चंडीगढ़: फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि वो निजी स्कूल संचालकों के साथ में भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है. सरकार आधारहीन और गैरकानूनी आदेश जारी कर रही है जिससे प्राइवेट स्कूलों का अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है.
शर्मा ने कहा कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था खतरे में पढ़ रही है जिससे प्रदेश के बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है. निजी स्कूल के शिक्षकों और स्टाफ के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. कुलभूषण शर्मा ने बुधवार को चंडीगढ़ में पत्रकार वार्ता आयोजित कर कहा कि राज्य की बीजेपी व जेजेपी सरकार कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन में तनाव झेलने वाले बच्चों को डर और तनाव में डालकर उनके साथ में मजाक कर रही है.
'परीक्षाओं के लेकर स्थिति स्पष्ट करें सरकार'
शर्मा ने कहा कि परीक्षाओं को लेकर असमंजस के हालात को पूरी तरह से सरकार को साफ करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बच्चों और अभिभावकों के सामने इस समय अपना जीवन बचाने का संकट है, लेकिन राज्य सरकार तनाव और भय युक्त माहौल में परीक्षा करवाना चाहती है. हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री इस पर अपना रुख स्पष्ट करें. सरकार को अगर निजी स्कूलों के विरुद्ध सौतेला व्यवहार ही करना है तो एक अध्यादेश लाकर स्कूलों को बंद करने का आदेश सरकार को जारी कर देना चाहिए.
कुलभूषण शर्मा ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस, क्लिक कर देखें वीडियो. '6 लाख स्टाफ को समायोजित करें'
शर्मा ने कहा कि सरकार की ओर से इस महामारी के दौर में भी कई तरह की बात की जा रही है जिसमें अभिभावकों को फीस नहीं देने, अपनी सुविधा के हिसाब से फीस देने, जो सक्षम हैं उनको फीस देने का सुझाव देने का, जैसे सुझाव दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि निजी सेक्टर के स्कूलों में 6 लाख शिक्षक, गैर शिक्षक काम करते हैं. सरकार को इनको समायोजित करने का ऐलान करना चाहिए वरना निजी स्कूल संचालक आने वाले वक्त में एक आंदोलन करेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें कोई भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े.
स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट मुद्दे पर आपत्ति
सरकार द्वारा जारी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट वाले आदेशों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार को इस आदेश को तुरंत वापस ले लेना चाहिए. कुलभूषण शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार लगातार निजी स्कूलों के लिए आए दिन नए नियम कानून लेकर आती रहती है, लेकिन वही नियम कानून सरकारी स्कूलों पर लागू नहीं करती. उन्होंने कहा कि सरकार को स्कूल के बिजली के बिल माफ कर देने चाहिए. स्कूल बसों के लोन पर एक साल तक रोक लगा देनी चाहिए. स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के विषय पर बोलते हुए शर्मा ने कहा कि निसा की ओर से हाईकोर्ट में मामला डाल दिया गया है जहां से उन्हें पूरी उम्मीद है कि न्याय मिलेगा.
राहत पैकेज की मांग
पत्रकार वार्ता के दौरान कुलभूषण शर्मा ने कहा कि निजी स्कूल संचालक मौजूदा समय में वित्तीय हालात खराब होने के कारण डिप्रेशन में चल रहे हैं, लेकिन सरकार इन्हें कोई राहत न देकर उन पर लगातार मनमानें नियम ठोकने का काम कर रही है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि कर्जदार स्कूल संचालकों के पास कोई रास्ता ना होने के चलते सरकार को तुरंत राहत पैकेज का ऐलान करना चाहिए.
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