चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के नतीजों में किसी को भी बहुमत नहीं मिलने के बाद 40 सीटें जीतने वाली बीजेपी निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ सरकार बना सकती है. इन निर्दलीय विधायकों में सिरसा से निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा भी शामिल हैं. कांडा का समर्थन लेने को लेकर बीजेपी घिर चुकी है.
इसी बीच भाजपा की वरिष्ठ नेत्री उमा भारती ने गोपाल कांडा को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा है कि मुझे जानकारी मिली है कि हरियाणा में गोपाल कांडा नाम के एक निर्दलीय विधायक का समर्थन भी हमें मिल सकता है. इसी पर मुझे कुछ कहना है. अगर गोपाल कांडा वही व्यक्ति है जिसकी वजह से एक लड़की ने आत्महत्या की थी तथा उसकी माँ ने भी न्याय नहीं मिलने पर आत्महत्या कर ली थी, मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है, तथा यह व्यक्ति ज़मानत पर बाहर है.
अगले ट्वीट में उमा भारती ने लिखा कि गोपाल कांडा बेक़सूर है या अपराधी, यह तो क़ानून साक्ष्यों के आधार पर तय करेगा, किंतु उसका चुनाव जीतना उसे अपराधों से बरी नहीं करता. चुनाव जीतने के बहुत सारे फैक्टर होते हैं. मैं शीर्ष नेताओं से अनुरोध करूंगी कि हम अपने नैतिक अधिष्ठान को न भूलें. हमारे पास तो पीएम नरेंद्र मोदी जैसी शक्ति मौजूद है, एवं देश क्या पूरे दुनिया की जनता मोदी जी के साथ है तथा मोदी जी ने सतोगुणी ऊर्जा के आधार पर राष्ट्रवाद की शक्ति खड़ी की है. हरियाणा में हमारी सरकार ज़रूर बने, लेकिन यह तय करिए कि जैसे बीजेपी के कार्यकर्ता साफ़-सुथरे ज़िंदगी के होते हैं, हमारे साथ वैसे ही लोग हों.
बता दें कि उमा भारती इन दिनों गंगा पैदल यात्रा पर हैं. यह यात्रा उमा भारती ने 14 अक्टूबर गंगोत्री से शुरू की थी. यात्रा के दौरान भारती गंगा प्रवास पर हिमालय में गंगा के किनारे पर हैं यहां टीवी नहीं है. उमा भारती ने बताया कि वे मोबाइल पर ही सारी ख़बरें देख रही हैं.
कौन है गोपाल कांडा?गोपाल कांडा के सियासी सफर में भी कई उतर-चढ़ाव आए हैं. गोपाल कांडा 2009 में सिरसा से निर्दलीय विधायक बनें थे. तब हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में उन्हें गृह राज्यमंत्री बनाया गया था. 2009 में कांडा ने सरकार गठन में अहम रोल निभाया था. 2012 में अचानक से गोपाल कांडा का नाम सुर्खियों में आ गया था. तब कांडा की खुद की एयरलाइंस में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी गीतिका शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी. गीतिका शर्मा ने सुसाइड नोट में लिखा था कि वह कांडा और उनकी कर्मचारी अरुणा चड्ढा द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न की वजह से अपनी जान दे रही हैं. इस केस के बाद कांडा कई तरह के आरोपों में घिर गए.
गीतिका शर्मा की सुसाइड के छह महीने बाद उनकी मां ने भी सुसाइड कर ली थी. उन्होंने भी अपने सुसाइड नोट में कथित तौर पर कांडा का नाम लिया था. जब कांडा पर तमाम तरह के कई आरोप लगे तो उन्होंने हुड्डा सरकार में गृह राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. 18 महीने जेल में रहने के बाद पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी. रिहाई के बाद कांडा ने 2014 में हरियाणा लोकहित पार्टी का गठन किया था लेकिन उस चुनाव में उनकी पार्टी बुरी तरह हार गई थी.
वहीं एक फिर अब गोपाल कांडा सिरसा से निर्दलीय विधायक चुने गए हैं और राज्य में बीजेपी की सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. बीजेपी सरकार को गोपाल कांडा के समर्थन लेने पर ही घेरा जा रहा है.
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