चंडीगढ़: शनिवार को फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स हरियाणा (Haryana Private School Federation) की ओर से चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया. मीडिया से बात करते हुए फेडरेशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि प्रॉपर्टी टैक्स में सरकार ने उन्हें कोरोना काल मे राहत दी थी लेकिन सरकारी अधिकारी प्रॉपर्टी टैक्स माफी के लिए नोटिफिकेशन की मांग कर रहे हैं. फेडरेशन ने ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.
हरियाणा प्राइवेट स्कूल फेडरेशन ने सरकार के खिलाफ फिर खोला मोर्चा, जानिए क्या हैं मांगें - फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स हरियाणा के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा
हरियाणा के निजी स्कूलों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शनिवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स (Haryana Private School Federation) हरियाणा ने अपनी मांगों को लेकर सरकार पर कई आरोप लगाये. फेडरेशन अध्यक्ष ने सरकार से अपनी 25 सूत्रीय मांग पत्र को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की.
![हरियाणा प्राइवेट स्कूल फेडरेशन ने सरकार के खिलाफ फिर खोला मोर्चा, जानिए क्या हैं मांगें Federation of Private Schools Haryana President Kulbhushan sharma](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-15720583-thumbnail-3x2-school.jpg)
फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स हरियाणा के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा (Kulbhushan Sharma) ने कहा कि सरकार को निजी स्कूलों की ओर से 25 सूत्रीय मांग पत्र दिया गया था. इसमे सरकार और फेडरेशन के बीच सहमति बनी थी. लेकिन धरातल पर कोई काम इन मांगों को लेकर नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि पिछले सात साल में मुख्यमंत्री के साथ कोई सीधा संवाद नही हुआ. ऐसे में हमारी मांगे कैसे पूरी होगी. कोरोना काल के दौरान 25 से 40 प्रतिशत ही फीस स्कूलों को आयी है. जिसकी वजह से प्राइवेट स्कूल आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जिन स्कूलों ने प्रॉपर्टी टैक्स लोन लेकर दिए हैं उनका टैक्स अगले साल समायोजित किए जाने की बात हुई थी. लेकिन अधिकारी इस पर काम नहीं कर रहे हैं.
फेडरेशन अध्यक्ष ने कहा कि स्कूल के साथ जो बसें जुड़ी हुई हैं उनकी एनसीआर में 10 साल और एनसीआर के बाहर 15 साल की आयु है. हमारी सरकार से मांग है कि स्कूल की बसों की आयु 2 साल बढ़ाई जाए. उन्होंने कहा कि 134ए को सरकार ने कैंसिल कर दिया लेकिन बच्चे 134ए के तहत अभी भी पढ़ रहे हैं. सरकार जल्द से जल्द हमारे 134ए के तहत बकाये फीसे के पैसे का भुगतान करे. 134ए के दाखिली करीब एक हजार करोड़ की राशि सरकार पर बकाया है. स्कूल सोसाइटी को रिन्यूअल करने के लिए पोर्टल खोला गया था लेकिन कई स्कूलों को इस बारे में पता नहीं लगा. उसको लेकर स्कूलों पर फाइन लगाये जा रहे हैं. इस मामले पर हमने कई बार उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से मिलने का प्रयास किया लेकिन आज तक उनसे मुलाकात नहीं हो पाई है.