चंडीगढ़: पहले मॉनसून की विदाई औसतन 22 सितंबर को होती थी, अब भी इसी तारीख को संभावित है. हरियाणा में माॅनसून भी अमूमन चंडीगढ़ के साथ ही आता है. पिछले 10 साल में छह बार ऐसी स्थिति रही है कि माॅनसून हरियाणा में जुलाई में ही आया है, जबकि चार बार जून में आया है.
मौसम विभाग के महानिदेशक एम महापात्रा ने बताया कि माॅनसून केरल के तट से एक जून को टकराएगा, जबकि पिछले साल यह 8 दिन की देरी से पहुंचा था. उन्होंने बताया कि प्रशांत महासागर में अलनीनो की स्थिति और हिंद महासागर में डायपोल (सामुद्रिक स्थिति) की स्थिति न्यूट्रल है. उम्मीद यह है कि दोनों स्थितियां माॅनसून के दौरान भी न्यूट्रल रहेंगी. भारत में जून से सितंबर के बीच दक्षिण-पश्चिम माॅनसून से बारिश होती है.. यह लगातार दूसरा साल है, जब सामान्य बारिश की संभावना जताई गई है.
हरियाणा में जून से सितंबर के बीच सामान्यत: 400 एमएम होती है बारिश
हरियाणा में जून-सितंबर के बीच सामान्यत: 400 एमएम बरसात होती है. आईएमडी ने अनुमान लगाया है कि अबकी बार सामान्य रह सकता है. हालांकि वर्ष 2020 के 105 दिनों में ही खूब बरसात हो चुकी है. अकेले मार्च में 70 एमएम बरसात हुई है, जो कि आज तक का रिकाॅर्ड है. एक मार्च से 15 अप्रैल तक प्रदेश में सामान्य से करीब 70 एमएम अधिक बरसात हुई है, जो सामान्य से करीब 336 एमएम अधिक है.
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