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सरकार का दावाः पराली न जलाने के लिए हमने की किसानों की मदद, घटनाओं में आई कमी - हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं

दी गई जानकरी के अनुसार वर्ष 2018 में 6 नवंबर से 24 नवंबर तक 4135 पराली जलाने की घटनाएं हुई थी जबकि इस वर्ष इसी अवधि में केवल 1408 घटनाएं हुई हैं. इसी प्रकार, पिछले साल पूरे सीजन में पराली जलाने की 10050 घटनाएं हुई थी,जबकि इस वर्ष पूरे सीजन में 6581 घटनाएं दर्ज की गई हैं.

manohar lal khattar
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Published : Nov 28, 2019, 12:05 PM IST

Updated : Nov 28, 2019, 3:12 PM IST

चंडीगढ़ःप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तरफ से हरियाणा में पराली जलाए जाने के मामलों को रोकने के लिए सरकार की तरफ से उठाए जा रहे कदमों पर पूछे सवाल के बाद हरियाणा सरकार ने आंकड़ों सहित जानकारी सांझा की है.

3438 किसानों को दिए गए 1,45,00,758 रुपये
सरकार के अनुसार पराली जलाने से रोकने के लिए गैर-बासमती धान की पराली न जलाने के लिए लघु एवं सीमांत किसानों को 100 रुपये प्रति किवंटल की दर से विशेष प्रोत्साहन राशि देने की योजना के तहत 6 नवंबर से 24 नवंबर तक 3438 किसानों को एक करोड़ 45 लाख 758 रुपये दिए चुके हैं.

किसानों को सब्सिडी दर पर दिए गए विशेष उपकरण
प्रदेश में 6 नवंबर 2019 से 24 नवंबर तक पराली जलने की घटनाओं में 65.94 प्रतिशत की कमी और पिछले वर्ष के मुकाबले इस पूरे सीजन में 34.50 प्रतिशत की कमी आने का दावा किया है. सरकार का दावा है कि यह कमी हरियाणा सरकार द्वारा राज्य में पराली न जलाने के लिए किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए सब्सिडी दर पर विशेष उपकरण भी उपलब्ध करवाये जाने के परिणामस्वरूप हुआ है.

सरकार का दावाः पराली न जलाने के लिए हमने की किसानों की मदद, घटनाओं में आई कमी.

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पराली जलाने की घटनाओं में आई कमी
दी गई जानकरी के अनुसार वर्ष 2018 में 6 नवंबर से 24 नवंबर तक 4135 पराली जलाने की घटनाएं हुई थी जबकि इस वर्ष इसी अवधि में केवल 1408 घटनाएं हुई हैं. इसी प्रकार, पिछले साल पूरे सीजन में पराली जलाने की 10050 घटनाएं हुई थी,जबकि इस वर्ष पूरे सीजन में 6581 घटनाएं दर्ज की गई हैं.

सब्सिडी दरों पर उपलब्ध कराए गए 150 बैलर्स
कस्टमर हायरिंग सेंटर के माध्यम से पराली के एक्स सीटू और इन सीटू प्रबंधन के लिए 150 बैलर्स सब्सिडी दरों पर उपलब्ध करवाए गए. इसके अलावा, पराली के एक्स सीटू और इन सीटू प्रबंधन के लिए कस्टमर हायरिंग सेंटरों को परिचालन लागत के रूप में 1 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई गई.

जिलों और गावों में हुई अधिकारियों की नियुक्ति
पराली की समस्या के चलते सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद हरियाणा सरकार की तरफ से कई अहम कदम उठाए गए थे. इसी में वरिष्ठ स्तर के आईएएस अधिकारियों को हर जिले में निगरानी के लिए नियुक्त किया गया. इसके अंतर्गत पी.के.दास को जिला कैथल, देवेंद्र सिंह को जिला फतेहाबाद, टीसी गुप्ता को जिला सिरसा, डॉ.महावीर सिंह को जिला जींद और अनुराग रस्तोगी को हिसार जिला सौंपा गया है और गांवों में भी नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई थी.

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Last Updated : Nov 28, 2019, 3:12 PM IST

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