चंडीगढ़/अलवर.पपला गुर्जर की प्रेमिका जिया को 2 महीने 8 दिन बाद न्यायालय ने बेगुनाह मानते हुए जेल से रिहा कर दिया. ऐसे में जिया ने Etv Bharat से खास बातचीत में कहा, पपला गुर्जर ने खुद को मान सिंग पुत्र हरीश चंद्र यादव निवासी दिल्ली के छतरपुर का रहना बताया था. जिया का पहला पति भोपाल की नवाब फैमली से था, जिया पहले पति के साथ शादी के बाद दो महीने तक रही. उसके बाद उसका पति अपनी प्रेमिका के संपर्क में रहने लगा.
बता दें, जिया महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एनएमए मार्शल आर्ट जिम में ट्रेनर थी. जहां उसकी मुलाकात पपला गुर्जर से हुई. पपला गुर्जर ने बताया, लॉकडाउन के चलते वह अपने घर नहीं जा पा रहा है. इसलिए पपला उसके साथ रहने लगा. जिया ने कहा, पपला गुर्जर बड़ा ही धार्मिक और सात्विक प्रवृत्ति का आदमी था. वह दिन भर हनुमान और काली माता की पूजा करता था.
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जिया मांसाहारी थी, जबकि पपला शाकाहारी था. ऐसे में पपला गुर्जर जिया से दूरी बनाए रखता था. पपला गुर्जर ने जिया से एक साल का समय मांगा था. उसने कहा, एक साल के बाद वो फरवरी में अपने परिवार से उसको मिलवाएगा. लेकिन उससे पहले राजस्थान पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया था. एयरपोर्ट पर जब पपला लंगड़ा कर चल रहा था तो जिया ने उसे सवाल किया कि तुम्हारे पैर में क्या हुआ. इस पर पपला गुर्जर ने कहा, पुलिस ने हथौड़े से मेरे पैर में मारा है, जिसके कारण दर्द हो रहा है.
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इसके अलावा जिया ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कई बड़े खुलासे किए. उसने कहा, पपला गुर्जर ने लॉकडाउन के दौरान उसके खाते में एक लाख रुपए ट्रांसफर करवाए थे. उसके पास पैसे की कमी थी. इस दौरान जब वो बाहर खाने पर जाते थे तो जिया पेमेंट करती थी. जिया ने कहा, अगर पपला गुर्जर अपराध की दुनिया को छोड़ता है तो वो उसके साथ आगे की जिंदगी गुजार सकती है. पपला के अलावा उसको अपना के पिता और परिवार के जनों से सिंपैथी है. उसने कहा, वो अपने परिवार के लोगों से बातचीत करेगी, इस संबंध में चर्चा करेगी. उसके बाद आगे का फैसला लेगी.
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जिया ने कहा, पपला गुर्जर के साथ वो बहुत कम समय रही है. इसलिए ज्यादा समझने का मौका भी नहीं मिला. ज्यादातर समय वो लोग जिम से जुड़ी हुई बातें करते थे. पपला गुर्जर ने खुद को दिल्ली के एक परिवार का बताया, उसने कहा था, उसका कंस्ट्रक्शन का काम है. ऐसे में जिया को लगा कि वो अच्छे परिवार से है. लेकिन पढ़ा लिखा नहीं है. उसने कहा, मुझसे झूठ बोला गया था. जिया ने कहा, वो पहले डिप्रेशन में रही. लेकिन बाद में जेल प्रशासन की तरफ से उसे मोटिवेशन किताबें दी गईं. उसके बाद उसने जेल के माहौल में खुद को ढालने की कोशिश की. जेल में उसने रामायण पढ़ी, मोटिवेशनल किताबें पढ़ी. गीता पढ़ी, साथ ही जेल में अन्य बंदियों को उसने योगा जिम की ट्रेनिंग दी.