चंडीगढ़:नागरिकता संशोधन कानून पर अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा के ट्वीट के बाद से सियासी गलियारों में बवाल सा मच गया है. इस ट्वीट के बाद से ऐसे ट्वीट्स भी आए जिसमें कहा गया कि हरियाणा सरकार ने परिणीति को 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान की ब्रांड एंबेसडर पद से हटा दिया है.
'हरियाणा की अब ब्रांड एंबेसडर नहीं है परिणीति'
इस बवाल को बढ़ता देश हरियाणा सरकार की महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रवक्ता ने ट्वीट किया और कहा कि 'परिणीति चोपड़ा अब हरियाणा के बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ अभियान की ब्रांड एंबेसडर नहीं है. MoU सिर्फ 1 साल के लिए था, अप्रैल, 2017 तक इसके बाद एमओयू का नवीनीकरण नहीं किया गया है.'
आपको बता दें कि परिणीति चोपड़ा को साल 2015 में हरियाणा सरकार में 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान की ब्रांड एंबेसडर बनाया गया था. उन्होंने इस अभियान के साथ 2016 में अपना कार्यकाल समाप्त कर लिया था. उसके बाद रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने 2016 में यह पद संभाला था.
कैसे तूल पकड़ा मामला, जानिए
आपको बता दें कि जैसे ही परिणीति चोपड़ा ने CCA को लेकर ट्वीट किया कि 'अगर नागरिकों द्वारा अपने विचार व्यक्त करने से हर बार यही होता रहे तो कैब (Citizenship Amendment Bill) को भूल जाइए. हमें एक बिल पास करना चाहिए और अपने देश को लोकतांत्रिक देश कहना छोड़ देना चाहिए. अपने मन की बात कहने के लिए निर्दोष लोगों की पिटाई की जा रही है? ये खतरनाक और बर्बर है.'
विरोधी पार्टियां परिणीति के समर्थन में आईं
इस ट्वीट के बाद से विरोधी पार्टियां परीणीति के समर्थन में आ गईं. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्वीट कर हरियाणा सरकार पर निशाना साधा था और खट्टर सरकार की आलोचना की. उन्होंने लिखा कि 'खट्टर साहब हरियाणा की बेटियां पढ़ी लिखी भी हैं, समझदार भी और अपने विचार व्यक्त करने का साहस रखने वाली भी. उन्हें ब्रांड एंबेसडर से हटा कर और बौखला कर आप उनकी आवाज नहीं दबा सकते और जजपा चुप क्यों है? कितनों की आवाज दबाओगे और आखिर कब तक?
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