चंडीगढ़ : चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में हरियाणा पंचायत चुनाव (Haryana Panchayat Election) के मद्देनजर ओबीसी आरक्षण से जुड़े अहम फैसले लिए गए. बैठक में फैसला लिया गया कि हरियाणा के हर ब्लॉक में 8 फीसदी सरपंच पिछड़े वर्ग के होंगे. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ ऑब्जर्वेशन दी थी, जिसके तहत मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा पंचायती राज संशोधन अध्यादेश 2022 लाकर हरियाणा पंचायती राज अधिनियम-1994 में संशोधन (Haryana Panchayati Raj Act 1994) किया गया.
हरियाणा कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला, सरपंच के लिए हर ब्लॉक में पिछड़े वर्ग को मिलेगा 8 फीसदी आरक्षण - Haryana Panchayati Raj Act 1994
हरियाणा पंचायत चुनाव (Haryana Panchayat Election) को लेकर मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला लिया है. फैसले में उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग (ए) को आरक्षण दिया जाएगा. सरपंच के लिए हर ब्लॉक में 8% आरक्षण देने जाने का फैसला बैठक में लिया गया है.
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हमने बैकवर्ड क्लास कमीशन का गठन किया था. कमीशन ने हर इकाई की जाति के अनुसार सैंपल सर्वे कराया. आरक्षण किसी भी हालत में 50 फीसदी से अधिक ना हो इसका भी ध्यान रखा गया. हरियाणा सीएम ने बताया कि मंत्रिमंडल (cabinet meeting in Haryana) की ओर से दी गई मंजूरी के मुताबिक प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंच के पदों को पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए कुल सीटों के उसी अनुपात में आरक्षित किया जाएगा जो ग्राम सभा क्षेत्र की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग (क) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में होगी. उन्होंने कहा कि यदि पिछड़े वर्ग (ए) की आबादी सभा क्षेत्र की कुल आबादी का दो प्रतिशत या अधिक है तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में पिछड़े वर्ग (ए) से संबंधित कम से कम एक पंच होगा.
ऐसे वार्डों में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित वार्डों को छोड़कर पिछड़ा वर्ग के लिए ड्रॉ के माध्यम से अलॉट किया जाएगा. प्रत्येक चुनाव में रोटेशन के आधार पर वार्ड आरक्षित किया जाएगा. इसी तरह एक ब्लॉक में सरपंच के पदों की कुल संख्या का 8 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए आरक्षित किया जाएगा. पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए आरक्षण के लिए प्रस्तावित ग्राम पंचायतों की संख्या के उच्चतम तीन गुना में से ड्रा से आवंटित किया जाएगा, जहां पर सरपंच का पद पहले से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. उन ग्राम पंचायतों को छोड़कर, पिछड़े वर्ग (ए) की आबादी का सबसे बड़ा प्रतिशत है. वहां बाद के चुनावों में रोटेशन द्वारा सरपंच के पद के लिए आरक्षण किया जाएगा. मुख्यमंत्री मनोहर ने कहा कि प्रत्येक पंचायत समिति में पिछड़े वर्ग (ए) के लिए वार्ड आरक्षित होंगे और इस प्रकार आरक्षित वार्डों की संख्या, उस पंचायत में वार्डों की कुल संख्या के अनुपात में लगभग समान होगी.
ब्लॉक समिति में कुल जनसंख्या की पिछड़े वर्ग (ए) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में वार्डों को ड्रा द्वारा अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित वार्डों के अलावा आवंटित किया जाएगा और बाद के चुनाव में रोटेशन अपनाया जाएगा. प्रत्येक जिला परिषद में भी पिछड़े वर्ग(ए) के लिए आरक्षित होंगे. इस प्रकार आरक्षित वार्डों की संख्या उस जिला परिषद में वार्डों की कुल संख्या के अनुपात के समान होगी.