चंडीगढ़ःरतन लाल कटारिया को मोदी मंत्रिमंडल से हटा दिया गया है. वो मोदी मंत्रिमंडल की उस लंबी लिस्ट में शामिल हैं जिनसे इस्तीफा लिया गया है. लेकिन ऐसी नौबत क्यों आई कि खांटी भाजपाई और संस्थापक सदस्य रतन लाल कटारिया को इस्तीफा देना पड़ा. इसके पीछे कई कारण माने जा रहे हैं. एक तो बहुत सारे नए मंत्रियों को टीम मोदी में जगह देनी थी, दूसरा हरियाणा से तीन मंत्री बने थे. जबकि इतने छोटे बाकी राज्यों को मंत्रिमंडल में इतनी जगह नहीं मिली थी.
इसके अलावा रतन लाल कटारिया की उम्र भी मंत्री पद से उन्हें दूर ले गई. इसके अलावा रतन लाल कटारिया की परफॉर्मेंस से भी नरेंद्र मोदी संतुष्ट नहीं थे. माना ये भी जा रहा है कि किसान आंदोलन और किसानों को लेकर दिये उनके बयानों से दिल्ली खुश नहीं थी. एक बार तो रतन लाल कटारिया ने यहां तक कह दिया था कि किसानों को प्रदर्शन करना था तो कहीं और जाकर मर लेते. तो ये भी एक बड़ा कारण बना कि उनकी मंत्री की कुर्सी जाती रही.
अब रतन लाल कटारिया का क्या होगा ?
भारतीय जनता पार्टी अपने बाकी उम्र दराज नेताओं की तरह हो सकता है आने वाले वक्त में रतन लाल कटारिया को किसी संवैधानिक पद पर बैठा दे. ये भी हो सकता है कि इस बारे में बाकायदा उन्हें कोई आश्वासन मिला हो, क्योंकि रतन लाल कटारिया पुराने नेता हैं और संघ से उनका नाता रहा है.
रतन लाल कटारिया का राजनीतिक सफर
रतन लाल कटारिया हरियाणा भारतीय जनता पार्टी के संगठन में बहुत पुराने नेता हैं. 1980 में वो भजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हुआ करते थे. उसके बाद प्रदेश प्रवक्ता, अनुसूचित जाति मोर्चा के अखिल भारतीय महामंत्री से होते हुए 2001 में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बने, और 2003 तक इस पद पर रहे. इसके अलावा भी वो संगठन में कई पदों पर काम करते रहे, और वो उन नेताओं में से हैं जब बीजेपी का हरियाणा में कोई जनाधार नहीं था तब भी वो भारतीय जनता पार्टी के साथ थे.