हरियाणा

haryana

प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहा हरियाणा का सरकारी विद्यालय, यहां टेस्ट के बाद मिलता है बच्चों को एडमिशन

By

Published : Feb 22, 2022, 7:04 PM IST

फरीदाबाद के सेक्टर-55 के गवर्नमेंट मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल को प्रदेश सरकार की ओर से बेस्ट सरकारी स्कूल अवार्ड मिल चुका है. यहां बच्चों को टेस्ट के बाद ही एडमिशन मिलता है. इस स्कूल की एक और बड़ी खासियत यह है कि यहां पर स्कूल के टीचर्स के बच्चे भी पढ़ते हैं.

govt school of Faridabad
फरीदाबाद का सरकारी स्कूल

फरीदाबाद: अक्सर जब भी हमारे जहन में सरकारी स्कूल का ख्याल आता है तो पुरानी इमारत और कमरों में रखा सामान और पढ़ाई के पुराने तरीके आंखों के सामने आ जाते हैं, लेकिन फरीदाबाद के सेक्टर-55 के गवर्नमेंट मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल (govt school of Faridabad) को देखने के बाद सरकारी स्कूल की एक नई तस्वीर उभर कर सामने आती है. इस स्कूल को हरियाणा में बेस्ट सरकारी स्कूल अवार्ड (best govt school award) भी मिल चुका है. इसकी असल वजह हैं यहां के शिक्षक.

इसी स्कूल में पढ़ते हैं शिक्षकों के बच्चे-आमतौर पर हर माता पिता का सपना होता है कि उसका बच्चा अच्छे स्कूल में पढ़े. इसी के चलते आम इंसान के साथ-साथ सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले टीचर्स भी अपने बच्चों का दाखिला प्राइवेट स्कूलों में कराते हैं, लेकिन इस स्कूल की खास बात यह है कि यहां की टीचर्स अपने बच्चों का इसी स्कूल में कराया है. जिसका परिणाम यह रहा है कि यहां से निकलने वाले बच्चों ने मेडिकल, इंजीनियरिंग जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं में बेहतरीन प्रदर्शन किया है.

फरीदाबाद का सरकारी स्कूल.

टेस्ट के बाद स्कूल में मिलता है दाखिला- सरकारी स्कूल की ये खूबियां इसे दूसरे स्कूलों से अलग बना रही हैं. साथ ही निजी स्कूलों को भी पढ़ाई से लेकर साफ-सफाई और डिजिटलाइजेशन में यह स्कूल टक्कर दे रहा है. इस स्कूल में बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए पहले उनको टेस्ट पास करना होता है और टेस्ट पास करने के बाद ही उनका यहां पर दाखिला हो पाता है. जैसे हर माता-पिता की इच्छा है कि उसका बच्चा निजी स्कूल में पढ़े, लेकिन इसके विपरीत यहां के माता पिता की ख्वाहिश होती है कि उनके बच्चे का एडमिशन इस सरकारी स्कूल में हो जाए.

यहां आधुनिक तरीके से होती है पढ़ाई- स्कूल के अंदर डिजिटल क्लासरूम है, जहां पर डिजिटल तरीके से पढ़ाई कराई जाती है. स्कूल के हर कमरे में डिजिटल टीवी और बोर्ड की सुविधा की गई है और टीचर किताब के साथ-साथ डिजिटल तरीके से भी बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं. डिजिटल शिक्षा देने के पीछे यही उद्देश्य है कि बच्चे आधुनिक तकनीकी के साथ भी जुड़ें.

स्कूल का डिजिटल क्लासरूम.

स्कूल की दीवारों पर बनाए गए हैं मॉडल- बाहर भले ही आपको सरकारी स्कूल का बोर्ड दिखाई देगा, लेकिन अंदर जाते ही आप भूल जाएंगे कि आप किसी सरकारी स्कूल में हैं. क्योंकि यहां आर्ट, साइंस और कॉमर्स जैसे विषयों की कक्षाएं भी लगती हैं. स्कूल की दीवारों पर सभी विषयों से जुड़े मॉडल की पेंटिंग बनाई गई है, ताकि आते जाते बच्चा अपने विषय से संबंधित मॉडल देखकर उसे याद कर सके.

स्कूल की दीवारों पर बनाए गए मॉडल.

बच्चों को बेहतर शिक्षा देना मकसद- इस स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों का कहना है कि बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने के पीछे सिर्फ एक मकसद है कि अपने बच्चों के साथ-साथ दूसरों के बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा सके. इस लिए निजी स्कूलों के मुकाबले कई गुणा बेहतर पढ़ाई यहां पर होती है. यहां से पास आउट होने वाले बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और उनका सिलेक्शन भी हो रहा है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा सरकार की अनूठी योजना, 'आपकी बेटी हमारी बेटी' योजना से बेटियों का भविष्य हो रहा सुरक्षित

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

ABOUT THE AUTHOR

...view details