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प्रदेश के किसानों को राहत, स्टाम्प ड्यूटी 2,000 रुपये से कम करके मात्र 100 रुपये हुई

उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सरकार द्वारा किसानों के हित में लिए गए एक और निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि पहले ब्याज मुक्त ऋण सुविधा केवल सहकारी संस्थाओं से लिए गए ऋणों पर उपलब्ध थी और इसकी सीमा 1.5 लाख रुपये थी.

stamp duty reduced for farmers in haryana
stamp duty reduced for farmers in haryana

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Published : Jul 15, 2020, 7:39 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के किसानों के हित में कई अहम कदम उठा रही है. ताकि वे आत्मनिर्भर भारत की एक महत्वपूर्ण कड़ी बन सकें. उन्होंने ऋण लेते समय ली जाने वाली स्टाम्प ड्यूटी घटाने को राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में उठाया गया बड़ा फैसला बताया है. डिप्टी सीएम के मुताबिक इस फैसले से प्रदेश के लाखों छोटे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी.

उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने स्टाम्प ड्यूटी 2,000 रुपए से कम करके मात्र 100 रुपए करने का फैसला लिया है. इससे किसानों की जेब पर आर्थिक बोझ कम होगा और मंदी से उबरने में किसानों को मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि पहले सहकारी और सरकारी बैंकों से ऋण लेने के लिए प्रत्येक किसान को स्टाम्प डयूटी के रूप में 2,000 रुपए देने पड़ते थे. इस स्टाम्प ड्यूटी को कम करने के लिए लंबे समय से किसानों की मांग चली आ रही थी, जिसको राज्य सरकार ने पूरा कर दिया है.

प्रदेश के किसानों को राहत, स्टाम्प ड्यूटी 2,000 रुपये से कम करके मात्र 100 रुपये हुई

उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सरकार द्वारा किसानों के हित में लिए गए एक और निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि पहले ब्याज मुक्त ऋण सुविधा केवल सहकारी संस्थाओं से लिए गए ऋणों पर उपलब्ध थी और इसकी सीमा 1.5 लाख रुपये थी.

अब राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि ब्याज मुक्त ऋणों की सुविधा उन किसानों को भी मिलेगी, जो किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक या सहकारी बैंक से प्रति एकड़ 60 हजार रुपये तक का, या अधिकतम 3 लाख रुपये तक का फसली ऋण लेते हैं. उन्होंने बताया कि किसान इस सुविधा का लाभ निर्धारित समय पर ऋण की अदायगी करके, 'मेरी फसल-मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर, लिए गये सभी सहकारी ऋणों को घोषित करके उठा सकते हैं.

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के जोखिम को कम करने तथा उन्हें नवीन एवं आधुनिक कृषि पद्धतियां अपनाने के लिए निरंतर प्रोत्साहित कर रही है. इसके अलावा, सरकार राज्य में लवणीय व जलभराव वाली भूमि के सुधार के लिए भी ठोस कदम उठा रही है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग 11 लाख एकड़ भूमि लवणीय व जलभराव की समस्या से प्रभावित है.

इस समस्या की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश सरकार ने वर्ष 2020-21 में इस समस्या से ग्रस्त एक लाख एकड़ भूमि को सुधारने का लक्ष्य बजट में निर्धारित किया है. इस कार्य को मिशन मोड में पीपीपी के तहत बढ़ावा दिया जाएगा.

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