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अचल सम्पतियों का कोई अवैध पंजीकरण नहीं हुआ- दुष्यंत चौटाला

विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही के दौरान डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और गृह मंत्री ने विपक्ष के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दिया. दुष्यंत चौटाला ने रजिस्ट्री को लेकर उठ रहे सवालों पर भी सरकार का पक्ष रखा.

अचल सम्पतियों का कोई अवैध पंजीकरण नहीं हुआ- दुष्यंत चौटाला
अचल सम्पतियों का कोई अवैध पंजीकरण नहीं हुआ- दुष्यंत चौटाला

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Published : Aug 27, 2020, 8:35 AM IST

चंडीगढ़:हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश में न तो अचल सम्पतियों का कोई अवैध पंजीकरण किया गया है और न ही 24 अप्रैल से 30 जून, 2020 के दौरान अचल सम्पति हस्तांतरण से सम्बन्धित दस्तावेजों के पंजीकरण से सरकार को राजस्व का कोई नुकसान हुआ है.

यह जानकारी उन्होंने बुधवार को विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विधायक अभय सिंह चौटाला द्वारा लाए गए एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के उत्तर में दी. उन्होंने बताया कि कुछ सब-रजिस्ट्रार एवं संयुक्त सब-रजिस्ट्रार ने हरियाणा विकास और विनियमन क्षेत्र संशोधन अधिनियम, 2017 की धारा-7ए के प्रावधान का पालन नहीं किया है. रजिस्ट्रियों के मामले में कोताही बरतने वाले ऐसे 6 अधिकारियों को निलंबित किया गया है और उन्हें हरियाणा सिविल सेवाएं (सजा एवं अपील) नियम, 2016 के नियम-7 के तहत चार्जशीट किया जा रहा है.

अभय सिंह चौटाला की तरफ से लाए गए रजिस्ट्रियों के मामले को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा विकास एवं विनियमन क्षेत्र संशोधन 2017 की धारा-7ए के प्रावधान का पालन न करने वाले सब-रजिस्ट्रार और संयुक्त सब-रजिस्ट्रार के खिलाफ इस मामले में सख्त कार्रवाई की गई है.

सब-रजिस्ट्रार सोहना तथा संयुक्त सब-रजिस्ट्रार, वजीराबाद, बादशाहपुर, मानेसर, सोहना और गुरुग्राम तहसील में तैनात एक सब-रजिस्ट्रार तथा पांच संयुक्त सब-रजिस्ट्रारों को निलंबित कर दिया गया है. उन्हें हरियाणा सिविल सेवाएं (सजा एवं अपील) नियम, 2016 के नियम-7 के तहत चार्जशीट भी किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रियों के मामले में जिला नगर योजनाकार, गुरुग्राम द्वारा पुलिस स्टेशन मानेसर, बादशाहपुर, सैक्टर-10 गुरुग्राम, सेक्टर-23 गुरुग्राम और पुलिस स्टेशन सोहना में आईपीसी की धारा 420 तथा हरियाणा विकास और शहरी क्षेत्र अधिनियम का विनियम,1975 की धारा 10 के तहत जिले के एक सब-रजिस्ट्रार तथा पांच संयुक्त सब-रजिस्ट्रार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जा चुका है.

उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि पंजीकृत बिक्री पत्रों तथा पट्टेनामा के दस्तावेजों के पंजीकरण के समय हरियाणा विकास और शहरी क्षेत्र अधिनियम का विनियम 1975 की धारा 7ए के तहत जिला नगर योजनाकार से एन.ओ.सी न लेने वाले नारनौल, करनाल, सोनीपत, रेवाड़ी, पंचकूला, भिवानी, फरीदाबाद तथा कैथल जिले के सब-रजिस्ट्रार तथा संयुक्त सब-रजिस्ट्रार के खिलाफ अतिरिक्त निदेशक, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग की रिपोर्ट के आधार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है. इन्होंने 14 जून, 2013 से 31 मई, 2020 के दौरान 1555 पंजीकृत बिक्री पत्रों तथा पट्टेनामा के दस्तावेजों का पंजीकरण किया था.

वहीं उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि दशकों से तहसीलों में रजिस्ट्री करवाने के लिए लोगों को विभिन्न विभागों से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते थे, अब राज्य सरकार ने पुरानी व्यवस्था को दुरूस्त किया है. अगर कोई विभाग 14 दिन तक अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं देता है तो उसे डिम्ड स्वीकृति समझकर रजिस्ट्री कर दी जाएगी.

उप मुख्यमंत्री बुधवार को हरियाणा विधानसभा में चल रहे मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा जमीनों की रजिस्ट्री के मुद्दे पर सदन में जवाब दे रहे थे. डिप्टी सीएम ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में वर्ष 2005 से वर्ष 2014 तक के कार्यकाल में गलत तरीके से सीएलयू व सेक्टर काटे गए. क्या उस बात से विपक्ष के नेता वाकिफ नहीं हैं.

विपक्ष के नेता द्वारा इस मुद्दे पर सीबीआई या विधानसभा कमेटी या हाईकोर्ट के किसी सीटिंग जज से जांच करवाने के सवाल पर दुष्यंत चौटाला ने पलटवार करते कहा कि हमारी सरकार ने पहले भी कई मुद्दे सीबीआई जांच को सौंपे हैं, शायद इस बात की विपक्ष के नेता को अवश्य जानकारी है.

उन्होंने विपक्ष के नेता पर उलटा सवाल दागते हुए कहा कि क्या वे बताएंगे कि उन्होंने अपने शासन के 10 साल के कार्यकाल में गलत तरीके से हुए कितने सीएलयू रद्द किए. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि उस समय तो आपकी कलम पक्की नहीं थी और वह दिल्ली से चलती थी.

उप मुख्यमंत्री ने सदन को इस बात से भी अवगत करवाया कि 23 नवंबर 2019 को जब से उन्होंने राजस्व विभाग का कार्यभार संभाला है. उसी दिन से ही सभी जिला राजस्व अधिकारियों की कमेटी बना दी गई थी. उन्होंने बताया कि प्रदेश की सभी 83 शहरी स्थानीय निकाय तथा 38 कस्बों के निर्धारित कंट्रोल्ड एरिया की जियो-मैपिंग करवाने के निर्देश दिए गए थे. उन्होंने कहा कि हमने रजिस्ट्रियों के कार्य का सरलीकरण किया है, ताकि लोगों को परेशानी न हो तथा कार्य में पारदर्शिता आए.

शिशु मृत्यु दर में आई गिरावट

हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रदेश में अप्रैल से जून 2019 की अवधि की तुलना में वर्ष 2020 की इसी अवधि के दौरान शिशु मृत्यु दर में 4.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.

अनिल विज ने बुधवार को विधानसभा सत्र के दौरान पटल पर रखे गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में कहा कि सिविल रजिस्ट्रेशन प्रणाली (सीआरएस) के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है. परन्तु कुछ समाचार पत्रों में यह आंकड़ा 46 प्रतिशत छपा था, जो कि गलत था. उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार जन्म एवं मृत्यु कार्यालय द्वारा एक जनवरी 2020 से सभी पंजीकरण केन्द्रों द्वारा crsorgi.gov.in पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य महानिदेशक कार्यालय द्वारा स्वास्थ्य संस्थानों में ओपीडी सेवाओं को रोकने या बंद करने के आदेश कभी जारी नहीं किए गए, जबकि कोविड महामारी की शुरुआत से ही सभी चिकित्सा संस्थाओं द्वारा मेडिको-लीगल सेवाओं के साथ-साथ, आपातकालीन सेवाएं और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं लगातार दी जाती रही हैं.

इसके अतिरिक्त लॉकडाउन के दौरान जब रोगी इलाज के लिए स्वास्थ्य संस्थाओं तक पहुंचने में असमर्थ रहते थे तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरे राज्य में रोगियों, बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक पहुंचने के लिए मोबाइल हेल्थ टीम तैनात की गई थी. इसके साथ आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति भी करवाई गई. इसके अतिरिक्त, वर्तमान में ओ.पी.डी., आई.पी.डी., सर्जरी इत्यादि सभी सेवाओं की सुविधाएं सभी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा प्रदान की जा रही हैं.

'स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं करवाना अनिवार्य'

हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कोरोना महामारी की परिस्थितियों के अनुसार परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी. चूंकि कोविड-19 के चलते स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाओं का आयोजन समय पर नहीं करवाया जा सका. शिक्षा मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देशानुसार स्नातक व स्नातकोत्तर कक्षाओं के अंतिम वर्ष की डिग्री के लिए परीक्षाएं करवाना अनिवार्य है.

शिक्षा मंत्री आज हरियाणा विधानसभा में चल रहे मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के सदस्यों द्वारा कोविड-19 के दौरान परीक्षाएं आयोजित करवाने पर ऐतराज जताने पर जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि जब एक विद्यार्थी स्नातक स्तर तक की पढ़ाई में 14 वर्ष तक मेहनत करता है और उसे वाजिब डिग्री न हासिल हो तो उसे उचित नहीं कहा जा सकता.

उन्होंने कहा कि इसी को देखते हुए उच्चतर शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों की ऑनलाइन या ऑफलाइन परीक्षा का आयोजन करवाने का निर्णय लिया है., हम उनकी परीक्षा की बेहतर व्यवस्था करेंगे ताकि कोविड-19 के दौरान लागू नियमों का पालन हो और उनके स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाएगा.

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