चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस ने गुरुवार को करनाल में चार संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार (karnal terrorist arrest) कर देश को दहलाने की खालिस्तानी साजिश को नाकाम कर दिया. इन चार आतंकियों के पास से बड़ी मात्रा में विस्फोटक और असलहे बरामद हुए हैं. शुरुआती जांच में पता चला है कि गिरफ्तार चार आतंकियों का सरगना हरविंदर सिंह रिंदा है. जो इस समय पाकिस्तान में आईएसआई की सरपरस्ती में रह रहा है. पाकिस्तान से ही वो अपने गुर्गों के जरिए देश में आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है.
हरविंदर सिंह रिंदा चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी (Punjab university) का छात्र था. रिंदा यहां पर छात्र राजनीति में काफी सक्रिय था. हरविंदर सिंह छात्र संगठन स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया का सदस्य था. यहां पर रहते हुए भी उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज हुए थे. इतना ही नहीं रिंदा पर आरोप है कि उसने सेक्टर 11 पुलिस स्टेशन के तत्कालीन एसएचओ नरेंद्र पटियाल को जान से मारने की धमकी भी दी थी. साल 2016 में रिंदा पर चंडीगढ़ में सेक्टर 38 गुरुद्वारे के पास होशियारपुर के गांव के सरपंच की हत्या का भी आरोप है. यहां तक कि 2018 में पंजाबी सिंगर परमिश वर्मा पर हुए हमले का आरोप भी रिंदा पर लगा.
करनाल से गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी
हरविंदर रिंदा का परिवार पंजाब के तरनतारन का रहने वाला है. रिंदा की उम्र जब 11 साल थी तब उसका परिवार महाराष्ट्र के नांदेड़ साहिब में रहने लगा. पुलिस के मुताबिक रिंदा जब 18 साल का था तब पारिवारिक कलह के चलते उसने तरनतारन में अपने एक रिश्तेदार की हत्या कर दी थी. नांदेड़ साहिब में रहते हुए हरविंदर सिंह ने लोगों से फिरौती और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग करना शुरू कर दिया था. नांदेड़ साहिब में रिंदा पर हत्या, हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के तहत कई केस दर्ज हैं. नांदेड़ साहिब में महाराष्ट्र पुलिस लगातार हरविंदर सिंह का पीछा कर रही थी जिससे बचते हुए वह पंजाब वापस आ गया. वापस आने के बाद उसने पंजाब यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया और यहीं पर रहने लगा. यहां रहते हुए ही वो छात्र राजनीति में भी सक्रिय हो गया.
हरविंदर सिंह कैसे पहुंचा पाकिस्तान- जानकारी के अनुसार हरविंदर सिंह भारत से नेपाल के जरिए पाकिस्तान पहुंचा. पाकिस्तान जाने के लिए उसने फर्जी पासपोर्ट का सहारा लिया. हरविंदर सिंह पाकिस्तान में पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई के संरक्षण में है. हरविंदर सिंह की धरपकड़ को लेकर सुरक्षा एजेंसियां अब इंटरपोल की मदद लेने की तैयारी में है ताकि उसे जल्द ही दबोचा जा सके.