चंडीगढ़:एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर नवदीप सिंह विर्क ने लोगों को साइबर जालसाजों से सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा कि साइबर अपराध का एक नया चलन सामने आया है. जालसाज लॉकडाउन प्रतिबंधों का फायदा उठाते हुए सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों को टारगेट कर रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले पेंशनरी लाभ के बहाने उन्हें ठगने का प्रयास कर सकते हैं. ऐसे जालसाजों का मानना है कि तकनीकी जानकार न होने के कारण रिटायर्ड सरकारी कर्मियों को आसानी से ठगा जा सकता है.
उन्होंने बताया कि मौजूदा स्थिति में साइबर अपराध के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. उन्होंने कहा कि हम भोले-भाले लोगों को साइबर जालसाजों के जाल में फंसने से बचाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं. साइबर क्राइम पर ब्रेक लगाने के साथ-साथ पुलिस लगातार एडवाइजरी के माध्यम से भी लोगों को इस दिशा में सतर्क और जागरूक कर रही है.
सेवानिवृत्त कर्मियों पर साइबर ठगों की नजर
एडीजीपी ने कहा कि साइबर जालसाज सबसे पहले सेवानिवृत्त कर्मियों के बारे में कुछ बुनियादी व्यक्तिगत जानकारी जुटाते हैं और फिर सरकारी खजाना विभाग के नाम से अपने टारगेट को फोन करते हैं. इसके बाद वे फोन पर जन्मतिथि, सेवानिवृत्ति की तिथि और अधिकारी की अंतिम पोस्टिंग का सही उल्लेख कर उसका विश्वास जीतने की कोशिश करते हैं.
संबंधित व्यक्ति को विश्वास में लेने के बाद ये जालसाज पेंशन से संबंधित डेटा अपडेट करने के लिए बैंक खाता नंबर, पासवर्ड और लेन-देन का विवरण जैसी व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करके साइबर ठगी का प्रयास करते हैं.