चंडीगढ़:हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश में न तो अचल सम्पतियों का कोई अवैध पंजीकरण किया गया है और न ही 24 अप्रैल से 30 जून, 2020 के दौरान अचल सम्पति हस्तांतरण से सम्बन्धित दस्तावेजों के पंजीकरण से सरकार को राजस्व का कोई नुकसान हुआ है.
यह जानकारी उन्होंने बुधवार को विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विधायक अभय सिंह चौटाला द्वारा लाए गए एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के उत्तर में दी. उन्होंने बताया कि कुछ सब-रजिस्ट्रार एवं संयुक्त सब-रजिस्ट्रार ने हरियाणा विकास और विनियमन क्षेत्र संशोधन अधिनियम, 2017 की धारा-7ए के प्रावधान का पालन नहीं किया है. रजिस्ट्रियों के मामले में कोताही बरतने वाले ऐसे 6 अधिकारियों को निलंबित किया गया है और उन्हें हरियाणा सिविल सेवाएं (सजा एवं अपील) नियम, 2016 के नियम-7 के तहत चार्जशीट किया जा रहा है.
अभय सिंह चौटाला की तरफ से लाए गए रजिस्ट्रियों के मामले को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा विकास एवं विनियमन क्षेत्र संशोधन 2017 की धारा-7ए के प्रावधान का पालन न करने वाले सब-रजिस्ट्रार और संयुक्त सब-रजिस्ट्रार के खिलाफ इस मामले में सख्त कार्रवाई की गई है.
सब-रजिस्ट्रार सोहना तथा संयुक्त सब-रजिस्ट्रार, वजीराबाद, बादशाहपुर, मानेसर, सोहना और गुरुग्राम तहसील में तैनात एक सब-रजिस्ट्रार तथा पांच संयुक्त सब-रजिस्ट्रारों को निलंबित कर दिया गया है. उन्हें हरियाणा सिविल सेवाएं (सजा एवं अपील) नियम, 2016 के नियम-7 के तहत चार्जशीट भी किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रियों के मामले में जिला नगर योजनाकार, गुरुग्राम द्वारा पुलिस स्टेशन मानेसर, बादशाहपुर, सैक्टर-10 गुरुग्राम, सेक्टर-23 गुरुग्राम और पुलिस स्टेशन सोहना में आईपीसी की धारा 420 तथा हरियाणा विकास और शहरी क्षेत्र अधिनियम का विनियम,1975 की धारा 10 के तहत जिले के एक सब-रजिस्ट्रार तथा पांच संयुक्त सब-रजिस्ट्रार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जा चुका है.
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि पंजीकृत बिक्री पत्रों तथा पट्टेनामा के दस्तावेजों के पंजीकरण के समय हरियाणा विकास और शहरी क्षेत्र अधिनियम का विनियम 1975 की धारा 7ए के तहत जिला नगर योजनाकार से एन.ओ.सी न लेने वाले नारनौल, करनाल, सोनीपत, रेवाड़ी, पंचकूला, भिवानी, फरीदाबाद तथा कैथल जिले के सब-रजिस्ट्रार तथा संयुक्त सब-रजिस्ट्रार के खिलाफ अतिरिक्त निदेशक, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग की रिपोर्ट के आधार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है. इन्होंने 14 जून, 2013 से 31 मई, 2020 के दौरान 1555 पंजीकृत बिक्री पत्रों तथा पट्टेनामा के दस्तावेजों का पंजीकरण किया था.
वहीं उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि दशकों से तहसीलों में रजिस्ट्री करवाने के लिए लोगों को विभिन्न विभागों से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते थे, अब राज्य सरकार ने पुरानी व्यवस्था को दुरूस्त किया है. अगर कोई विभाग 14 दिन तक अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं देता है तो उसे डिम्ड स्वीकृति समझकर रजिस्ट्री कर दी जाएगी.
उप मुख्यमंत्री बुधवार को हरियाणा विधानसभा में चल रहे मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा जमीनों की रजिस्ट्री के मुद्दे पर सदन में जवाब दे रहे थे. डिप्टी सीएम ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में वर्ष 2005 से वर्ष 2014 तक के कार्यकाल में गलत तरीके से सीएलयू व सेक्टर काटे गए. क्या उस बात से विपक्ष के नेता वाकिफ नहीं हैं.
विपक्ष के नेता द्वारा इस मुद्दे पर सीबीआई या विधानसभा कमेटी या हाईकोर्ट के किसी सीटिंग जज से जांच करवाने के सवाल पर दुष्यंत चौटाला ने पलटवार करते कहा कि हमारी सरकार ने पहले भी कई मुद्दे सीबीआई जांच को सौंपे हैं, शायद इस बात की विपक्ष के नेता को अवश्य जानकारी है.
उन्होंने विपक्ष के नेता पर उलटा सवाल दागते हुए कहा कि क्या वे बताएंगे कि उन्होंने अपने शासन के 10 साल के कार्यकाल में गलत तरीके से हुए कितने सीएलयू रद्द किए. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि उस समय तो आपकी कलम पक्की नहीं थी और वह दिल्ली से चलती थी.