चंडीगढ़:हरियाणा के किसानों को परंपरागत खेती की बजाय बागवानी, फल-फूल, सब्जी की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए इंडो-इजराइल तकनीक तहत भिवानी जिले के गांव गिगनाऊ में बागवानी का उत्कृष्ट केंद्र बनाया जाएगा.
इसके अलावा भिवानी के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, लाला लाजपतराय यूनिवर्सिटी ऑफ वेटरनरी एंड एनीमल साईंसिज, हिसार (लुवास) का रीजनल सेंटर भी खोला जाएगा. कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि भिवानी में जहां एचएयू का रीजनल सेंटर खुलने से क्षेत्र के किसानों को सीधा लाभ होगा, वहीं लुवास का रीजनल सेंटर खुलने से क्षेत्र में पशु पालन को बढ़ावा मिलेगा.
उन्होंने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर ही भूमिहीन किसानों को पशुपालन के लिए पशु क्रेडिट कार्ड दिए जाएंगे, जिससे वो भेड़-बकरी, गाय-भैंस पालन के लिए बिना गारंटी के रियायती ब्याज दरों पर ऋण ले सकेंगे.
राज्य सरकार द्वारा भिवानी जिले में खारे पानी वाले स्थानों पर झींगा मछली पालन केंद्र बनाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि प्रदेश के 50 ब्लॉक में सिंचाई विभाग द्वारा ड्रिप इरिगेशन और सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं पर 100 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है.
कृषि मंत्री नेबताया कि लोहारू कस्बे में सिंचाई विभाग का डिवीजनल कार्यालय खोला जाएगा और भिवानी की नई अनाज मंडी के सामने खाली पड़ी जमीन पर वेयर हाऊस का गोदाम बनवाया जाएगा, जिसकी क्षमता करीब 20 हजार मीट्रिक टन होगी
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कृषि मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की जो घोषणा की है. उससे किसानों को काफी फायदा होगा. उन्होंने कहा कि कृषि के साथ-साथ बागवानी और मछली पालन व्यवसायों के प्रति किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए भी सरकार द्वारा कई योजनाएं बनाई गई हैं.