चंडीगढ़: कोरोना वायरस के कारण किसानों को बहुत नुकसान हुआ है. खासकर गेहूं की फसल को लेकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें लगातार बनी हुई थी. हालांकि सरकार द्वारा 20 अप्रैल से गेहूं फसल खरीद की घोषणा के बाद किसान के चेहरे पर रौनक लौटी. वहीं सरकार ने कोरोना के खतरे को ध्यान में रखते हुए गेहूं खरीद के लिए विशेष तैयारी भी की है.
गेहूं की फसल पक कर तैयार हो गई है, कई किसानों ने इसकी कटाई हुई शुरू कर दी है जबकि बहुत जगह फसल अभी काटी जानी है. 20 अप्रैल से फसल की खरीद भी शुरू हो जाएगी लेकिन लॉक डाउन के कारण इस बार खरीद कार्य पहले की तरह नहीं हो पाएगा इसलिए प्रदेश सरकार में इस बार गेहूं खरीद के लिए मंडियों के साथ-साथ ब्लॉक वाइज स्तर पर खरीद केंद्र बनाए हैं जहां सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल का पालन करते हुए गेहूं की खरीद की जाएगी.
खेत में गेहूं की फसल की कटाई करते हुए किसान परिवार. ये भी पढ़ें-गुरुग्राम: पति ने क्रिकेट बैट से पीट-पीटकर की पत्नी की हत्या
हर साल जिलों में 389 मंडियों एवं खरीद केंद्रों पर ही अनाज की खरीद की जाती है. इस बार महामारी में किसान संक्रमण से दूर रहें और उनकी गेहूं भी खरीद ली जाए. इसके लिए प्रदेश सरकार ने खरीद केंद्रों की संख्या चार गुना से अधिक बढ़ा दी है. इस बार गेहूं की खरीद जिलों के 389 मंडियों और खरीद केंद्रों के साथ-साथ ब्लॉक स्तर के 1410 नई खरीद केंद्रों पर भी की जाएगी.
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने बताया कि इस बार किसानों के लिए 4 गुना से अधिक मंडियों एवं खरीद केंद्रों की व्यवस्था की गई है. सरकार 20 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू करेगी. किसान भाइयों से अपील है कि गेहूं को मंडियों और खरीद केंद्रों में लाने के लिए जल्दबाजी न करें. सरकार एक-एक दाने की खरीद करेगी. सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल का पालन करते हुए खरीद कार्य किया जाएगा. उम्मीद है कि किसान भी सरकार को पूरा सहयोग करेंगे.
सरकार का दावा है कि इस खरीद कार्य में भी सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल की पूरी तरह से पालना होगी. सरकार की ओर से 6 दिन खरीद कार्य होगा. जिसमें खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, हैफेड, एफसीआई और हरियाणा वेयरहाउसिंग कारपोरेशन खरीद करेगा. ये खरीद एजेंसियां किन-किन मंडियों में कौन-कौन से दिन खरीद करेंगी. इसका भी शेड्यूल तैयार कर लिया गया.
लॉक डाउन में चूंकि कई तरह की बंदिशें चल रही हैं इसलिए न तो मंडियों में ज्यादा भीड़ हो और किसानों को भी अपनी फसल बेचने के लिए बहुत दूर न जाना पड़े. इसी के मद्देनजर किसानों की सहूलियत के हिसाब से खरीद केंद्रों को विभिन्न गांवों के बीच ही तैयार किया गया है. गांव के आसपास सरकार को जहां-जहां खाली मैदान प्लॉट व परिसर मिले हैं. उन्हें फिलहाल टेंपरेरी खरीद केंद्रों में कन्वर्ट कर दिया गया है. खरीद के लिए वहां जरूरी तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं.
ये भी पढ़ें-सिरसाः लॉकडाउन में फसल की कटाई के साथ खेत में पढ़ाई कर रहे छात्र
20 अप्रैल से यहां खरीद कार्य शुरू हो जाएगा. जिन खाली जगहों पर खरीद केंद्र बनाए गए हैं.. उनमें खेल के मैदान, स्कूल राइस मिलें, बड़े खाली प्लॉट, पुलिस लाइन का मैदान, मंदिर परिसर, पार्किंग स्थल, नेशनल हाईवे का रेस्ट एरिया, एग्रो मॉल, कोल्ड स्टोर, पंचायत स्टेडियम, गौशाला की खाली जगह, इंडस्ट्रियल एरिया, व्यायामशाला, बस अड्डा परिसर, राधा स्वामी सत्संग भवन, आईटीआई ग्राउंड, जाट धर्मशाला इत्यादि ऑयल फूड व शुगर मिलें शामिल हैं.