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International Girls Child Day 2022: फरीदाबाद की बेटियां बनीं बेसहारों का सहारा - ईश्वर लाडली फाउंडेशन फरीदाबाद

इंटरनेशनल गर्ल्स चाइल्ड डे-2022 पर फरीदाबाद की हम उन बेटियों की बात करेंगे, जिनके बारे में जानने के बाद आप भी कहेंगे यह बेटियां किसी से कम नहीं. फरीदाबाद में एक संस्था उन बच्चों के लिए काम कर रही है जो आगे बढ़ता तो चाहते हैं लेकिन आर्थिक तंगी या किसी अन्य कारण से आगे नहीं बढ़ पाते हैं. इस संस्था का नाम है ईश्वर लाडली फाउंडेशन.

International Girls Child Day 2022
International Girls Child Day 2022

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Published : Oct 11, 2022, 4:40 PM IST

फरीदाबाद:इंटरनेशनल गर्ल्स चाइल्ड डे-2022 (International Girls Child Day 2022) पर फरीदाबाद की हम उन बेटियों की बात करेंगे, जिनके बारे में जानने के बाद आप भी कहेंगे यह बेटियां किसी से कम नहीं. दरअसल पेशे से वकील मीनू गोयल ने 2019 में ईश्वर लाडली फाउंडेशन फरीदाबाद (Ishwar Ladli Foundation Faridabad) की शुरुआत की. इस दौरान मीनू का सपना था कि वह ऐसे बच्चों के लिए सहारा बने जिनका सहारा कोई नहीं बनता. जिनके सपने बड़े होते हैं लेकिन वह बच्चे पैसे की अभाव में अपने सपने को पूरा नहीं कर पाते हैं. ऐसी बच्चों के लिए ईश्वर लाडली फाउंडेशन एक वरदान साबित हो रहा है.

2019 में फाउंडेशन का शुभारंभ: 2019 में जब इस फाउंडेशन का शुभारंभ हुआ उसके बाद मीनू के साथ दो लड़कियों ने उनका साथ दिया था. तीनों लड़कियों ने मिलकर इस संस्था को आगे बढ़ाया. इस फाउंडेशन में डांसिंग, सिलाई, मेकअप आर्टिस्ट जैसे कई क्षेत्रों में ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार से जोड़ा जाता है. बात करें मीनू की टीम की तो अब कुल 13 लड़कियां इनकी टीम में शामिल हैं.

इंटरनेशनल गर्ल्स चाइल्ड डे-2022

इन लड़कियों ने कभी शादी ना करने की बात कही है और जिंदगी भर बेसहारा बच्चियों की सेवा के लिए वह तत्पर रहना चाहते हैं. हालांकि उनकी टीम मेंबर लड़कियां किसी ना किसी फील्ड में मास्टर हैं. जैसे मीनू खुद पेशे से वकील हैं. इस संस्था में बड़ी-बड़ी कंपनियों में काम करने वाली लड़कियां भी जुड़ी हैं, जो बच्चों को रोजगार से जोड़ रही हैं.

ईश्वर लाडली फाउंडेशन फरीदाबाद

लोगों के ताने सुनने पड़े:मीनू गोयल बताती है कि शुरुआती दिनों में उन्हें बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा. कई लोगों के ताने भी सुनने पड़े. घर वालों ने भी मना किया, लेकिन उन्होंने कहा कि उनके अंदर जो जुनून था, जो सपना था, उसके लिए उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत के बाद अब जाकर सब कुछ ठीक होता नजर आ रहा है. उनके पास यौन उत्पीड़न के कई मामले सामने आए, मीनू ने इंसाफ दिलाते हुए उनको जेल भेजा है. ऐसी बच्चियां जिनके साथ अत्याचार हुआ है, उनको इंसाफ दिलाने का भी काम मीनू और उसकी टीम कर रही है. यही वजह है कि पूरे फरीदाबाद में मीनू और उसकी टीम की तारीफ हो रही है.

फरीदाबाद की बेटियां बनीं बेसहारा का सहारा

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मीनू की टीम में डॉक्टर्स भी हैं: बता दें कि मीनू की टीम में डॉक्टर्स भी हैं और यही वजह है कि जिसको मेडिकल फील्ड में अपना करियर बनाना होता है और आर्थिक तंगी के मद्देनजर वह अपने सपना पूरे नहीं कर पाते हैं, ऐसी बच्चियों के लिए भी यह फाउंडेशन काम करता है. अब तक सैकड़ों से ज्यादा बच्चियों का मेडिकल फील्ड में एडमिशन इनकी टीम ने करवाया है. गौरतलब है कि मीनू का कहना है कि सरकार की तरफ से अभी तक उनको कोई मदद नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि बिना सहायता के आगे यह काम संभव नहीं है, क्योंकि वह अपनी सैलरी भी इसी काम में लगा देती हैं.

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