चंडीगढ़: हरियाणा की आईएएस अधिकारी रानी नागर ने चार दिन पहले हरियाणा की मुख्य सचिव को इस्तीफ़ा भेजा था. रानी नागर सोशल जस्टिस एंड एंपावरमेंट डिपार्टमेंट में एडिशनल डायरेक्टर पद पर थीं. उन्होंने गवर्नमेंट ड्यूटी के दौरान पर्सनल सुरक्षा को कारण बताकर इस्तीफा दिया था. जिसे हरियाणा सरकार द्वारा नामंजूर कर दिया गया है. लंबे समय से सोशल मीडिया के जरिए आईएएस अधिकारी अपनी जान को खतरा बता रही थी.
वहीं केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने ट्वीट कर इस्तीफा नामंजूर किए जाने की जानकारी सांझा की है. केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया है कि मैं आप सब से एक ख़ुशी का समाचार सांझा कर रहा हूँ कि हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर का इस्तीफ़ा माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नामंज़ूर कर दिया है. इस्तीफ़ा नामंज़ूर करने के लिए मैं मुख्यमंत्री मनोहर लाल का दिल की गहराइयों से आभार प्रकट करता हूं.
रानी ने फिर लगाए गंभीर आरोप
रानी ने गुरुवार को ही ट्विटर पर यूटी गेस्ट हाउस में 13 दिसंबर 2019 को लंच में परोसी गई लोहे की पिन व शिकायत की फोटो भी डाली है. रानी ने लिखा है कि यूटी गेस्ट हाउस के कमरे में स्वयं खाना बनाने के लिए गैस व चूल्हा लगाना मना था. रुपये देकर यूटी गेस्ट हाउस से जो खाना खरीदती थी, उसे लोहे के पिन डालकर दिया जाता था.
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लॉकडाउन व कर्फ्यू में यूटी गेस्ट हाउस को जनता के लिए बंद कर दिया गया, लेकिन उन्हें और बहन रीमा नागर को वहीं रखा. कर्फ्यू में हमें खाना भी नहीं मिला. दोनों ने बड़ी मुश्किल से तरल पदार्थ आदि से अपना गुजारा चलाया. इसके अतिरिक्त यू टी गेस्ट हाऊस के मेरे कमरा नम्बर 311 का दरवाजा कर्फ़्यू में किसी ने बाहर से चाबी लगा कर खोल लिया था और उस समय मैं रानी नागर व मेरी बहन रीमा नागर यू टी गेस्ट हाऊस के मेरे कमरा नम्बर 311 के अन्दर ही थे.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की रहने वाली आईएएस अधिकारी रानी नागर अपनी सुरक्षा को लेकर लगातार चिंतित थी और हरियाणा में एक मामले को लेकर हाईकोर्ट में भी रानी नागर ने शिकायत लगा रखी थी. इस्तीफा सौंपने के बाद विपक्षी पार्टी के नेता भी सरकार पर निशाना साध रहे थे. बीते सोमवार को रानी नागर ने इस्तीफा दे दिया था. अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट लिखकर उन्होंने इसकी जानकारी दी थी.