तरफ ध्यान नहीं देती जिसकी वजह से किसानों को इसका नुकसान उठाना पड़ता है. इस धान को यहां से एक्सपोर्ट किया जाता है, इस बार एक्सपोर्टर बासमती धान में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं. जिसकी वजह से किसानों को धान के रेट कम मिल रहे हैं.

अन्नदाता की हो रही दुर्गति
इतना ही नहीं किसानों के लिए मंडियों में प्रशासन के तमाम इंतजामों के दावे भी पूरी तरह से खोखले साबित हो रहे हैं. किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए मंडियों में कई-कई दिन इंतजार करना पड़ रहा है. जो सरकार किसानों को चुनाव के दौरान देश के लिए सबसे जरूरी बताती है और उनकी आय दोगुनी करने का वादा करती है लेकिन चुनाव के बाद वही किसान मंडी में अपने धान नहीं बेच पा रहा हैं.

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नहीं मिल रहा उचित भाव
किसानों का आरोप है कि मंडी में आढ़तियों द्वारा मन मर्जी के भाव पर धान को खरीदा जा रहा है. किसानों को उनकी लागत से भी कम भाव दिया जा रहा है. कभी नमी तो कभी कुछ और कारण बताकर उनकी फसलों की खरीद में भी देरी की जा रही है. मंडी में अपनी फसलों को लेकर पहुंचे किसान धान की फसल की खरीद को लेकर मौजूदा सरकार को कोसते नजर आ रहे हैं.

Last Updated : Nov 19, 2019, 8:03 PM IST

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