चंडीगढ़:कांग्रेस के पूर्व नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंन्द्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाने वाले नेता निर्मल सिंह (nirmal singh joins aam admi party) गुरुवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गये. उनके साथ उनकी बेटी चित्रा सरवारा ने भी आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. मूलरूप से अंबाला के रहने वाले निर्मल सिंह नेता के साथ-साथ बिजनेसमैन भी हैं. उनके आम आदमी पार्टी में शामिल होने से हरियाणा की सियासत पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है.
निर्मल सिंह हरियाणा के पुराने नेता हैं. वो काफी लंबे समय तक कांग्रेस से जुड़े रहे. 1976 में निर्मल सिंह को प्रदेश युवा कांग्रेस का महासचिव बना दिया गया था. निर्मल सिंह अगस्त 1982-89 के बीच हरियाणा के युवा प्रदेश अध्यक्ष भी रहे. 1982 में निर्मल सिंह को कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में टिकट दिया. इस चुनाव में उन्होंने न सिर्फ जीत दर्ज की बल्कि सबसे युवा विधायक भी बने. पार्टी ने उन्हें नागल से पहली बार उतारा था. 1986 में 33 साल की उम्र में वो हरियाणा कैबिनेट के सबसे कम्र उम्र में मंत्री बने. साथ ही उनके पास युवा कांग्रेस अध्यक्ष का चार्ज भी था. 1987-89 के बीच वे युवा कांग्रेस अध्यक्ष के दोहरे प्रभार वाले हरियाणा प्रदेश युवा कांग्रेस कमेटी के महासचिव थे.
निर्मल सिंह अपने करियर में 4 बार नागल निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए और अलग-अलग समय में पशुपालन, पीडब्ल्यूडी और राजस्व राज्य मंत्री के पद पर रहे. अक्टूबर, 1994 में उनका पहली बार विवादों से पाला पड़ा, जब उनका नाम एक हत्या मामले में आ गया, जिसके बाद राजस्व राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. 1996 में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जेल में रहते हुए चुनाव लड़े और जीत दर्ज की.
1999 में उन्होंने एक बार फिर अहमद पटेल की मौजूदगी में कांग्रेस का दामन थामा . उन्होंने 2000 और 2005 में कांग्रेस के टिकट पर फिर से उसी सीट से चुनाव लड़ा. 2009 में पार्टी ने उन्हें एक नई सीट अम्बाला कैंट से टिकट दिया. हलांकि इस चुनाव में वो हार गये. 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट ना मिलने से निर्मल सिंह नाराज हो गए. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस को छोड़ने का फैसला किया और अपनी पार्टी हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट बनाने का ऐलान किया. निर्मल सिंह ने कांग्रेस छोड़ते समय पार्टी पर अनदेखी का आरोप लगाया.