चंडीगढ़: डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ कई महीनों से अपने घर-परिवार से दूर होटलों में रहकर कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज कर रहे हैं. इनमें से कई कर्मी मानसिक परेशानी झेल रहे हैं, लेकिन फिर भी हिम्मत के साथ सभी का टारगेट एक ही है. मिलकर कोरोना वायरस को हराना है. इनका यही जज्बा इन्हें सबसे अलग करता है. इनमें कई ऐसे हैं जो महीनों से अपने घर नहीं गए हैं, वहीं किसी ने कई दिनों से अपने मां-बाप का चेहरा भी नहीं देखा तो कोई अपने छोटे-छोटे बच्चे रिश्तेदारों के यहां छोड़कर अपना कर्तव्य निभा रहा है.
काम करते वक्त रहता है मानसिक दबाव
राजस्थान के रहने वाले 29 वर्षीय नर्सिंग स्टाफ दीपक कुमार बताते हैं कि वह दो महीने से घर नहीं गए हैं. उनकी तैनाती फरीदाबाद के कोविड-19 के आइसोलेशन वार्ड में है. कोविड-19 के चलते मानसिक प्रेशर बहुत ज्यादा है. उन्होंने कहा के उनके भाई भी मेडिकल स्टाफ में नौकरी करते हैं और पिता गांव में कोविड-19 के लिए ड्यूटी कर रहे हैं. वह खुद कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे हैं. ऐसे में वह घर जाकर अपने परिवार को खतरे में नहीं डाल सकते और वह इस प्रेशर को झेलते हुए अपना फर्ज निभा रहे हैं.
चंडीगढ़ में स्वास्थ्य कर्मी ने टाल दी शादी
कोरोना काल में लोगों का इलाज करने के लिए चंडीगढ़ के सेक्टर-16 के सरकारी अस्पताल में काम कर रही नर्स रुचिका चौधरी ने तो अपनी ही शादी ही टाल दी है. रुचिका ने कहा कि वह हिमाचल के कांगड़ा जिले की रहने वाली हैं और पिछले कई सालों से चंडीगढ़ सेक्टर-16 अस्पताल में बतौर स्टाफ नर्स काम कर रही हैं. पिछले कई महीनों से शादी की तैयारियां चल रही थी, लेकिन मार्च के आखिरी हफ्ते में देश में कोरोना तेजी से बढ़ने लगा और अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों की जरूरत भी ज्यादा बढ़ने लगी. तब उनके साथ के लोग अस्पतालों में 12 से 16 घंटे की ड्यूटी कर रहे थे. ऐसे में उन्हें भी महसूस हुआ कि उन्हें अस्पताल में जाकर मरीजों की देखभाल में लग जाना चाहिए और इसलिए उन्होंने अपनी शादी टालने का फैसला किया.
रिश्तेदारों के घर बच्चों को छोड़कर निभा रहे कर्तव्य
वहीं कई डॉक्टर दंपति अलग-अलग रहकर और अपने बच्चों को रिश्तेदारों के यहां छोड़कर ड्यूटी दे रहे हैं. राजस्थान के रहने वाले आशीष फरीदाबाद में कोविड-19 के आइसोलेशन वार्ड में दो महीने से होटल में रहकर ड्यूटी कर रहे हैं. आशीष की पत्नी भी जयपुर के अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रही हैं. आशीष की 11 महीने की बच्ची है जो उन्होंने नानी के पास छोड़ी हुई है. पति और पत्नी में से कोई भी बच्ची के पास नहीं जाता है. उन्होंने कहा कि बच्ची का चेहरा केवल वीडियो कॉल के माध्यम से ही देख पाते हैं. बच्चे का चेहरा देखने के बाद उनका भी घर जाने का मन करता है, लेकिन वह इन इमोशंस से लड़कर अपनी ड्यूटी पर तैनात हैं.