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FARIDABAD: सिंगल यूज प्लास्टिक पर 1 जुलाई से रोक, दुकानदार बोले: पहले विकल्प ढूंढे सरकार

भारत में 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर केंद्र सरकार और एनजीटी के आदेशों पर रोक लगा दी (plastic ban in India) जाएगी. वहीं हरियाणा के जिला फरीदाबाद के दुकानदारों ने सरकार और जिला प्रशासन से सिंगल यूज प्लास्टिक बैग पर रोक लगाने से पहले विकल्प ढूंढने की बात कही (Faridabad shopkeepers on single use plastic ban) है. पढ़ें पूरी खबर...

Faridabad shopkeepers on single use plastic ban
सिंगल यूज प्लास्टिक पर 1 जुलाई से रोक, दुकानदार बोले पहले विकल्प ढूंढे सरकार

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Published : Jun 24, 2022, 10:47 AM IST

फरीदाबाद:केंद्र सरकार और एनजीटी के आदेश पर 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर पूरे भारत में रोक लगा दी जाएगी. वहीं हरियाणा के जिला फरीदाबाद बाजार के दुकानदार केंद्र सरकार के इस आदेश से पहले प्लास्टिक का विकल्प तलाशने की बात कह रहे (Faridabad shopkeepers on single use plastic ban) हैं. दुकानदारों का मानना है कि रोक लगाने से पहले प्लास्टिक का विकल्प होना बेहद जरूरी है, नहीं तो दुकानदारों को नुकसान उठाना पड़ सकता है.

क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक:जैसे ही 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर रोक लगाने की बात प्रशासन द्वारा कही गई है वैसे ही लोगों के मन में भी सवाल उठने लगे हैं कि आखिर सिंगल यूज प्लास्टिक है क्या? सिंगल यूज प्लास्टिक में वह प्रोडक्ट शामिल है जिनका इस्तेमाल केवल एक ही बार किया जाता है और इस्तेमाल कर फेंक दिया जाता है. बता दें, यह आसानी से डिस्पोज नहीं होते ना ही इन्हें रिस्काइल किया जा सकता (plastic ban in India) है.

सिंगल यूज प्लास्टिक पर 1 जुलाई से रोक, दुकानदार बोले पहले विकल्प ढूंढे सरकार

इनसे बनता है सिंगल यूज प्लास्टिक: सिंगल यूज प्लास्टिक में विभिन्न प्रकार के पेय पदार्थों की बोतलें, प्लास्टिक से बना सामान जैसे प्लास्टिक की चम्मच, प्लास्टिक की प्लेट, प्लास्टिक के गिलास, खाने का सामान पैकिंग पॉलीथिन सहित अन्य सामान शामिल (plastic ban in Haryana) है. इसमें गुब्बारा, फ्लैग, कैंडी, ईयर बड्स के स्टिक और मिठाई बॉक्स में यूज होने वाली क्लिंग रैप भी शामिल हैं.

सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन क्यों जरूरी:प्रदूषण फैलने में प्लास्टिक कचरे का सबसे बड़ा हाथ होता है. सबसे ज्यादा प्रदूषण प्लास्टिक कचरे की वजह से होता है. अगर केंद्र सरकार के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो 2018-19 में 30.59 लाख टन और 2019-20 में 34 लाख टन से ज्यादा प्लास्टिक कचरा जेनरेट हुआ था. अब इस प्लास्टिक को ना तो डीकंपोज किया जा सकता है ना ही जलाया जा सकता है क्योंकि इसके जलाने से हानिकारक गैस निकलती है.

रीसाइक्लिंग और स्टोरेज करना एकमात्र उपाय: सिंगल यूज प्लास्टिक को रीसाइक्लिंग के अलावा स्टोरेज करना ही एकमात्र उपाय होता है. प्लास्टिक अलग-अलग रास्तों से होकर नदी और समुद्र में पहुंच जाता है. यही नहीं प्लास्टिक सूक्ष्म कणों में टूटकर पानी में मिल जाता है, जिसे हम माइक्रोप्लास्टिक कहते (single use plastic ban in Haryana) हैं. ऐसे में नदी और समुद्र का पानी भी प्रदूषित हो जाता है.

मार्केट में दुकानदारों में असमंजस:प्रशासन द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक को रोकने को लेकर आदेश जारी कर दिया गया है, लेकिन मार्केट में दुकानदारों में सिंगल यूज प्लास्टिक की पहचान को लेकर असमंजस बना हुआ है. साथ ही दुकानदारों का यह भी मानना है कि सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प क्या होगा. क्योंकि बाजार में आने वाले दुकानदारों को अगर सामान रखने के लिए पॉलिथीन ना दी जाए तो वह सामान नहीं खरीदते. ऐसे में सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प को लेकर भी सरकार और प्रशासन को जल्द से जल्द कदम उठाना होगा.

क्या कहते हैं प्रशासनिक अधिरकारी:फरीदाबाद जिला उपायुक्त जितेंद्र यादव ने बताया कि सरकार पिछले लंबे समय से कोशिश कर रही है कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगे पिछले साल ही सरकार के द्वारा आदेश जारी कर दिए गए थे कि 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक का पूरी तरह से प्रयोग बंद किया जाएगा प्रशासन सरकार की गाइडलाइंस को पालन कराने की कोशिश में लगा हुआ है 1 जुलाई के बाद सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग करने पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.

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