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कोरोना से जंग: चंडीगढ़ आईटीआई कम कीमत के बना रहा 3.5 लाख मास्क - iti chandigarh

चंडीगढ़: कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग द्वारा सूती कपड़े का मास्क तैयार किए जा रहे हैं. कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग इन मास्कों को जिला प्रशासन और गैर सरकारी संगठनों को नाममात्र मूल्य पर उपलब्ध करा रही है.वहीं हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने उनकी इस पहल की सराहना की.

Haryana ITI Department is helping people
चंडीगढ़: कोरोना काल में आईटीआई कर रहा मानवता की सेवा

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Published : Apr 22, 2020, 11:17 AM IST

चंडीगढ़: देश में कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग कोरोना काल में लोगों की सहायता करने का काम कर रहा है. कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग द्वारा सूती कपड़े का मास्क तैयार किए जा रहे हैं. जिसकी गुणवत्ता की तारीफ खुद हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने की है. कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग इन मास्कों को जिला प्रशासन और गैर सरकारी संगठनों को नाममात्र मूल्य पर उपलब्ध करा रही है.

हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग की इस पहल और प्रयासों की सराहना की है. कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के महानिदेश राकेश गुप्ता ने बताया कि मुख्य सचिव को उनके कार्यालय में विभिन्न औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के क्राफ्ट अनुदेशकों द्वारा तैयार किए गए. विभिन्न डिजाइन के मास्क भेंट किए गए हैं.

चंडीगढ़ आईटीआई कम कीमत के बना रहा 3.5 लाख मास्क

मास्क की गुणवत्ता को देखते हुए मुख्य सचिव ने हरियाणा सिविल सचिवालय के कर्मचारियों के लिए आवश्यक मास्क खरीदने का निर्णय लिया है. जो की जिला प्रशासन और स्थानीय गैर सरकारी संगठनों को मास्क दिए जाएंगे. पारदर्शिता बनाए रखने और संस्थान में कच्चे माल के दुरुपयोग से बचने के लिए संस्थान द्वारा कपड़े का उपयोग कर मास्क तैयार किए जा रहे हैं. जिनकी कीमत 8 रुपये प्रति मास्क तय की गई है.

उन्होंने बताया कि कर्मचारी खुद के कपड़े का उपयोग करके भी मास्क तैयार कर रहे हैं. और लोगों को मुफ्त वितरित कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 30 अप्रैल तक स्टाफ एवं प्रशिक्षुओं के माध्यम से तीन लाख मास्क बनाने का लक्ष्य रखा गया है. मास्क के नमूने को स्थानीय अस्पताल से पास करवाना होगा और सूती कपड़े का उपयोग करना होगा. उन्होंने बताया कि कपड़े की गुणवत्ता के आधार पर सिंगल लेयर और मल्टी लेयर क्लॉथ मास्क बनाये जा सकते हैं. ताकि मास्क क्वालिटी टेस्ट पास कर सकें.

कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के महानिदेश राकेश गुप्ता ने बताया कि राज्य में 172 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हैं. जिनमें से लगभग 90 संस्थानों में परिधान क्षेत्र से संबंधित ट्रेड चलाए जा रहे हैं. इन संस्थानों में एक वर्षीय अवधि के लिए हर वर्ष लगभग 3100 प्रशिक्षु दाखिला लेते हैं. और पाठ्यक्रमों के पूरा होने के उपरांत उम्मीदवारों को परिधान क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में आसानी से नौकरी मिल जाती है.

उन्होंने बताया कि कोविड-19 वायरस के फैलने के कारण मास्क की मांग अचानक बढ़ गई है. बाजार में उपलब्ध सर्जिकल मास्क बहुत महंगे हैं. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा सर्जिकल मास्क का उपयोग करने और एक स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमण से बचने के लिए सामान्य सूती कपड़े का मास्क पहनने की हिदायत दी गई है.

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कोविड-19 से बचाव के लिए घर पर कपड़े से बने मास्क के उपयोग का सुझाव दिया था. इसीलिए विभाग ने राजकीय आईटीआई में बड़े पैमाने पर मास्क तैयार करने के साथ-साथ स्वयं सहायता समूहों को मास्क तैयार करने के लिए अपनी मशीनें देने का निर्णय लिया.

उन्होंने बताया कि विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों और प्रधान सचिवों की बैठक में मुख्य सचिव ने मास्क तैयार करने के लिए विभाग की योजना को स्वीकृति प्रदान की थी. जिसके बाद विभाग ने स्वयं सहायता समूहों को उनकी आवश्यकता अनुसार मास्क तैयार करने के लिए अपनी सिलाई मशीनें दी.

उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों ने अपने स्तर पर भी मास्क तैयार करना शुरु कर दिया. राज्य में विभिन्न जिलों में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा अब तक 11.50 लाख से अधिक मास्क तैयार किये जा चुके हैं.

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