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जब देवीलाल के साथ 'न्याय युद्ध' आंदोलन में सुषमा स्वराज ने संभाली थी महिलाओं की कमान

देर रात जब हरियाणा के लोगों को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन की खबर मिली, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई कि उनकी बेटी अब नहीं रही. लोगों ने सुषमा स्वराज के हर उस काम को याद किया जो उन्होंने हरियाणा के लिए किया था. उनमें से एक था न्याय युद्ध आंदोलन जिसमें सुषमा स्वराज ने अहम भूमिका अदा की थी.

न्याय युद्ध आंदोलन

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Published : Aug 7, 2019, 10:09 AM IST

Updated : Aug 7, 2019, 1:30 PM IST

चंडीगढ़:पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन की खबर से पूरा हरियाणा शोक में डूब गया. सुषमा स्वराज हरियाणा की बेटी थीं और इनका जन्म अंबाला में हुआ था. देर रात उनके निधन की खबर के बाद पहले तो लोगों को यकीन नहीं हो रहा था कि उनकी बेटी इस दुनिया में नहीं रही. दिल्‍ली और राष्‍ट्रीय राजनीति में सक्रिय होने के बावजूद सुषमा स्‍वराज का अंबाला में अपने मायके और चंडीगढ़ से हमेशा जुड़ाव बना रहा.

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'न्याय युद्ध' आंदोलन में सुषमा स्वराज ने निभाई अहम भूमिका
हरियाणा में चौधरी देवीलाल सरकार में दो बार मंत्री रहीं सुषमा स्वराज ने 1985-86 के न्याय युद्ध आंदोलन में भी हिस्सेदारी की थी. यह न्‍याय युद्ध एसवाईएल नहर निर्माण को लेकर चलाया गया था. इसे चौ. देवीलाल और डा. मंगलसेन की जोड़ी के नेतृत्व में चलाया गया. इस आंदोलन में महिलाओं के नेतृत्व की जिम्मेदारी सुषमा स्वराज ने ली थी.

अंबाला छावनी सीट से विधायक रहीं सुषमा स्वराज
सुषमा स्‍वराज अंबाला छावनी सीट से 1977 और 1987 में विधायक चुनी गई थीं. वह 1977 में महज 25 साल की उम्र में विधायक बनीं और फिर जनता पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनीं. वह महज 27 साल की उम्र में 1979 में जनता पार्टी की हरियाणा इकाई की अध्‍यक्ष बनीं.

Last Updated : Aug 7, 2019, 1:30 PM IST

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