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जानिए कौन हैं आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री निर्मल सिंह, कितना बदलेगी हरियाणा की सियासत?

पंजाब में जीत के बाद आम आदमी पार्टी का मिशन हरियाणा रफ्तार पर है. छोटे से लेकर बड़े नेता भी आप का दामन थाम रहे हैं. आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हरियाणा के पूर्व मंत्री और पूर्व कांग्रेसी नेता निर्मल सिंह (nirmal singh joins aam admi party) उन्हीं में से एक हैं. बड़ी पार्टियों के प्रमुख नेताओं के AAP में शामिल होने से हरियाणा का सियासी समीकरण बदलने लगा है.

nirmal singh joins aam admi party
nirmal singh joins aam admi party

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Published : Apr 7, 2022, 5:18 PM IST

चंडीगढ़:कांग्रेस के पूर्व नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंन्द्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाने वाले नेता निर्मल सिंह (nirmal singh joins aam admi party) गुरुवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गये. उनके साथ उनकी बेटी चित्रा सरवारा ने भी आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. मूलरूप से अंबाला के रहने वाले निर्मल सिंह नेता के साथ-साथ बिजनेसमैन भी हैं. उनके आम आदमी पार्टी में शामिल होने से हरियाणा की सियासत पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है.

निर्मल सिंह हरियाणा के पुराने नेता हैं. वो काफी लंबे समय तक कांग्रेस से जुड़े रहे. 1976 में निर्मल सिंह को प्रदेश युवा कांग्रेस का महासचिव बना दिया गया था. निर्मल सिंह अगस्त 1982-89 के बीच हरियाणा के युवा प्रदेश अध्यक्ष भी रहे. 1982 में निर्मल सिंह को कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में टिकट दिया. इस चुनाव में उन्होंने न सिर्फ जीत दर्ज की बल्कि सबसे युवा विधायक भी बने. पार्टी ने उन्हें नागल से पहली बार उतारा था. 1986 में 33 साल की उम्र में वो हरियाणा कैबिनेट के सबसे कम्र उम्र में मंत्री बने. साथ ही उनके पास युवा कांग्रेस अध्यक्ष का चार्ज भी था. 1987-89 के बीच वे युवा कांग्रेस अध्यक्ष के दोहरे प्रभार वाले हरियाणा प्रदेश युवा कांग्रेस कमेटी के महासचिव थे.

निर्मल सिंह अपने करियर में 4 बार नागल निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए और अलग-अलग समय में पशुपालन, पीडब्ल्यूडी और राजस्व राज्य मंत्री के पद पर रहे. अक्टूबर, 1994 में उनका पहली बार विवादों से पाला पड़ा, जब उनका नाम एक हत्या मामले में आ गया, जिसके बाद राजस्व राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. 1996 में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जेल में रहते हुए चुनाव लड़े और जीत दर्ज की.

आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद केजरीवाल के साथ निर्मल सिंह और उनकी बेटी चित्रा सरवारा

1999 में उन्होंने एक बार फिर अहमद पटेल की मौजूदगी में कांग्रेस का दामन थामा . उन्होंने 2000 और 2005 में कांग्रेस के टिकट पर फिर से उसी सीट से चुनाव लड़ा. 2009 में पार्टी ने उन्हें एक नई सीट अम्बाला कैंट से टिकट दिया. हलांकि इस चुनाव में वो हार गये. 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट ना मिलने से निर्मल सिंह नाराज हो गए. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस को छोड़ने का फैसला किया और अपनी पार्टी हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट बनाने का ऐलान किया. निर्मल सिंह ने कांग्रेस छोड़ते समय पार्टी पर अनदेखी का आरोप लगाया.

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आम आदमी पार्टी से पुराना नाता- 2020 में हुए अंबाला नगर निकाय चुनाव में निर्मल सिंह ने अपनी पार्टी के टिकट पर 11 वार्ड पार्षद और मेयर का उम्मीदवार मैदान में उतारा. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने निर्मल सिंह की पार्टी को समर्थन करने का फैसला किया. 11 में से 2 वार्ड पर हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट के पार्षद जीतने में कामयाब रहे.

निर्मल सिंह की तरह उनकी बेटी चित्रा सरवारा (Chitra Sarwara joins aam admi party) भी पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय हैं. कांग्रेस छोड़ने से पहले ये खबर भी चर्चा में थी कि निर्मल सिंह खुद राजनीति से दूर रहकर बेटी को टिकट दिलाना चाहते थे. लेकिन चित्रा सरवारा को टिकट नहीं मिला. जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया. नई पार्टी हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट की कमान पूरी तरह से चित्रा सरवारा के ही हाथ में है.

चित्रा सरवारा पिता निर्मल सिंह के साथ (फाइल फोटो)

सामाजिक आंदोलन और सोशल मीडिया के जरिए भी चित्रा सरवारा सरकार पर हमलावर रहती हैं. अंबाला नगर निकाय चुनाव की कमान भी निर्मल सिंह की बेटी चित्रा सरवारा के हाथ में थी. इस चुनाव में नई पार्टी होने के बावजूद उनकी पार्टी के 2 पार्षद जीते और मेयर उम्मीदवार अमीषा चावला को भी अच्छे वोट मिले.

हरियाणा की राजनीति कितनी बदलेगी-निर्मल सिंह के आम आदमी पार्टी में शामिल होने के साथ ही सवाल ये उठने लगा है कि निर्मल सिंह कौन हैं जिनके आम आदमी पार्टी में शामिल होने से हरियाणा का सियासी समीकरण बदल सकता है. दरअसल निर्मल सिंह हरियाणा के पुराने नेता और कई बार मंत्री रह चुके हैं. चार बार विधायक और कांग्रेस के बड़े पदों पर रह चुके हैं. अंबाला में नगर निकाय चुनाव में उनकी नई पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया. सामाजिक आंदोलन के जरिए वो लगातार लोगों के बीच जुड़े रहे हैं. नागल चौधरी सीट से वो विधायक रह चुके हैं. इसलिए कई जिलों में उनके बड़ी संख्या में समर्थक हैं. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि ऐसे नेताओं के आम आदमी पार्टी में शामिल होने से केजरीवाल का मिशन हरियाणा (AAP mission haryana) जरूर मजबूत होगा.

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