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किसान-आढ़ती के गठजोड़ को नष्ट करना चाहती है प्रदेश सरकार- सुरजेवाला

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ऑनलाइन पत्रकरवार्ता कर प्रदेश की गठबंधन सरकार पर दुकानदारों का धंधा चौपट कर किसान आढ़ती के गठजोड़ को नष्ट करने के भी आरोप लगाए हैं.

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रणदीप सिंह सुरजेवाला, प्रवक्ता कांग्रेस

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Published : Apr 19, 2020, 12:11 PM IST

चंडीगढ़: कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रदेश की गठबंधन सरकार पर दुकानदारों का धंधा चौपट कर किसान आढ़ती के गठजोड़ को भी नष्ट करना चाहती है.

'बीजेपी- जेजेपी सरकार दुकानदार विरोधी'

सुरजेवाला ने कहा कि ​देश में 7 करोड़ व्यापारी-दुकानदार हैं व हरियाणा में लगभग दस लाख व्यापारी-दुकानदार हैं. मोदी-खट्टर सरकार ने 20 अप्रैल, 2020 से अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स/ऑनलाइन कंपनियों को देश में व्यापार करने की अनुमति दे हरियाणा के लाखों दुकानदारों व व्यापारियों के धंधे पर तालाबंदी करने की साजिश की है. बीजेपी- जेजेपी सरकार के इस व्यापारी-दुकानदार विरोधी निर्णय को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

'दुकानदारों का धंधा चौपट करना चाहती है सरकार'

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ऑनलाइन पत्रकरवार्ता कर कहा कि हरियाणा का दुकानदार-व्यापारी लगभग 1 महीने से अपना व्यापार बंद कर घर बैठा है और अब लॉकडाऊन की ये अवधि 3 मई, 2020 तक बढ़ा दी गई है. दुकानदार-व्यापारी का लाखों करोड़ का माल उनके प्रतिष्ठानों में जमा है. धंधा बंद होने के बावजूद दुकानदार किराया भी दे रहा है.

'किसान-आढ़ती के गठजोड़ को नष्ट करना चाहती है प्रदेश सरकार'

उन्होंने कहा कि दुकानदार सरकार के आदेश मानकर लॉकडाउन में कर्मचारियों को पूरा वेतन भी दे रहा है व अपनी हैसियत के अनुसार गरीब जनता को भोजन आदि उपलब्ध कराने व दान का भी यथासंभव प्रयास कर रहा है. फिर भी खट्टर सरकार उसे सजा देने पर उतारू है. उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियां फ्रिज, टीवी, मोबाईल, कपड़ा, ज्वेलरी, व हर प्रकार का साजोसामान बेचने के लिए स्वतंत्र होंगी, पर दुकानदार के व्यवसाय पर 3 मई तक तालाबंदी कर दी गई है.

सुरजेवाला के मुताबिक रिटेलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने तो ये भी कहा है कि 25 प्रतिशत दुकानदार अपनी रोजी-रोटी खो बैठेंगे व 51 प्रतिशत दुकानदार अगले 12 महीने तक शायद एक फूटी कौड़ी मुनाफा भी न कमा पाएं.

आढ़तियों के विरोध पर बोले सुरजेवाला

वहीं रणदीप ने कहा कि हरियाणा के परिवेश में आढ़ती व किसान का रिश्ता दशकों पुराना है. आढ़ती, किसानों का चलता फिरता बैंक है, जहां रोजमर्रा की जरूरत के लिए पैसों का आदान प्रदान निरंतर होता है, जिसका हिसाब हर फसल के अंत में हो जाता है. किसान की प्रतिदिन की जिंदगी में ये एक महत्वपूर्ण कड़ी है. प्रदेश सरकार ने पहले 13 अप्रैल व फिर 16 अप्रैल, 2020 (संलग्नक A1 एवं A 2) के दो तुगलकी फरमानों से बीजेपी-जेजेपी सरकार ने आढ़तियों को 7 प्राईवेट बैंकों में नए खाते खुलवाने का आदेश दिया है तथा केवल इन्हीं खातों के माध्यम से ही गेहूं, सरसों व अन्य फसलों की पेमेंट की जाएगी. स्वाभाविक तौर से पूरे प्रदेश में इसका विरोध हो रहा है.


रणदीप सुरजेवाला ने प्रदेश सरकार कुछ सवाल किए हैं.

क्या प्रदेश के 10 लाख दुकानदारों के पेट पर लात मार ई-काॅमर्स कंपनियों को 20 अप्रैल से व्यापार करने की अनुमति देना सही है या साजिश?
क्या खट्टर सरकार दुकानदारों का बिजली बिल, कमर्शियल हाउस टैक्स माफ करेगी व जीएसटी में विशेष छूट देगी?
बीजेपी-जेजेपी सरकार द्वारा दुकानदारों-व्यापारियों पर यह कुठाराघात क्यों?
उन्होंने कहा कि क्या किसान आढ़ती के गठजोड़ को नष्ट करना चाहती है खट्टर सरकार. उन्होंन इस पर भी सवाल उठाए.
एकतरफा व मनमाने आदेश कर 7 प्राईवेट बैंकों में (समेत डूबते हुए यस बैंक) आढ़तियों के नए खाते खुलवाने के पीछे क्या कारण है?
आढ़तियों के सरकारी व दूसरे बैंकों में सालों से चल रहे खातों में बैंक लिमिट्स हैं. अब उन खातों का क्या होगा? नए खातों में बैंक लिमिट कैसे मिल पाएगी?


कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ऑनलाइन पत्रकरवार्ता कर प्रदेश की गठबंधन सरकार पर दुकानदारों का धंधा चौपट कर किसान आढ़ती के गठजोड़ को भी नष्ट करने के आरोप लगाए हैं.

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