चंडीगढ़: 2016 में हुए राज्यसभा की 2 सीटों के चुनाव के दौरान सामने आए इंक कंट्रोवर्सी के मामले के बाद अब चुनाव आयोग की तरफ से इसको लेकर खास एहतियात बरती गई हैं. इस बार मतदान के दौरान आयोग की तरफ से तैनात एक ऑफिसर पेन को लेकर खास ध्यान रखेगा, वोट करने के बाद यही ऑफिसर पेन वापस भी लेगा.
हरियाणा में दो राज्यसभा रेगुलर सीटों और एक सीट पर बाय इलेक्शन होने जा रहा है जिसके नॉमिनेशन की अंतिम तिथि 13 मार्च है. इन तीनों सीटों पर चुनाव को लेकर रिटर्निंग अधिकारी आईएएस अधिकारी अजीत बालाजी जोशी बनाए गए हैं.
राज्यसभा चुनाव में इंक कंट्रोवर्सी को देखते हुए इस बार है खास इंतजाम. उन्होंने कहा कि चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी हो इसको लेकर पूरे प्रयास किए गए हैं. चुनाव को लेकर रिटर्निंग अधिकारी आईएस अजीत बालाजी जोशी ने दावा किया कि इस बार निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव करवाया जाएगा. इस बार 2 रेगुलर सीटों पर 6 साल और 1 सीट पर उपचुनाव होना है.
वहीं इंक कंट्रोवर्सी को लेकर उन्होंने कहा कि पहले जिस तरह से इंक कंट्रोवर्सी रही थी उसके बाद अब इसको लेकर खास इंतजाम किए गए हैं. अब चुनाव आयोग की तरफ से एक अधिकारी मौके पर मौजूद रहेगा जो वोट के समय पेन देगा और मतदान के बाद तुरंत वापस भी लेगा.
ये भी पढ़ेंः-राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने घोषित किए दो उम्मीदवार, कांग्रेस में खींचतान जारी
उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियों की तरफ से अपने एक प्रतिनिधि को तैनात किया जाता है. इसमें पारदर्शिता को लेकर इस बार कम्पार्टमेंट बड़े बनाये गए हैं. मतदान का समय सुबह 9 से शाम 4 बजे तक का रखा गया है जिसके बाद रिजल्ट घोषित होगा. 13 मार्च नॉमिनेशन की अंतिम तिथि है. कई लोगों की तरफ से फॉर्म लिया गया है मगर उसे नहीं गिना जाता. केवल जो नॉमिनेशन होगा उसको ही चुनाव आयोग की तरफ से गिना जाएगा.
गौरतलब है कि गत 2016 के राज्यसभा के चुनाव में इंक कॉन्ट्रवर्सी के चलते हरियाणा सुर्खियों में रहा था. कई वोट कैंसिल हो गई थी जिसके चलते इनेलो और कांग्रेस के समर्थित उम्मीदवार आरके आनंद को हार झेलनी पड़ी थी. फिलहाल चुनाव आयोग की तरफ से निष्पक्ष चुनाव करवाने का दावा किया जा रहा है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षा कुमारी शैलजा और रामकुमार कश्यप का कार्यकाल पूरा होने के बाद दो सीट खाली हुई है जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के इस्तीफे के बाद 1 सीट खाली हुई है जिसपर उपचुनाव होगा. चौधरी बीरेंद्र सिंह के कार्यकाल के 2 साल बाकी हैं, उपचुनाव में जीतने वाले उम्मीदवार का कार्यकाल 2 साल का रहेगा.
ये भी पढ़ेंः-नूंह: पिनगवां पुलिस ने 11 जुआरियों से हजारों की नकदी और ताश के पत्ते बरामद किए