चंडीगढ़:हरियाणा की राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले तीनों लाल तो अब दुनिया में नहीं रहे. लेकिन उनके वारिस तीनों घरानों की राजनीति को आगे बढ़ा रहे है. हरियाणा बनने से लेकर अब तक की सियासत लाल परिवारों के इर्दगिर्द घूमती रही है. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल, देवीलाल और भजनलाल शामिल है.
तीनों 'लाल' के परिवार की राजनीतिक विरासत सहेजने में लगे बच्चे
अब तीनों लाल के परिवार इनकी राजनीतिक विरासत को सहेजने में लगे हुए हैं. हालांकि कई जगह पर इन परिवारों के दिग्गजों को हार भी देखनी पड़ी है. लेकिन इस बार चुनाव में इन परिवारों के सबसे अधिक वंशज जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं.
ताऊ देवीलाल परिवार के 5 सदस्यों ने हासिल की जीत
- देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री देवीलाल परिवार के 5 सदस्य विधानसभा चुनाव में जीते हैं. देवीलाल परिवार से सबसे अधिक मार्जिन से दुष्यंत सिंह चौटाला उचाना कला सीट से जीत हासिल की है. दुष्यंत ने बीजेपी की प्रेमलता को मात दी है.
- इसके बाद देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला रानियां से 19,431 वोटों से जीत हासिल की. उन्होंने हरियाणा लोकहित पार्टी के गोविंद कांडा को मात दी है.
- ताऊ देवीलाल के पोते और पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला के छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला तीसरी बार ऐलनाबाद से जीत गए हैं. उन्होंने कड़े मुकाबले में बीजेपी के पवन बेनीवाल को 11922 वोटों से मात दी.
- पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला की पत्नी नैना चौटाला बाढड़ा हलके जीती हैं. वो दूसरी बार एमएलए बनी हैं. इससे पहले वे सिरसा जिले की डबवाली से 2014 में भी विधायक बनी थी. नैना ने कड़े मुकाबला में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के बेटे रणबीर महेंद्रा को 13736 वोटों से हराया
- देवीलाल के ही चचेरे भाई के पोते अमित सिहाग भी विधानसभा पहुंचे हैं. अमित सिहाग ने कांग्रेस की सीट से चुनाव लड़ा. ताऊ देवीलाल
देवीलाल ने हरियाणा में जनता पार्टी जनता दल बनाकर अपनी राजनीति शुरू की थी. लेकिन आज जनता दल खत्म हो चुका है और उसकी जगह ओम प्रकाश चौटाला ने 1999 में इंडियन नेशनल लोकदल नाम की पार्टी बनाई थी. लेकिन करीबन 1 साल पहले इसमें भी दरारें आ चुकी हैं. ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला ने जननायक जनता पार्टी बनाई थी. जिसे इस चुनाव में 10 सीटें मिली हैं