फरीदाबाद:केंद्र सरकार और एनजीटी के आदेश पर 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर पूरे भारत में रोक लगा दी जाएगी. वहीं हरियाणा के जिला फरीदाबाद बाजार के दुकानदार केंद्र सरकार के इस आदेश से पहले प्लास्टिक का विकल्प तलाशने की बात कह रहे (Faridabad shopkeepers on single use plastic ban) हैं. दुकानदारों का मानना है कि रोक लगाने से पहले प्लास्टिक का विकल्प होना बेहद जरूरी है, नहीं तो दुकानदारों को नुकसान उठाना पड़ सकता है.
क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक:जैसे ही 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर रोक लगाने की बात प्रशासन द्वारा कही गई है वैसे ही लोगों के मन में भी सवाल उठने लगे हैं कि आखिर सिंगल यूज प्लास्टिक है क्या? सिंगल यूज प्लास्टिक में वह प्रोडक्ट शामिल है जिनका इस्तेमाल केवल एक ही बार किया जाता है और इस्तेमाल कर फेंक दिया जाता है. बता दें, यह आसानी से डिस्पोज नहीं होते ना ही इन्हें रिस्काइल किया जा सकता (plastic ban in India) है.
इनसे बनता है सिंगल यूज प्लास्टिक: सिंगल यूज प्लास्टिक में विभिन्न प्रकार के पेय पदार्थों की बोतलें, प्लास्टिक से बना सामान जैसे प्लास्टिक की चम्मच, प्लास्टिक की प्लेट, प्लास्टिक के गिलास, खाने का सामान पैकिंग पॉलीथिन सहित अन्य सामान शामिल (plastic ban in Haryana) है. इसमें गुब्बारा, फ्लैग, कैंडी, ईयर बड्स के स्टिक और मिठाई बॉक्स में यूज होने वाली क्लिंग रैप भी शामिल हैं.
सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन क्यों जरूरी:प्रदूषण फैलने में प्लास्टिक कचरे का सबसे बड़ा हाथ होता है. सबसे ज्यादा प्रदूषण प्लास्टिक कचरे की वजह से होता है. अगर केंद्र सरकार के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो 2018-19 में 30.59 लाख टन और 2019-20 में 34 लाख टन से ज्यादा प्लास्टिक कचरा जेनरेट हुआ था. अब इस प्लास्टिक को ना तो डीकंपोज किया जा सकता है ना ही जलाया जा सकता है क्योंकि इसके जलाने से हानिकारक गैस निकलती है.