चंडीगढ़: संयुक्त किसान मोर्चा ने सेना में भर्ती की नई अग्निपथ योजना के खिलाफ युवाओं के राष्ट्रव्यापी विरोध को समर्थन का ऐलान किया है. विरोध प्रदर्शन को शांतिपूर्ण बनाए रखने की अपील करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने इस योजना को जवान-विरोधी, किसान-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी बताया है. संयुक्त मोर्चा का कहना है कि जब केंद्र सरकार जय जवान जय किसान के नारे की भावना को तहस-नहस करने पर तुली है, ऐसे में किसान आंदोलन का कर्तव्य है कि वह जवानों के साथ इस संघर्ष में कंधे से कंधा जोड़कर खड़ा हो. इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा इस शुक्रवार यानि 24 जून को देशभर में विरोध दिवस मनाएगा. यह फैसला संयुक्त किसान मोर्चा की 7 सदस्य कोऑर्डिनेशन कमिटी ने सोमवार को करनाल में हुई बैठक में लिया.
इस योजना को देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और बेरोजगार युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ है, बल्कि देश के किसान परिवारों के साथ भी धोखा है. इस देश का जवान वर्दीधारी किसान है. अधिकांश सैनिक किसान परिवार से हैं. सेना की नौकरी लाखों किसान परिवारों के मान और आर्थिक संबल से जुड़ी है. यह देश के लिए शर्म का विषय है. वन रैंक वन पेंशन के वादे के साथ पूर्व सैनिकों की रैली से अपना विजय अभियान शुरू करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब नो रैंक नो पेंशन की इस योजना को लाद दिया है.