चंडीगढ़: प्रदेश के मुखिया मनोहर लाल खट्टर गठबंधन सरकार का तीसरा बजट (Haryana budget 2022) पेश किया. इस दौरान उन्होंने इस साल स्वास्थ्य पर सरकार द्वारा किए जा रहे खर्च का ब्योरा जारी किया. सीएम ने इस बार बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 8925 करोड़ का प्रावधान किया है. पिछले साल की तुलना में इस बार स्वास्थ्य बजट 21.65 फीसदी अधिक है. सरकार ने बजट 2021 में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 7731 करोड़ का प्रावधान किया था.
सदन में बजट पेश करते हुए सीएम खट्टर ने कहा कि सरकार राज्य में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को बढ़ाने की ओर ध्यान केंद्रित कर रही है. हालांकि सरकार साल 2019 में कोविड के नए-नए वेरिएंट के चलते आई कई तरह की तुनौतियों का सामना करने में सक्षम रही. ऐसे माहौल में गुणवत्ता परख स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने और स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ करने के लिए सरकार काम कर रही है. सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों को स्वास्थ्य सेवाओं के राष्ट्रीय मानकों यानी राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) को हासिल करने के लिए अपग्रेड किया जाएगा.
आगामी तीन वर्षों में चरणबध्य तरीके से सीएचसी और पीएचसी को भारतीय जनस्वास्थ्य मानकों के अनुसार अपग्रेड किया जाएगा. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को वेलनेस सेंटर्स के रूप में विकसित किया जाएगा. जिसमें आयुष सुविधाएं और पोषण संबधित मार्ग दर्शन सहित स्वास्थ्य और वेलनेस से जुड़ी सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिल सकेंगी. साथ ही सीएम ने कहा कि करीब 40 किमी दूरी पर स्थिति सभी उपमंडल स्तरीय अस्पतालों को ऑक्सीजन आपूर्ति के प्रावधान के साथ 100 बेड के अस्पताल के रूप में अपग्रेड किया जाएगा.
सरकार ने न्यूनतम आय 1.80 लाख रुपये वाले परिवारों को हर 2 साल में मुफ्त मेडिकल टेस्ट की घोषणा की. दिव्यांगों को स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच और स्वास्थ्य देखभाल खर्च पूरा करने में सरकारी सहायता की आवश्यकता है. 70 या इससे अधिक विकलांगता वाले सभी दिव्यांगों की पारिवारिक आय 3 लाख या इससे कम हैं उन्हें आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से पूर्ण चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाएगी.