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हरियाणा में आने वाला है मानसून, 29 जून से इन जिलों में तूफान के साथ घनघोर बारिश की संभावना - चंडीगढ़ मौसम विभाग

चिलचिलाती गर्मी के बाद अब हरियाणा में उमस का दौर चल रहा है. पिछले हफ्ते हुई बारिश के बाद एक बार फिर आसमान साफ होने से गर्मी बढ़ गई थी. लोग आस लगाये थे कि हरियाणा में मौसम (haryana monsoon update) कब मेहरबान होगा. मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि प्रदेश के ज्यादातर जिलों में झमझाम बारिश होने वाली है.

Rain Forecast in Haryan
Rain Forecast in Haryan

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Published : Jun 28, 2022, 4:51 PM IST

चंडीगढ़: जून महीने में हरियाणा के कई जिलों में तापमान सामान्य से 4-5 डिग्री ऊपर दर्ज किया गया. दक्षिण हरियाणा के ज्यादातर जिलों में पारा 45 डिग्री से ऊपर बना रहा. अब जैसे-जैसे जुलाई और सावन का महीना करीब आ रहा है मानसून की आहट सुनाई देने लगी है. हरियाणा में जल्द ही एक बार फिर मौसम करवट लेने जा रहा है. चंडीगढ़ मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि अगले 3-4 दिन प्रदेश के ज्यादातर जिलों में तेज बारिश (Rain Forecast in Haryana) हो सकती है.

चंडीगढ़ मौसम विभाग (Chandigarh Meteorological Department) के मुताबिक 29 जून से 2 जुलाई तक प्रदेश में मेघ राजा जमकर बरसने वाले हैं. 29 और 30 जून को उत्तर और दक्षिण पूर्व हरियाणा में झमाझम बारिश के आसार हैं. बारिश के साथ गरज-जमक और तेज हवाएं भी चलेंगी. उत्तर हरियाणा के जिलों चंडीगढ़, पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल में तेज बारिश होने के आसार हैं. वहीं दक्षिण पूर्व हरियाणा के जिलों महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नूंह, रोहतक, सोनीपत और पानीपत में भारी बारिश के साथ तेज हवाएं भी चलेंगी. चंडीगढ़ मौसम विभाग के मुताबिक 30 जून को सबसे ज्यादा बारिश और तूफान की संभाना है.

हरियाणा में आने वाला है मानसून, 29 जून से इन जिलों में तूफान के साथ घनघोर बारिश की संभावना

वहीं दक्षिण पश्चिम हरियाणा के जिलों की बात करें तो सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी, चरखी दादरी में उत्तर हरियाणा की अपेक्षा कम बारिश होगी. यहां कुछ स्थानों पर तूफान के साथ बारिश की संभावना जताई गई है. तेज बारिश के साथ 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चलेंगी.

हरियाणा में मानसून कब आयेगा- चंडीगढ़ मौसम विभाग के मुताबिक जुलाई के पहले हफ्ते में मॉनसून के हरियाणा पहुंचने की संभावना है लेकिन यह तय नहीं माना जा सकता. इस साल पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता काफी कम देखी गई है. यही वजह है कि गर्मी समय से पहले आ गई क्योंकि मार्च का महीना पूरी तरह से सूखा रहा. अगर पश्चिमी विक्षोभ शुरुआती दिनों में सक्रिय रहता है तो गर्मी देरी से आती है और तापमान भी सामान्य बना रहता है. लेकिन इस साल पश्चिमी विक्षोभ उतना ज्यादा सक्रिय नहीं हुआ.

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