चंडीगढ़: प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (पीएम कुसुम) योजना के अंतर्गत प्रदेश के किसानों से लाभार्थी सहयोग एकत्रित करने एवं सोलर पम्प के लिए कार्यादेश जारी करने में हरियाणा में दूसरे स्थान पर है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार किसानों को कृषि क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने के लिए नवीनतम कृषि तकनीक अपनाने के लिए किसानों को लगातार प्रोत्साहित कर रही है. प्रधानमंत्री कुसुम योजना (Prime Minister Kusum Yojana) के तहत किसानों को सौर पंप लगाने के लिए छूट रही है.
प्रधानमंत्री कुसुम योजना से किसानों का लाभ-इस योजना के तहत सरकार द्वारा नई तकनीकों पर किसानों को सब्सिडी दी जा रही है. इस योजना से हरियाणा के किसान खूब फायदा उठा रहे है. प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाअभियान (पीएम-कुसुम) के तहत सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने में हरियाणा सोलर वाटर पम्पों के संचालन के साथ देश का दूसरा बेहतरीन राज्य है. प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को सिंचाई संबंधी सुविधा के लिए सोलर पंप स्थापित करने हेतु राज्य सरकार की तरफ से 45 फीसद व केंद्र सरकार की तरफ से 30 फीसद केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, किसानों को महज अपनी तरफ से 25 फीसद उपकरणों पर खर्च करना होता है.
कुसुम योजना के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया-कुसुम योजना के जरिये किसान को दोहरा फायदा होगा. इसमें किसानों की आमदनी में भी इजाफा होगा. वहीं दूसरा यह कि किसानों को इन पंप सेट के साथ ऊर्जा पावर ग्रिड दिए गए हैं और जो भी अतिरिक्त बिजली किसानों के पास जमा होगी उसे वह सरकार को सीधे भेज देंगे और इसके द्वारा किसानों की आय में भी वृद्धि होगी. कुसुम योजना में किसानों को http://saralharyana.gov.in/ पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आवेदन के दौरान कोई भी हार्ड कॉपी विभाग/हरेडा द्वारा स्वीकृत नहीं की जाएगी.
किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में उपयोगी साबित हो रही योजना-सरकार की यह योजना किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में काफी उपयोगी साबित हो रही है, क्योंकि आमतौर पर किसानों को सिंचाई संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. प्रदेश में कृषि योग्य लगभग 80 लाख एकड़ भूमि है. इसमें से 75 प्रतिशत क्षेत्र में सिंचाई हो पाती है. प्रदेश में लगभग एक साल में 1.3 करोड़ गेहूं का उत्पादन होता है. वहीं 41 लाख टन हर वर्ष चावल का उत्पादन किया जाता है. हरियाणा राज्य कृषि उत्पादन शक्ति के मामले में भारत का 15 फीसदी रखता है. हरियाणा में किसानों को भूमि पर सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर रहना पड़ता है. इसलिए सोलर पंप किसानों के लिए एक बेहतर विकल्प है. सोलर पंप लगाने से किसानों का डीजल बचेगा और आय में भी वृद्धि होगी.