चंडीगढ़:महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पुष्प अर्पित किए. जिसके बाद सीएम ने आदि काव्य रामायण के रचियता महर्षि वाल्मीकि जी के जन्म दिवस पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं भी दी. इस दौरान शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला और बवानीखेड़ा के विधायक विशम्भर सिंह ने भी पुष्प अर्पित किए. इस अवसर पर विधायक विशम्भर सिंह ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को महाकाव्य रामायण की प्रति भेंट की.
महत्वपूर्ण धर्मग्रंथ रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि जयंती (maharishi valmiki jayanti 2021) 20 अक्टूबर को मनाई जा रही है. वाल्मीकि का जन्म हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार अश्विन महीने की पूर्णिमा को हुआ था. हर साल अश्विन महीने की पूर्णिमा के दौरान, देश के विभिन्न हिस्सों में कई धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
महर्षि वाल्मीकिके जन्म के बारे में कई किवदंतियां
महर्षि वाल्मीकि के जन्म के बारे में कई किंवदंतियां हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि उनका जन्म महर्षि कश्यप और देवी अदिति के 9वें पुत्र वरुण और उनकी पत्नी चारशिनी से हुआ था. इस क्षेत्र में पहला श्लोक लिखने का श्रेय महर्षि वाल्मीकि को भी जाता है.
एक अन्य कथा के अनुसार, प्रचेता नाम के एक ब्राह्मण के पुत्र, उनका जन्म रत्नाकर के रूप में हुआ था, जो कभी डकैत थे. नारद मुनि से मिलने से पहले उन्होंने कई निर्दोष लोगों को मार डाला और लूट लिया, जिन्होंने उन्हें एक अच्छे इंसान और भगवान राम के भक्त में बदल दिया. वर्षों के ध्यान अभ्यास के बाद वह इतना शांत हो गया कि चींटियों ने उसके चारों ओर टीले बना लिए. नतीजतन, उन्हें वाल्मीकि की उपाधि दी गई, जिसका अनुवाद 'एक चींटी के टीले से पैदा हुआ' है.