हरियाणा

haryana

ETV Bharat / city

Haryana Cabinet Decisions: हरियाणा कैबिनेट ने नई लैंड पूलिंग पॉलिसी को दी मंजूरी, वाहन मालिकों को भी दी राहत

हरियाणा कैबिनेट बैठक शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित की (Haryana Cabinet meeting) गई. जिसमें कई अहम फैसलों को मंजूरी मिली. इस बैठक में वाहन मालिकों को बड़ी राहत मिली है. इसके अलावा कैबिनेट ने लैंड पूलिंग पॉलिसी को भी मंजूरी प्रदान की है. पढ़ें कैबिनेट के फैसले...

Haryana cabinet meeting
Haryana cabinet meeting

By

Published : Jul 29, 2022, 11:10 PM IST

चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक (Haryana Cabinet meeting ) हुई. जिसमें कई अहम फैसलों को मंजूरी मिली. इस बैठक में वाहन मालिकों को राहत देने को लेकर भी बड़ा फैसला (Haryana Cabinet Decisions) हुआ है.

33% राशन डिपो महिलाओं को मिलेंगे- हरियाणा कैबिनेट की बैठक में हरियाणा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (अनुज्ञप्ति तथा नियंत्रण) आदेश, 2022 के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. जिसके तहत उचित मूल्य की दुकान जारी करने के लिए 33% महिला आरक्षण दिया जाएगा. उचित मूल्य की दुकान का लाइसेंस कम से कम 300 लाभार्थियों के राशन कार्ड के लिए दिया जाएगा. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में इस उद्देश्य के लिए एक गांव को एक इकाई के रूप में माना जाएगा. गांव के 300 से कम राशन कार्ड के लिए भी उचित मूल्य की दुकान का लाइसेंस जारी किया जाएगा.

वाहन मालिकों को राहत- हरियाणा में वाहन मालिकों को बड़ी राहत देते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश में विभिन्न श्रेणियों के मोटर वाहनों पर लगाए जाने वाले मोटर वाहन कर की जुर्माना (पैनल्टी) दरों को युक्तिसंगत और संशोधित करने का निर्णय लिया है. संशोधन के अनुसार, वाहन मालिक या वह व्यक्ति, जिसके कब्जे या नियंत्रण में वाहन है, उनके द्वारा निर्धारित समय में मोटर वाहन के संबंध में देय कर भुगतान नहीं किया गया है, तो देय कर के भुगतान के अलावा वे देय कर पर 3 प्रतिशत प्रति माह की दर से पैनल्टी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे.

वर्तमान में मोटर वाहन कर की बकाया राशि पर प्रत्येक दिन की देरी के लिए 0.5 प्रतिशत प्रतिदिन की दर से पैनल्टी, जोकि 15 प्रतिशत प्रति माह बनता है, तथा पैनल्टी पर 1 प्रतिशत प्रति माह की दर से साधारण ब्याज लगाया जाता है. कर प्रशासन को तर्कसंगत, सरल और कुशल बनाने के लिए यह पाया गया कि जुर्माने की दर अधिक है और बेहतर कर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए इसे युक्तिसंगत बनाने की आवश्यकता है.

लैंड पूलिंग पॉलिसी को मंजूरी-मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा लैंड पूलिंग पॉलिसी-2022 को (land pooling policy 2022) मंजूरी प्रदान की गई (haryana land pooling policy) है. शहरीकरण और औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए पूलिंग पॉलिसी में बदलाव किया गया है. चूंकि भूमि मालिक विकास प्रक्रिया में भागीदार होंगे, इसलिए नीति का उद्देश्य भूमि के आवंटन को रिक्त भूमि (रॉ लैंड) की लागत से जोड़कर उन्हें अधिकतम लाभ प्रदान करना है.

नीति में विभिन्न चरणों में समय-सीमा निर्धारित की गई है ताकि भूमि मालिकों के हितों की सु‌रक्षित की जा सके और समयबद्ध तरीके से भूमि विकास के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके. हरियाणा लैंड पूलिंग पॉलिसी-2022 का उद्देश्य बुनियादी ढांचे के विकास सहित नियोजित विकास के उद्देश्य को प्राप्त करना और उक्त विकास में भागीदार बनने के इच्छुक भूमि मालिकों की स्वैच्छिक भागीदारी के माध्यम से भूमि प्राप्त करना है.

इस नीति का उद्देश्य हरियाणा अनुसूचित सड़क एवं नियंत्रित क्षेत्र प्रतिबंध के प्रावधानों के अनियमित विकास अधिनियम, 1963 के तहत राज्य सरकार द्वारा पब्लिशड डेवलपमेंट प्लान के निर्धारित क्षेत्र के भीतर एक सेक्टर या उसके हिस्से के विकास के लिए भूमि के पूलिंग हेतू एक निष्पक्ष और पारदर्शी तंत्र विकसित करना है. इस नीति के तहत हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) पब्लिशड डेवलपमेंट प्लान में शहरी क्षेत्र के भीतर स्थित क्षेत्रों के मामले में आवासीय, वाणिज्यिक, संस्थागत और बुनियादी ढांचे का विकास करेगा. इसके अलावा, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (HSIIDC) इस नीति के तहत हरियाणा में कहीं भी औद्योगिक, बुनियादी ढांचे या संस्थागत उद्देश्यों के लिए विकास कार्य करेगा.

इस नीति के तहत एचएसआईआईडीसी और एचएसवीपी के लिए उपरोक्त उद्देश्यों के अलावा राज्य सरकार किसी भी विभाग या किसी बोर्ड, निगम या राज्य सरकार के स्वामित्व और नियंत्रण वाले अन्य संगठन को किसी भी निर्दिष्ट विकास उद्देश्य के लिए अधिकृत किया जा सकता है। ऐसा तब किया जाएगा, जब राज्य सरकार को ऐसा करना आवश्यक लगेगा.

यह नीति निर्दिष्ट विकास उद्देश्य के लिए परियोजना हेतू भूमि की पेशकश करने वाले भूमि मालिकों पर लागू होगी. यह नीति उन एग्रीगेटर पर लागू होगी, जो निर्दिष्ट विकास उद्देश्य के लिए परियोजना हेतू भूमि की पेशकश करने के लिए कई भूमि मालिकों के साथ समझौते के तहत भूमि एकत्र करता है. यह नीति विकास योजना में निर्दिष्ट भूमि उपयोग के अनुरूप भूमि के लिए लागू होगी. साथ ही, यह नीति हरियाणा में किसी अन्य क्षेत्र के संबंध में भी लागू होगी, जहां विकास का उद्देश्य बुनियादी ढांचा या औद्योगिक विकास हो.

आवेदन की प्रक्रिया-इस नीति के तहत, कोई भी भूमि मालिक, या तो सीधे या एक एग्रीगेटर के माध्यम से प्रकाशन में निर्दिष्ट अवधि, जोकि 60 दिनों से कम नहीं होगी, के भीतर विकास उद्देश्य के लिए परियोजना हेतू भूमि की पेशकश करने के लिए आवेदन जमा कर सकता है. इस अवधि को डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन द्वारा आवश्यकता अनुसार बढ़ाया भी जा सकता है, लेकिन यह 30 दिनों से अधिक नहीं होगी. आवेदन के लिए कोई शुल्क नहीं होगा.

भूमि मालिक परियोजना के लिए प्रस्तावित भूमि के विवरण के साथ डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन की वेबसाइट पर अपना आवेदन ऑनलाइन जमा करेंगे. मैन्युअल रूप से जमा किए गए किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा और ऐसे आवेदन को खारिज कर दिया जाएगा. परियोजना के लिए आवेदन करने में सहायता के लिए डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन द्वारा एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर प्रदान किया जा सकता है.

दीन दयाल जन आवास योजना-रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने और किफायती आवास परियोजनाओं का लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए हरियाणा सरकार ने दीन दयाल जन आवास योजना-अफोर्डेबल प्लॉटेड हाउसिंग पॉलिसी, 2016 में 50 प्रतिशत बिक्री योग्य क्षेत्र को फ्रीज करने के प्रावधान को हटा दिया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दीन दयाल जन आवास योजना-अफोर्डेबल प्लॉटेड हाउसिंग पॉलिसी, 2016 में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई.

बैंक गारंटी की एवज में बिक्री योग्य क्षेत्र के मोर्टगेज का प्रावधान- परियोजना के पूरा होने में किसी भी संभावित चूक के विरुद्ध सुरक्षा के मामले में, अब कॉलोनाइजर को निदेशक के पक्ष में इंटरनल डेवलपमेंट वर्क्स और ईडीसी के लिए आवश्यक बैंक गारंटी के विरूद्ध 10 प्रतिशत बिक्री योग्य क्षेत्र को कवर करने वाले आवासीय भूखंडों को मोर्टगेज रखना होगा.

अब डेवलपर्स को आवश्यकता-आधारित कम्युनिटी साइट के निर्माण के लिए अतिरिक्त विकल्प मिलेंगे संशोधन के अनुसार, कॉलोनी के निवासियों के बड़े पैमाने पर उपयोग और सामुदायिक सुविधा के प्रावधान के लिए डेवलपर को अपनी लागत पर आवश्यकता-आधारित कम्युनिटी साइट के निर्माण के लिए अतिरिक्त विकल्प मिलेगा। इसके अलावा, कॉलोनाइजर को ऐसे सामुदायिक भवन से सदस्यता शुल्क/ फीस जैसे कोई लाभ अर्जित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. कॉलोनाइजर को फाइनल कम्पलीशन सर्टिफिकेट प्रदान करने से पहले कम्युनिटी साइट का ओक्यूपेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करना आवश्यक है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details