चंडीगढ़:देश में किसानों की हालत बेहद खराब है. इसलिए किसानों की दशा को सुधारने के लिए केंद्र सरकार ने कई अहम घोषणाएं की हैं. लेकिन किसानों के सामने आज भी अपनी फसलों को बेचने की समस्या है. ऐसे में कैसे किसानों तक मदद पहुंच पाएगी. इसी पर चर्चा करने के लिए आज ईटीवी भारत ने एक चर्चा की. जिसमें हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल और स्वराज इंडिया के संयोजक योगेंद्र यादव जुड़े. इस दौरान ईटीवी भारत की तरफ से रीजनल एडिटर ब्रजमोहन सिंह ने किसानों की असल समस्या पर विस्तार से चर्चा भी की.
ईटीवी भारत- किसानों की स्थिति अभी खराब है. इसी बीच केंद्र सरकार की तरफ से कुछ मदद दी गई है. लेकिन उस मदद में से किसानों के पास कितनी मदद पहुंच पाएगी?
योगेंद्र यादव- कोरोना के इस संकट में अगर देश सिर उठाकर खड़ा है तो वो सिर्फ किसानों की वजह से. क्योंकि हमारे अनाज के भंडार भरे हुए हैं. नहीं तो हमारी स्थिति 1960 जैसी हो जाती. लेकिन उस किसानों को कुछ दिक्कत है. पहली दिक्कत ये है कि यह कटाई का सीजन था और केंद्र सरकार के पहले नोटिफिकेशन में किसानों को कटाई करनी है. इस बात का जिक्र भी नहीं था. खैर किसी तरह किसानों ने कटाई कर ली. फिर उस फसल को बेचने की समस्या आई. दूसरी दिक्कत ये थी कि जिन किसानों ने सब्जियां उगाई, फल उगाए. उनका तो धंधा चौपट हो गया.
स्वराज इंडिया के संयोजक योगेंद्र यादव ने कहा कि निर्मला सीतारमण ने जो घोषणाएं की. ये वही घोषणाएं थी जो डेढ़ महीने पहले उन्होंने की थी. उन्होंने पहले भी यही था कि जो पैसा किसानों को मिलना था वो पहले दिया जा रहा है. किसान सम्मान निधि जो उसे अप्रैल से जून के बीच में मिलनी ही थी. सरकार ने कहा कि वो उसे अप्रैल में ही दे देंगे और कहा कि ये किसानों के लिए बड़ा-बड़ा तोहफा है. मजे की बात तो ये है कि यही घोषणा वित्त मंत्री फरवरी में अपने बजट की घोषणा में कर चुकी है. फिर वही ऐलान करने का क्या मतलब है.
जेपी दलाल- किसानों की समस्या को बहुत थोड़े वक्त में खत्म नहीं किया जा सकता. सबसे पहले तो किसानों को साहूकारों के चंगुल से बाहर निकलना पड़ेगा. उसको सस्ती पूंजी चाहिए. किसानों की ज्यादातर कमाई को साहूकार खा जाता था. इसी से निकालने के लिए किसान को केसीसी यानी किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराया गया. जिस पर आज हरियाणा के किसानों को 4 प्रतिशत ब्याज पर उसको अच्छी खासी पूंजी उपलब्ध है.