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चंडीगढ़ में छात्र हर्बल रंग बेचकर लोगों को कर रहे जागरूक

चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र गुरुजन लोगों को हर्बल रंगों के प्रति जागरूक कर रहे हैं ताकि लोग केमिकल वाले रंग इस्तेमाल ना करें और उन रंगों से होने वाले नुकसान से बच सकें. इसके लिए गुरुजन ने चंडीगढ़ में ही एक छोटी सी दुकान लगाई है जहां वे हर्बल रंगों को बेच रहे हैं.

herbal colors for holi in chandigarh
herbal colors for holi in chandigarh

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Published : Mar 9, 2020, 8:02 PM IST

चंडीगढ़: इस बार होली के त्यौहार को लेकर लोग खास एहतियात बरत रहे हैं. देश में कोरोना वायरस का डर फैला हुआ है जिससे लोग होली खेलने से परहेज कर रहे हैं लेकिन बहुत से लोग होली खेलना चाहते हैं. वे चीन से आने वाले और केमिकल से बने रंगों को छोड़कर हर्बल रंगों से होली खेल सकते हैं.

चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र गुरजश्न न सिर्फ लोगों को हर्बल रंगों से होली खेलने का संदेश दे रहे हैं बल्कि वे खुद भी बाजार में छोटी सी दुकान लगाकर हर्बल रंग बेच रहे हैं.

चंडीगढ़ में छात्र बेच रहे हर्बल रंग, लोगों को कर रहे जागरूक.

चंडीगढ़ में इस बार की होली कुछ अलग रहने वाली है. एक तो लोग होली खेलने में काफी एहतियात बरत रहे हैं जिसकी सबसे बड़ी वजह है कोरोना वायरस लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो होली खेलना चाहते हैं ऐसे लोगों के लिए बाजार में हर्बल रंग आ गए हैं जो पूरी तरह से प्राकृतिक वस्तुओं से बने हैं और दूसरा वह भारत में बने हैं.

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इ रंगों में डाले जाने वाला कोई भी उत्पाद दूसरे देशों से नहीं लाया गया है इसलिए उन्हें सुरक्षित रंग कहा जा सकता है. कुछ इसी सोच के साथ चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र गुरजश्न लोगों को हर्बल रंगों के प्रति जागरूक कर रहे हैं ताकि लोग केमिकल वाले रंग इस्तेमाल ना करें और उन रंगों से होने वाले नुकसान से बच सकें.

इसके लिए गुरजश्न ने चंडीगढ़ में ही एक छोटी सी दुकान लगाई है जहां वे हर्बल रंगों को बेच रहे हैं. साथ ही लोगों को केमिकल वाले कलर इस्तेमाल ना करने के लिए जागरूक भी कर रहे हैं. गुरजश्न ने बताया कि हर्बल रंग अरारोट और चावल के आटे से बनाए जाते हैं. इससे शरीर को कोई नुकसान नहीं होता जबकि केमिकल वाले कलर से शरीर को कई तरह की नुकसान हो सकते हैं.

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का डर एक अलग बात है, हमें वैसे भी केमिकल वाले कलर इस्तेमाल नहीं करने चाहिए. अगर केमिकल वाले कलर आंख, कान या मुंह में चले जाएं तो उनसे काफी नुकसान हो सकता है और स्किन पर भी कई तरह की एलर्जी हो सकती है जबकि अगर हर्बल कलर हमारे शरीर में जाएं तो उनसे ज्यादा नुकसान नहीं होगा इसलिए लोगों को हर हाल में केमिकल वाले रंगों से बचना चाहिए.

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